महाराष्ट्र, गुजरात में 24 ठिकानों पर ईडी ने की छापेमारी

-फर्जी दस्तावेजों और नकली केवाईसी के जरिए बैंक खाते खोलने का मामला-

 नागपुर :- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘वोट के बदले नकदी’ मामले में गुरुवार 14 नवंबर को महाराष्ट्र और गुजरात में 24 स्थानों पर छापेमारी की. ये मामला मुख्य रूप से फर्जी दस्तावेजों और नकली केवाईसी के माध्यम से बड़े पैमाने पर बैंक खाते खोलने से जुड़ा हुआ है। ईडी के मुताबिक, ये छापेमारी विशेष रूप से वित्तीय धोखाधड़ी और अवैध तरीके से बड़ी संख्या में बैंक खाते खोलने के मामले में की गई है. ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि मालेगांव के एक व्यापारी सिराज अहमद से जुड़ी संपत्तियों की जांच की गई, जिस पर अवैध लेनदेन के र जरिए 125 करोड़ रुपए से अधिक की रकम हड़पने का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 12 बेरोजगार युवकों के मालेगांव मर्चेंट बैंक खातों में जमा 125 करोड़ रुपए को लेकर भी इस दौरान जांच की है.                                                                                                            मुंबई में 5 जगह ली गई तलाशी

ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि अहमद ने मालेगांव मार्केट कमेटी में नौकरी दिलाने के बहाने युवाओं के आधार और पैन कार्ड एकत्र किए और बेखबर युवाओं के खातों में बैंकिंग लेनदेन के लिए फर्जी कंपनियां खोलीं। ईडी ने अहमदाबाद में 13 स्थानों पर, सूरत में 3 जगह, मालेगांव में 2, नाशिक में एक स्थान पर और मुंबई में 5 जगह एक साथ छापेमारी की. यह कार्रवाई मालेगांव पुलिस द्वारा सिराज अहमद हारुन मेमन के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के बाद की गई। सिराज अहमद एक स्थानीय व्यापारी है, जिस पर अनधिकृत वित्तीय संचालन के लिए बैंक खातों का दुरुपयोग करने का संदेह है.

14 बैंक खातों में 21 अक्टूबर 2०24 तक हुए 22०० लेनदेन

मोहम्मद साजिद (निवासी मालेगांव), मोइन खान (निवासी मालेगांव) के खाते क्रमश: गंगासागर एंटरप्राइजेज और धनराज एयो के नाम पर हैं। ये 14 खाते 23 सितंबर से 3 अक्टूबर के बीच खोले गए थे। ईडी ने बैंक से सभी 14 बैंक खातों के बैंक स्टेटमेंट एकत्र किए हैं. खाता खुलने से लेकर 21 अक्टूबर 2०24 तक (खाता फीज होने तक) कुल 2200 लेनदेन हुए हैं। ये लेनदेन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की 153 बैंक शाखाओं में हुए.

मक्के का कारोबार शुरू करने के नाम पर मांगे थे बैंक खाता नंबर

सिराज अहमद की एक चाय और कोल्ड ड्रिंक की एजेंसी भी है. इसमें शिकायतकर्ता जयेश का भाई गणेश अपने परिवहन वाहन से माल की आपूर्ति करता था. सिराज ने गणेश से कहा था कि वह मक्के का कारोबार शुरू करना चाहता है और किसानों से पैसा इकट्ठा करने के लिए उसे बैंक खातों की जरूरत है। उन्होंने शिकायतकर्ता जयेश, गणेश और 10 अन्य से पैन कार्ड, आधार कार्ड और सिम कार्ड ले लिया और बैंक में खाता खोलने के लिए बैंक ले जाया गया. सिराज अहमद ने सभी बैंक खाता खोलने के फॉर्म, एफडी फॉर्म, लोन फॉर्म आदि पर हस्ताक्षर ले लिए। बदले में सिराज ने उन्हें मालेगांव के एपीएमसी बाजार में सभी नौकरियां देने का वादा किया था. इन 12 खातों के अलावा सिराज ने अपने दोस्तों के नाम पर दो और खाते भी खोले थे.

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