– गिरफ्तारी पूर्व अंतरिम जमानत देने से साफ इनकार
नागपुर :- बहुचर्चित डायमंड एक्सचेंज नामक गेमिंग एप्लीकेशन के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले ठग सोंटू उर्फ अनंत जैन मामले में जांच के दौरान पुलिस द्वारा डॉ. गौरव बग्गा के घर से 1.35 करोड़ नकदी और 3.20 किलोग्राम सोना जब्त किया था.
इसी मामले में बग्गा की पत्नी डॉ. गरिमा बग्गा को भी अभियुक्त बनाया गया जिसके बाद गरिमा ने अंतरिम जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी पूर्व अंतरिम जमानत के लिए योग्य नहीं होने का फैसला सुनाया. साथ ही अदालत ने याचिका ठुकरा दी. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील मनोहर, अधि. अक्षय नाईक और राज्य सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील वीए ठाकरे ने पैरवी की. अभियोजन पक्ष के अनुसार पुलिस ने सोंटू जैन के साथ ही धीरज जैन, श्रद्धा जैन, कुसुमदेवी जैन और गरिमा बग्गा को भी मामले में आरोपी बनाया है.
आरोपी सोंटू को भेजे थे 9.66 करोड़
अभियोजन पक्ष के अनुसार सोंटू और शिकायतकर्ता एक दूसरे को करीब से जानते थे. वर्ष 2021 में सोंटू ने शिकायतकर्ता को ऑनलाइन गेम खेलने के लिए उकसाया था. उसने बताया था कि कई ऑनलाइन गेम हैं जिन पर पैसा बनाया जा सकता है. शिकायतकर्ता ने पहले 8.50 रुपए सोंटू को दिए थे जिसके बाद शिकायतकर्ता को ‘ रुपए सोंटू को दिए थे जिसके बाद शिकायतकर्ता को ‘डायमंडईएक्ससी.काम’ नामक वेबसाइट का लिंक दिया गया. यूजर आईडी और पासवर्ड भी भेजा गया जिसके बाद ऑनलाइन गेम पर खेल का सिलसिला शुरू हुआ. 18 नवंबर 2021 से 1 जुलाई 2023 के बीच शिकायतकर्ता ने 9.66 करोड़ रु. ट्रांसफर किए थे. इसी तरह से सोंटू द्वारा भेजे गए व्यक्ति को 67.88 करोड़ भी दिए थे. शिकायतकर्ता को 19.13 करोड़ रुपए की राशि वापस भी मिली. इस तरह से सोंटू ने कई लोगों को फंसाया है.
गरिमा ने सोंटू की मदद की
आरोपों के अनुसार गायनेकोलॉजी विभाग में असि. प्रोफेसर के रूप में कार्यरत गरिमा ने उसके लॉकर में पड़ी मूल्यवान वस्तुओं को ठिकाने लगाने में मदद की. जांच एजेंसी ने बैंक से सीसीटीवी फुटेज जमा किए थे. फुटेज में संबंधित समय पर याचिकाकर्ता वहां देखी गई जिसके पास बैग भी था. वह सक्रिय रूप से शामिल पाई गई है. जांच के दौरान गरिमा के घर से सोने के बिस्कुट भी प्राप्त हुए हैं. सोने के बिस्कुट उसी तरह के थे जो सोंटू के घर से प्राप्त हुए थे जिसके बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधि. मनोहर ने कहा कहा कि याचिकाकर्ता के पति को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. याचिकाकर्ता की 5 वर्ष की बच्ची है. परिस्थितिजन्य के कारण वह इसमें पीड़ित है. यदि पूरा मामला देखा जाए तो वह सीधी तौर पर इससे जुड़ा नहीं है. जो वस्तुएं थीं, जांच के दौरान पुलिस ने जब्त कर लीं. दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने याचिका ठुकरा दी.