कन्हान :- नागपुर जिले की पारशिवनी तहसील अंतर्गत आने वाली साटक ग्राम पंचायत सीमा क्षेत्र में हुई अवैध मुरुम प्रकरण में यदि शासन प्रशासन के द्वारा इमानदारी से जांच की गई तो, प्रकरण में मुरूम चोरी प्रकरण से संबंधित कई राज खुलने की संभावना सुत्रों के द्वारा जताईं गई है।
साटक ग्राम पंचायत सीमा क्षेत्र में एक निजी एवं एक ग्राम पंचायत साटक के मालकी हक के तालाब की अवैध खुदाई की गई। नियमों को ताक पर रखकर की गई इस अवैध मुरुम खुदाई प्रकरण में स्थानीय नागरिकों एवं ग्राम पंचायत सदस्यों के द्वारा नियमानुसार लिखित शिकायत दर्ज कराई गई। जिसमें जिलाधिकारी से लेकर पंचायत समिति पारशिवनी तक शिकायत दर्ज कराई गई, परंतु स्थानीय प्रशासन में पड़ रहें राजनीतिक दबाव के कारण लगभग 3 माह होने के बाद भी मामला जस के तस पड़ा हुआ है। जबकि यदि सुत्रों की मानें तो यदि प्रकरण में पारदर्शिता के साथ जांच की जाती है तो, प्रकरण में पूर्व एवं वर्तमान जनप्रतिनिधियों सहित कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। ज्ञात हो कि इस मुरुम चोरी प्रकरण में जब हजारों ट्रक मुरुम चोरी किया गया है तो, मुरुम चोरी करने वाले ट्रक चालक, ट्रक नंबर,बिल,बिल्टी सहित खनिज विभाग में कितनी रायल्टी भरी गई,बिल किस संस्थान के नाम पर निकाला गया,आदि मुद्दों को लेकर यदि जांच की गई तो, प्रकरण में दूध का दूध और दूध का पानी आसानी से दिखाई दे देगा।इस प्रकरण में सबसे बड़ी एवं बड़ी बात यह है कि,साटक सरपंच तरूणकुमार बर्वे सहित विदर्भ पाटबंधारे विभाग की खमोसी के कारण मामला उलझता जा रहा है।इस प्रकरण में जहां शिकायत कर्ता के द्वारा सरपंच तरूणकुमार बर्वे पर ग्राम पंचायत अधिनियम 1958 की कलम 39/1 के तहत मामला दर्ज कर पदमुक्त करने की मांग की है, वहीं प्रकरण को लेकर न्यायालय जाने की बात कही है।