– बड़ी चोरी,राजस्व नुकसान को हल्का करने के लिए सिर्फ गाड़ियों के कागजातों सम्बन्धी मामला दर्ज किया गया
यवतमाळ/नागपुर –2,41,80,000 रूपए का कोयला सह वाहन जप्ती के बाद उक्त कोयला माफियाओं को बचाने के लिए यवतमाळ पुलिस ने समझौता करते हुए सिर्फ मामूली सा मामला दर्ज किया,वह भी 11 घंटे बाद.दर्ज मामले के अनुसार गाड़ियों के कागजातों का आभाव दर्शाया गया,जिसकी पूर्तता बाद कोयले से ओवरलोडेड सभी 8 गाड़ियों को छोड़ दिया जाएगा।इन सभी गाड़ियों को थाने व न्यायालय से छोड़ने का अधिकार हैं.अर्थात उक्त ट्रको को कोयला सह पकड़ने और उन पर मामला दर्ज करने के मध्य समय का बड़ा अंतर सह हल्का मामला दर्ज करने की सम्पूर्ण जिले में चर्चा हो रही कि कोल माफिया अग्रवाल-जैन ने यवतमाळ पुलिस से बड़ा समझौता किया। मामला दर्ज करने के पीछे कारण यह है कि उक्त गाड़ियों को ओवरलोडेड कोयला सह पकड़ने की खबर NEWSTODAY24*7′ ने सार्वजानिक कर दी थी.
पुलिस प्रशासन की कार्रवाई में पारदर्शिता होती तो गाड़ियों को पकड़ते ही CBI(क्यूंकि मामला केंद्र सरकार से सम्बंधित है),RTO,जिला खनन विभाग,GST आदि विभागों को जानकारी देकर मामले की जाँच में शामिल करता लेकिन क्यूंकि कोल माफिया अग्रवाल व जैन के प्रतिनिधि समय पर पहुँच गए और मामले को हल्का करने में बड़ी सफलता हासिल की.
माफियाओं को 75% कोयला पॉवर प्लांट को और शेष 25% कमर्शियल अर्थात खुले बाजार में बेचने का नियम है लेकिन उक्त कोल माफिया खुलेआम अधिकांश कोयला अवैध रूप से खुले बाजार में ग्राहकों को बेच रहा हैं.
जल्द ही एमओडीआई फाउंडेशन इस सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी संकलन कर IG को सूचित कर उच्च न्यायालय की शरण में जाने की जानकारी दी है