– रामलला का पुनः राम मंदिर में प्रतिष्ठित होना, रामराज्य की शुरुवात ! – श्रीसत्शक्ति बिंदा सिंगबाळ, सनातन संस्था
अयोध्या :- ‘श्रीरामजन्मभूमि हेतु 500 वर्षाें के प्रदीर्घ संघर्ष के उपरांत रामजन्मभूमि मुक्त हुई और आज हम साक्षात प्रभु श्रीरामचंद्र के भव्य राम मंदिर की निर्मिति होकर रामलला की प्राणप्रतिष्ठा का समारोह देख रहे हैं, यह सनातन हिन्दू धर्मियों के लिए यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण दिन है । पूरे देश के सभी संत-महंतों को सम्मान देते हुए उनकी उपस्थिति में यह समारोह हो रहा है । रामलला का पुनः श्रीराम मंदिर में प्रतिष्ठित होना, रामराज्य की शुरुवात है’, ऐसा प्रतिपादन सनातन संस्था की श्रीसत्शक्ति बिंदा सिंगबाळ ने इस समय किया ।
ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व अयोध्या नगरी के श्रीराम मंदिर में मूर्ति का भव्य दिव्य प्राणप्रतिष्ठा समारोह सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवले की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी द्वयी श्रीसत्शक्ति बिंदा सिंगबाळ तथा श्रीचित्शक्ति अंजली गाडगीळ की वंदनीय उपस्थिति थी । श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने सनातन संस्था की दोनों आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणियों को सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया था ।
‘आसेतुहिमालय से हिन्द महासागर तक प्रत्येक को एकता के धागे में पिरोनेवाले श्रीराम एक अलौकिक राष्ट्रसूत्र हैं ! प्रत्येक के मन में बसा श्रीराममंदिर का निर्माण न केवल अधर्म पर धर्म की विजय दर्शाता है; अपितु वह कलियुगांतर्गत सत्ययुग के नवनिर्मिति की, हिन्दुओं के अलौकिक ‘हिन्दू राष्ट्र निर्मिति’ की, अर्थात स्वधर्माधिष्ठित स्वराष्ट्र, सर्वशक्तिसंपन्न, सुव्यवस्थाप्रधान, सर्वसुविधायुक्त, सुखी, समृद्ध, सुसंस्कृत सुराज्य के सूर्योदय की शुरुवात है , ऐसा प्रतिपादन श्रीचित्शक्ति अंजली गाडगीळ ने इस अवसर पर किया ।
इस समय उत्तराधिकारिणी द्वयी ने श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने का अवसर मिला, इसके लिए श्रीराम के चरणों में कोटि-कोटि कृतज्ञता व्यक्त की । श्रीसत्शक्ति बिंदा सिंगबाळ एवं श्रीचित्शक्ति अंजली गाडगीळ का लखनऊ का विमानतल पर आगमन होने पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के पदाधिकारियों तथा उत्तर प्रदेश शासन के राज्य शिष्टाचार विभाग के अधिकारियों ने स्वागत एवं सम्मान किया ।