नागपुर :- कोई भी चुनाव हो जीत अपनों का अपनों के मध्य हो तो जीत अपनों की ही होती है,बाहरी नेतृत्व पनपता नहीं हैं.भाजपाई पदाधिकारियों का मानना है कि सुनील केदार भले कांग्रेस में है, लेकिन वे कांग्रेस के भरोसे नहीं,बल्कि खुद के भरोसे है,वे तहे दिल से किसी नेतृत्वकर्ता को मानते है तो वे है सिर्फ और सिर्फ नितिन गडकरी।
दूसरे अनीस अहमद इन्हे भी मध्य नागपुर से विधानसभा पहुँचाने में नितिन गडकरी का सहयोग को नाकारा नहीं जा सकता है और तीसरे बंटी शेलके जिन्हें नगरसेवक बनाने में भाजपा के स्थानीय नेताओं का बड़ा योगदान रहा,नहीं तो आरएसएस के मुख्यालय परिसर से कांग्रेस ना मुमकिन था.वह भी इसलिए क्यूंकि गडकरी के करीबी किचन केबिनेट के सदस्य पूर्व नगरसेवक व पूर्व मनपा पदाधिकारी को घर बैठाना था.
आज उक्त तीनों भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ न सिर्फ एकमंच पर है,बल्कि भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ आग उगल रहे.
इन्हीं में से एक ‘एमडी’ का शौक़ीन है,कोरोना काल में जमकर महल,इतवारी,गांधीबाग के व्यापारियों को आर्थिक नुकसान पहुँचाया था,आज वहीं ‘खंडणी मुक्त व्यापार’ के झांसे दे रहा हैं.उक्त कोंग्रेसियों से मध्य नागपुर,व्यापारिक क्षेत्र त्रस्त है,न वे निशुल्क मदद करते,और ही किसी को कोई सकारात्मक उम्मीद है,इनसे भविष्य में.
इसलिए स्थानीय व्यापारी मंडलों ने ‘खंडणी मुक्त व्यापार’ और ‘उड़ता मोमिनपुरा/व्यापारी इलाका’ होने से बचाने के लिए सक्षम उम्मीदवार को चुनाव कर लाने की अपील की हैं.