– रामटेक विधानसभा क्षेत्र के दो मुख्य प्रतिस्पर्धी उम्मिदवारोंं के चुनाव चिन्हों के झंडे एक ही बिजली पोल पर
नागपुर :- इन दिनों संपूर्ण महाराष्ट्र सहित जिले-जिले, तहसील, गांवों में विधानसभा चुनाव के लिए बैनर, पोस्टर्स, फलक, पताके, झंडे लगाकर घर-घर प्रचार पत्रक वितरित कर वाहनों पर पार्टी के झंडे लगाकर, माइक लगाकर अपने पार्टी का उम्मीदवार कैसा सबसे अधिक श्रेष्ठ है. इसलिए मतदाताओं ने अपने पार्टी के उम्मीदवार के चुनाव चिन्ह के आगे की बठन दबाकर उन्हें भारी वोटों से चुनकर दें, ऐसा कहकर प्रचार कार्य कर रहे है. अनेक स्थानों पर चुनाव के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं में खून का रिश्ता और दोस्ती का रिश्ता अलग रख चुनाव विचारों की लड़ाई न होकर इंसान की लड़ाई हो ऐसा दर्शाकर विवाद होने और वह चरम तक बढऩे का प्रमाण भी अखबारों में हमेशा पढऩे को मिलता है. परंतु, इसे अपवाद रामटेक विधानसभा क्षेत्र के अरोली गांव है. इस गांव में रामटेक विधानसभा क्षेत्र के 17 उम्मिदवारों में से दो मुख्य प्रतिद्वंदी शिवसेना शिंदे गुट के विधायक आशीष जयस्वाल यह तीर कमान चिन्ह पर तो कांग्रेस के बागी निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र मुलक बैट चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे है. परंतु, इन दोनों के झंडे एक ही पोल पर यहां के कार्यकर्ताओं ने लगाकर यह इंसान की लड़ाई नही तो यह विचारों की लड़ाई है यह संदेश जहसील, जिले, राज्य में ही नही तो संपूर्ण देश में दे रहा है.
रामटेक विधानसभा क्षेत्र की चुनावी दंगल में उतरे 17 उम्मिदवरों में से रामटेक- भंडारा महामार्ग के सडक़ किनारे स्थित अरोली में सडक़ के दोनों ओर तथा गांव में शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार विधायक आशीष जयस्वाल (तीरकमान), शिवसेना उबाठा केउम्मिदवार विशाल बरबटे (मशाल), काँग्रेस क ेबागी निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र मुलक ( बैट), अनय निर्दलीय चंद्रपाल चौकसे ( टॉर्च ), सचिन किरपान (सिलाई मशीन), विजय हटवार (सिलेंडर), रोशन गडे (हिरा) ऐसे सात उम्मिदवारों के फलक उनके चुनाव चिन्ह सहित दिखाई दे रहे है. प्रचार साधनों और कार्यकर्ताओं की संख्या देख मुख्य मुकाबला जयस्वाल विरुद्ध मुलक इन दोनों के बीच होगा,यह कड़वा सत्य हैं.