नागपुर :- ज्यों- ज्यों मानव गौमाता से दूर होता चला जा रहा है त्यों त्यों वह प्रकृति से दूर हो रहा है। गौमाता के रूप में प्रकृति के सच्चे आनंद से दूर हो रहा है। उक्त आशय के उद्गार गुरुदेव गोपालानंद सरस्वती महाराज ने भक्तों से कहे। श्री सालासर सेवा समिति व श्री गौवंश सेवा समिति की ओर से कच्छी वीसा मैदान में गौकथा का आयोजन किया गया था। कथा के अंतिम दिवस आज 31 वर्षीय गौ पर्यावरण व अध्यात्म चेतना पदयात्रा के प्रणेता गोपालानंद महाराज का विशेष प्रवचन सत्र रखा गया था।
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इस अवसर पर उनकी शिष्या साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी उपस्थित रहीं। आज कथा के अंतिम दिवस अधिक संख्या में भक्त उपस्थित थे।व्यासपीठ का पूजन पूनमचंद मालू, पुरुषोत्तम मालू, श्रवण कुमार मालू, दुनेश्वर पेठे, चितेश्वर पेठे, अभय पेठे, राजेश हजारे, गज्जू राऊत,सीता देवी लखोटिया परिवार,गोपाल राठी परिवार सहित अन्य ने किया। मंच संचालन सतीश बियानी, राजेश काबरा ने किया।
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