RTE की आड़ में रोटी सेक रहे चुनिंदा …

– 8 या 11 साल की कुल स्कूली फी माफ़ करवाने के एवज में वसूल रहे लाख – 2 लाख 

नागपुर – देश में सुविधा के लिए नियम बनते ही उसका तोड़ निकाल लिया जाता हैं,क्यूंकि नियम सरकारी होते हैं और उसका तोड़ व्यक्तिगत। ऐसा ही कुछ RTE के सम्बन्ध में पिछले कुछ वर्षों से हो रहा हैं.जिसका नुकसान शाला प्रबंधन को हो रहा तो दूसरी ओर इस सम्बन्ध में दुकान खोल कर बैठे तथाकथित ‘कार्यकर्ता’ अपनी रोटी सेक रहे हैं.

RTE के तहत जिस स्कूल प्रबंधन ने अपने स्कूल को RTE हद में शामिल करवाया है,उस स्कूल को उस स्कूल के 3 किलोमीटर के दायरे के बच्चों (तय प्रतिशत) को प्रवेश देना अनिवार्य किया गया हैं.आवेदक बच्चा रूपी विद्यार्थी का चयन राज्य सरकार के शिक्षक विभाग द्वारा तैनात EDUCATION OFFICER के निगरानी में गठित URC-1-2 और BRC समिति करती है,RTE के तहत शिक्षा हासिल करने के इच्छुक अपना आवेदन URC-1-2 या BRC में जमा करवाते हैं, इन तीनों समिति के सदस्य जमा हुए आवेदन की छानबीन कर आवेदक को दिशा-निर्देश देती हैं.

RTE के तहत आने वाले स्कूल को अपने स्कूल का तय कोटा की सूची EDUCATION OFFICER को देनी पड़ती है, कभी कभार OFFICER को कड़क रवैय्या भी अपनानी पड़ती हैं.

RTE के तहत आने वाले स्कूल को केंद्र सरकार की ओर से प्रति विद्यार्थी सालाना 17600 रूपए दी जाती हैं.यह सुविधा नर्सरी से वर्ग 8 तक ही हैं.

क्योंकि शिक्षा का बाजार बड़ा और महंगा हो गया हैं,नर्सरी की सालाना फी 25000 से कहीं कम नहीं हैं.और अधिकतम सालाना फी डेढ़ लाख रूपए तक होने की खबर हैं.अर्थात RTE के तहत अपने बच्चों को शिक्षा दिलवाने वाले पालकों की मंशा बड़े बड़े नामचीन स्कूल के साथ निःशुल्क शिक्षा रहती हैं.

अर्थात नर्सरी में RTE के तहत प्रवेश मिला तो 11 साल की और पहली में प्रवेश मिला तो 8 साल की स्कूली फी माफ़ हो जाती हैं.

उदाहरणतः

अगर किसी स्कूल की सालाना फी 25000 रूपए है और उस स्कूल में RTE के तहत एक बच्चे को नर्सरी में प्रवेश मिला तो उस बच्चे को 11 साल (वर्ग 8 वीं) का फी माफ़ हो जाएगा।उसके पालक का कम से कम 275000 रूपए की बचत होगी।

अगर किसी अन्य स्कूल की सालाना फी 80000 रूपए हैं और उस स्कूल में RTE के तहत एक बच्चे को पहली में प्रवेश मिला तो उस बच्चे को 8 साल( वर्ग 8) का फी माफ़ हो जाएगा।उसके पालक का का कम से कम 640000 रूपए की बचत होगी।

उक्त दोनों उदहारण से यह साफ़ हो जाता है कि पालकों का बड़ा फायदा हो रहा है,इसको भांप URC और BRC के चुनिंदा सदस्य तथाकथित शिक्षण क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता आवेदकों या इच्छुकों के आवेदन सह दस्तावेजों में हेराफेरी कर कुल लाभ की राशि का 20 से 30 % मांग कर अपना जेब गर्म कर रहे हैं.

RTE का नियम यह भी है कि फर्जीवाड़ा पकडे जाने के बाद भी उस बच्चे का ADMISSION रद्द नहीं किया जाता है,बल्कि उसका ADMISSION का श्रेणी RTE से बदल कर REGULAR दिया जाता हैं.

उक्त धांधली में EDUCATION OFFICER की भूमिका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से होती ही हैं,जिसे सिरे से वे नकार नहीं सकते हैं.

इसलिए भी कि उनके पास न URC और BRC में आवेदन का सूक्ष्म व न्यायसंगत निर्णय करने की कोई सुविधा नहीं हैं.इसलिए हर वर्ष त्रुटियों का फायदा शिक्षण विभाग सह URC व BRC के चुनिंदा सदस्य उठाकर अपनी रोटी सेकने के अलावा शिक्षण क्षेत्र में दादागिरी कर रहे हैं.ऐसे दादागिरी करने वालों को शिक्षण विभाग के दिग्गज अधिकारियों द्वारा संरक्षण दी जा रही है ताकि शिक्षण विभाग की पोल न खुले।इस बढ़ती दादागिरी से स्कूल प्रबंधन सकते में हैं.जल्द ही ऐसे दादागिरी करने वालो के खिलाफ स्थाई रूप से ठोस कदम उठाने पर दर्जनभर शिक्षण संस्था गहन मंथन कर रही हैं.

उल्लेखनीय यह है कि जब जब URC और BRC के अधिकांश सदस्यों ने धूर्त सदस्यों के खिलाफ सख्ती दिखाई,तब तब उनके खिलाफ साजिश रची गई.ऐसा ही एक उदहारण सामने आया कि एक पूर्व समिति सदस्य ने URC -BRC को सबक शिक्षण के लिए RTI के तहत भवन्स आष्टी,पोद्दार बेसा,पोद्दार काटोल रोड,पोद्दार गोधनी,रॉयल गोंडवाना,स्कूल ऑफ़ स्कॉलर-बेलतड़ोडी,जिंदल पब्लिक स्कूल,प्रेरणा इंटरनेशनल स्कूल,इ पाठशाला-विहिरगांव,सोमलवार स्कूल पारडी,जैन हैरिटेज-काटोल रोड,IRA इंटरनेशनल,ERA इंटरनेशनल बेसा में पिछले साल हुए RTE के तहत प्रवेश के लाभार्थियों के दस्तावेज मांगी।इनमें से कुछ स्कूलों के दस्तावेजों की जाँच हुई,शेष की शुरू हैं.जिन स्कूलों के जाँच पड़ताल हुई ,उनमें से अधिकांश में गड़बड़ियां पाई गई,जिसे सिरे से दबा दिया गया.

इनमें से भवन्स आष्टी के 4 प्रकरण प्रकाश में आए.

1- आवेदन क्रमांक 11616- आवेदक द्वारा दर्शाई गई राशनकार्ड में छेड़छाड़,राशनकार्ड जारी हुआ आवेदक के नाम पर और उसमें उनकी जगह आवेदक की पत्नी का फोटो चिपकाया गया था,इसके अलावा राशनकार्ड के अंतिम पैन पर लाभार्थियों में पत्नी का नाम अंकित था,जबकि पति का नाम होना चाहिए था,अगर राशनकार्ड असली होता तो और तो और लाभार्थियों में बच्चे का नाम भी नहीं था.

आवेदक ने जो टैक्स रशीद की प्रत दी उसमे घर क्रमांक 116 लेकिन आवेदन में 83 व वार्ड क्रमांक 1 लिखा गया.

2- आवेदन क्रमांक 12291 में बच्चे का जन्म डागा अस्पताल लिखा लेकिन ऑनलाइन कोई रिकॉर्ड इस सम्बन्ध में नहीं दिखा।VOB का DATE नहीं,प्रमाणपत्र में SEAL है लेकिन DATE नहीं।प्रमाणपत्र में GENDER लिखा है लेकिन उसका हिंदी अर्थात लिंग लिखा नहीं था.

3- आवेदन क्रमांक 21417 में बच्चे का जन्म किस अस्पताल में हुआ,इसका कोई जिक्र नहीं है.आवेदक पालक का घर स्कूल से साढ़े 4 किलोमीटर से ज्यादा दुरी पर दिखाया गया.

4- आवेदन क्रमांक 36399 में पालक द्वारा प्रस्तुत किया गया प्रमाणपत्र में DOB नहीं दिख रहा.इस बच्चे का जन्म भी डागा अस्पताल दर्शाया गया,इस प्रमाणपत्र में त्रुटियाँ पाई गई.

Contact us for news or articles - dineshdamahe86@gmail.com

Next Post

परळ येथील महारोजगार मेळाव्यात १४ हजार पदांसाठी मुलाखती संपन्न

Sat Jan 14 , 2023
मुंबई : कौशल्य, रोजगार, उद्योजकता आणि नाविन्यता विभागामार्फत परळ येथील कामगार मैदान येथे गुरुवारी झालेल्या पं. दीनदयाळ उपाध्याय रोजगार मेळाव्यात पहिल्याच दिवशी विविध उद्योग, कंपन्या, आस्थापनांनी त्यांच्याकडील विविध पदांसाठी ४३० उमेदवारांची प्राथमिक निवड केली आहे. १ हजार २०० उमेदवारांनी या मेळाव्यात सहभाग घेतला. उर्वरित उमेदवारांनी कंपन्यांकडे नोंदणी केली असून पात्रतेनुसार त्यांना संधी मिळणार आहे. मेळाव्यात विविध ३१ कंपन्यांनी सहभागी होत […]

You May Like

Latest News

The Latest News

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com