मुंबई :- यह गर्व की बात है कि शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर (छत्तीसगढ़) (जीईसी – एनआईटी) के कई पूर्व छात्र मुंबई में विभिन्न सरकारी और अर्ध-सरकारी संगठनों और उद्योग में योगदान दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ से मुंबई में उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण या रोजगार के लिए आने वाले छात्र छात्राओं के लिए पूर्व छात्र छात्रावास बनाने का विचार करे ऐसा आह्वान महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने किया।
रायपुर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज पूर्व छात्र संघ की मुंबई शाखा की ओर से सदस्यों का सम्मेलन रविवार (7 तारीख) को राज्यपाल रमेश बैस की अध्यक्षता में चेंबूर मुंबई संपन्न हुआ, उस समय वे बोल रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि मुंबई वासियों से कार्य संस्कृति और व्यावसायिकता सीखी जा सकती है। साथ ही मुंबई में राजस्थान के लोगों से अपने राज्य के लोगों के छात्रो को मदद करने की प्रवृत्ति भी सीखी जा सकती है। राजस्थान के लोगों ने अपने राज्य से मुंबई आ रहे छात्रों के लिए छात्रावास बनाए हैं और युवाओं को सीए, सीएस बनने में मदद की जाती है। इसी तरह राज्यपाल ने कहा कि मुंबई निवासी छत्तीसगढ़ के सफल लोगों को अपने राज्य के युवाओं के लिए मुंबई में छात्रावास बनाने के बारे में सोचना चाहिए।
देश में रायपुर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पचास हजार और मुंबई में 650 पूर्व छात्र सफल उद्यमी, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और वैज्ञानिक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। राज्यपाल ने इन पूर्व छात्रों से वर्तमान छात्रों को ऑनलाइन मार्गदर्शन देने और उनके लिए व्यावसायिक प्रशिक्षुता के अवसर पैदा करने की अपील की।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय तथा आईआईटी मुंबई के पूर्व छात्र संस्थान को भारी दान देते हैं और अपने मूल संस्थानों के विकास में योगदान देते हैं। इसी तरह मुंबई में छत्तीसगढ़ के सफल लोगों को अपनी मातृ संस्था और समग्र समाज के लिए सप्ताह में कुछ घंटे देने की अपील राज्यपाल बैस ने की ।
कार्यक्रम में रायपुर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष और हिंदुस्तान कॉपर के पूर्व प्रबंध निदेशक कैलास धर दीवान, मुंबई शाखा के अध्यक्ष अनिल बंछोर और पूर्व छात्र संघ के सदस्य और उनके परिवार उपस्थित थे।