– आप RTE में आरक्षित 25 % मुफ्त सीट और 8 वि कक्षा तक मुफ्त शिक्षा कैसे पा सकते हैं?
नागपुर – हमे यह जानकर जरा भी आश्चर्य नहीं होता जब लोग हमसे कहते हैं कि उन्हें आर टी ई 25% की मुफ्त शिक्षा प्रणाली के बारे में मालूम नहीं है। हर रोज हमे कई कॉल आते हैं जिसमें पालक आरटीई में मुफ्त सीट पाने के लिए हमसे अनेकों सवाल पूछते हैं और हमसे सुझाव लेते हैं। रोज के आने वाले फोन कॉल्स और पालक द्वारा पूछे जाने वाले विभिन्न तरह के सवालों से प्रेरित होकर हमने यह लेख उन लोगों के लिए लिखा है जिन्हें आरटीई 25% आरक्षित सीट पाने की इच्छा है। नीचे आरटीई के अंतर्गत आने वाली स्कूलों की 25% आरक्षित सीटों को पाने की मूलभूत जानकारी दी है। हालांकि ऐसा भी हो सकता है कि आपके और कोई दूसरे सवाल होंगे जिनका उत्तर इस लेख में नहीं दिया हुआ है। ऐसी परिस्थिति में आप 9 3 7 37 3 3 3 3 7 पर व्हाट्सएप मैसेज भेज कर अपना सवाल पूछ सकते हैं और उसका जवाब आपको त्वरित मैसेज कर दिया जाएगा। सबसे पहले आपका यह जानना जरूरी है की आरटीई 25% आरक्षण क्या है? आपको यह बताना चाहते हैं की 25% आरटीई के अंतर्गत आर्थिक रूप से दुर्बल पालक जो अपने बच्चों को अच्छे निजी स्कूलों में पढ़ाने के लिए फीस भरने में असक्षम है उनके लिए सरकार ने निजी स्कूलों में 25% सीट मुफ्त में आर्थिक रूप से दुर्बल पालकों के लिए प्रावधान बनाया है। इस प्रावधान में 3 साल की उम्र से लेकर 6 साल की उम्र तक के बच्चे को मुफ्त शिक्षा नर्सरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक देना स्कूल के लिए अनिवार्य होता है। अमूमन 3 साल के बच्चे का एडमिशन या दाखिला नर्सरी कक्षा में होता है, 4 साल के बच्चे का दाखिला जूनियर केजी में होता है और 6 साल के बच्चे का पहली में दाखिला होता है। अब जरूरी यह नहीं है कि हर स्कूल जो आरटीई 25% आरक्षित सीधे प्रदान करता है वह नर्सरी से ही दाखिला दे। कुछ स्कूल नर्सरी कक्षा के लिए दाखिला देते हैं तो कुछ स्कूल जूनियर केजी से दाखिला देते हैं। पर ज्यादातर स्कूल कक्षा पहली से आठवीं कक्षा तक दाखिला देते हैं। पालकों को यह ध्यान में रखना है की स्कूलों का चयन करते वक्त यह सुनिश्चित कर लें की जो स्कूल उन्होंने पसंद किया है वह उस कक्षा का दाखिला प्रदान कर रहे हैं कि नहीं जिस कक्षा की दरकार पालक को अपने बच्चे के लिए है। दूसरी ध्यान में रखने वाली बात यह है की आरटीई 25% आरक्षित सीट का आवेदन पालकों को ऑनलाइन एप्लीकेशन द्वारा करना पड़ता है। उस एप्लीकेशन में पालक को बच्चे के तमाम डीटेल्स डालने पड़ते हैं जैसे कि पिता का नाम माता का नाम, बच्चे की जन्म तारीख कौन सी जात, अपना पत्ता एवं कौन से स्कूल में वह अपने बच्चे का दाखिला करवाना चाहते हैं। एप्लीकेशन में दर्शाए हुए पते के अनुसार पोर्टल पर ऑटोमेटिक तरीके से पते के 3 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी स्कूल के नाम आ जाते हैं। पालक किन्ही 10 स्कूलों का एप्लीकेशन में चयन कर सकते हैं। बाद में जिसमें से लॉटरी द्वारा एक स्कूल निर्धारित होता है। पालकों को इस बात का ध्यान रखना जरूरी है की जो भी स्कूल का चयन वह कर रहे हैं वह स्कूल उनके घर के पते से 3 किलोमीटर के दायरे में हो और जितना कम यह स्कूल और घर का दायरा होगा उतना ही ज्यादा लॉटरी में नंबर लगने की संभावना रहेगी। दूसरी ध्यान रखने वाली बात यह है की आवेदन करते वक्त यह सुनिश्चित कर लें की आपने जिन दस्तावेजों को प्रस्तुत करने का उल्लेख ऑनलाइन एप्लीकेशन में किया है वह सभी दस्तावेज आपके पास बच्चे का लॉटरी में चयन होने के बाद वेरीफिकेशन कमेटी के समक्ष पेश करने के लिए उपलब्ध हो और साथ ही में आप जो भी एप्लीकेशन में जानकारी दर्ज करा रहे हैं वह सभी जानकारी को सत्यापित करने वाले दस्तावेज आपके पास उपलब्ध हो। गलत जानकारी देकर या जानकारी देकर दस्तावेज वेरिफिकेशन कमेटी के सामने नहीं पेश करने के स्तीथि में आपके बच्चे का एडमिशन रद्द भी हो सकता है। यह जानना आपके लिए जरूरी है की आरटीई 25% आरक्षण में किसी कारणवश अगर आपको दी गई सीट आपने नहीं ली या आपके दस्तावेज की कमी के कारण या त्रुटि के कारण आपके बच्चे का एडमिशन रद्द कर दिया गया तो आप दोबारा कभी भी आरटीई 25% आरक्षण का लाभ आगे नहीं ले पाएंगे। आरटीई की सीट सिर्फ एक बार की आवंटित की जाती है और दोबारा कभी नहीं।
आरटीई के अंतर्गत घटस्पोटित या विधवा या अन्य किसी रूप से सिंगल मदर को भी प्रधान्य दिया जाता है। इस हालत में महिला को फॉर्म भरते हुए एप्लीकेशन में यह दर्शना जरूरी है की वह विधवा है या घटस्पोटित है या अन्य कोई समस्या है। इस प्रकार के प्रकरण में महिला के पास अगर मायके के नाम के भी दस्तावेज है तो वह वेरिफिकेशन कमेटी माननीय करती है। क्योंकि अक्सर ऐसा होता है की घटस्पोटित महिला के पूर्व पति दस्तावेज देने से इंकार कर देते हैं तो ऐसी स्थिति में दस्तावेजों के अभाव में बच्चे का दाखिला रद्द ना हो इसलिए यह नियम बनाया गया है। कुछेक ऐसे प्रकरण होते हैं जिसमें दस्तावेजों के अभाव में वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करने का प्रावधान भी है। परंतु यह वैकल्पिक दस्तावेज वेरिफिकेशन कमेटी या आरटीई की नियमावली के अनुसार होनी चाहिए। हाल फिलहाल में आरटीई 25% आरक्षण में आने वाली स्कूलों का पंजीयन शुरू है जो 3 फरवरी तक चलेगा। स्कूलों का पंजीयन इस बात को सुनिश्चित करता है की हर वह स्कूल जो आरटीई 25% आरक्षण में आता है वह स्कूल अपनी सीटें इस साल भी दे रहा है। जब सभी स्कूल अपनी सीटों का ब्यौरा पंजीयन के द्वारा दर्शा देते हैं तब जाकर ऑनलाइन एप्लीकेशन का पोर्टल पालकों के आवेदन भरने के लिए शुरू कर दिया जाता है। क्योंकि बिना उपलब्ध सीटों के पोर्टल का कोई उपयोग नहीं रहेगा, क्योंकि यह अनिवार्य है कि जब पालक अपने बच्चे के लिए कोई स्कूल का चयन करें तो उसके लिए पोर्टल पर सीट भी या स्कूल का नाम भी दिखना चाहिए इसलिए पहले स्कूलों का पंजीयन करा लिया जाता है और बाद में पोर्टल को शुरू किया जाता है। ऐसी अनेकों- अनेक प्रश्न और शंकाओं पालकों के मन में होंगी जिनका यहां कोई उल्लेख नहीं होगा ऐसी स्थिति में पालकों से निवेदन है कि वह ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप करके अपने सवालों के जवाब हासिल कर ले। या मुफ्त मार्गदर्शन के लिए फोन कर ले। मार्गदर्शन और आरटीई 25% आरक्षण के अंतर्गत आने वाले लाभ और अन्य फॉर्म को भरे जाने वाली जानकारी को जानने के लिए निसंकोच आप मैसेज या कॉल कर सकते हैं। @फाईल फोटो
– श्वेता एस