नागपुर :- नागपुर सुधार प्रन्यास के मुख्य कार्यालय का अपने विभागों से समन्वय नहीं हैं जिसकी वजह से अनेक प्लॉटधारक त्रस्त हो गए हैं। बेवजह कार्यालय में चक्कर लगाना पड रहा हैं। मुख्य कार्यालय के अधिकारी प्लॉट की डिमांड नोट के बारे कहते हैं की आपकी फाइल हनुमाननगर जोन में भेजी हैं वहां से विभागीय रिपोर्ट आने के बाद आपको डिमांड नोट जारी करेंगे। इसमें अधिकांश प्लॉटधारक पूर्व और दक्षिण नागपुर के 572 लेआउट के हैं। हनुमाननगर जोन में पूछताछ की तो यहां के अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं देते। हनुमाननगर जोन के अधिकारियों ने अनेक वर्षों से फाइल रोक कर रखी हैं। अनेक प्लॉटधारकों के क्षेत्रों में कोई आरक्षण नहीं हैं। अगल बगल में रहनेवाले प्लॉटधारकों को आर एल लेटर जारी हुआ हैं उसके बीच में जिनका प्लॉट हैं उनको डिमांड नोट भी जारी नहीं किया। गरीब वर्ग का प्लॉटधारक अपने काम छोड कर हमेशा नासूप्र मुख्य कार्यालय और हनुमाननगर जोन के चक्कर नहीं लगा सकता। नासूप्र का मुख्य कार्यालय एक बार जोन को विभागीय अहवाल बारे में सूचित करता हैं उसके मुख्य कार्यालय के अधिकारी यह तक देखते नहीं जोन अधिकारियों ने विभागीय अहवाल भेजा हैं या नहीं। मुख्य कार्यालय और हनुमाननगर जोन के अधिकारी बैरंग लौटा देते हैं। पूछताछ का संतोषजनक जवाब नहीं देते इधर से उधर भेजते हैं। नासुप्र के कर्तव्यदक्ष सभापति संजय मीना के होते हुए भी नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। जिन प्लॉट धारकों की फाइल रोकी हैं उनको अविलंब डिमांड नोट और आर एल जारी करना चाहिए। मुख्य कार्यालय और हनुमाननगर जोन ने कितनी फाइल रोकी इसकी जांच कर दोषी अधिकारियों कड़ी कार्रवाई की मांग विनायक डहाके, अनिल जबलपुरे , मनीष कांबले, विलास अनासने, प्रदीप दातीर ने की हैं।