नागपूर :-भारत का जनजाति समाज अपनी उच्च आध्यात्मिक परम्पराओं, विशिष्ट संस्कृति और श्रेष्ठ जीवन मूल्यों के साथ सदैव से भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। जब जब देश की सुरक्षा पर संकट आया जनजाति समाज ने अपने शौर्य और बलिदान से राष्ट्र की रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जनजाति समाज ने कभी भी अंग्रेजों की दासता को स्वीकार नहीं किया और समय समय पर सशस्त्र विद्रोह और संघर्ष किया।
जनजाती नायकों के इस स्वर्णिम योगदान को आज की पिढी स्मरण करे उसे पढकर गौरव की अनुभूति करे इस हेतु से उनके जीवन पर आधारित पुस्तक “जनजाती गौरव” इस पुस्तक का प्रकाशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, दिल्ली ने अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के सहयोग से किया है।
इस पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह इनकी प्रमुख उपस्थितीमें संपन्न हो रहा है। इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथी के नाते रा. तु. म. नागपुर विद्यापीठ के इतिहास विभाग प्रमुख डॉ. शामराव कोरेटी तथा विदर्भ वनवासी कल्याण आश्रम प्रांत अध्यक्षा निलिमा पट्टे प्रमुख रुपसे उपस्थित रहेंगे। आपसे अनुरोध है की इस कार्यक्रम में इष्टमित्रोंसहित उपस्थित रहे। धन्यवाद !