– देर रात तक फुट रहे फटाके,सांस लेना दूभर हो गया
नागपुर :- दीपावली त्यौहार के अवसर पर प्रदूषण रहित दीपावली मनाने और प्रदूषण फैलाने वालों को जिला सह संबंधित प्रशासन ने विनम्र विनंती की और कड़क चेतावनी भी दी लेकिन विडंबना यह है कि सब कागजों तक सीमित रही,समाचार लिखे जाने तक। इस संबंध में पर्यावरणविद कौस्तुभ चैटर्जी ने बताया कि ग्रीन फटाके से प्रदूषण केवल ३०% ही काम होता है, ऐसा नीरी का दावा है। अर्थात 70% प्रदूषण होता है, फिर ये फटाके ग्रीन कैसे ?
प्रशासन कह रही है, ग्रीन फटाके फोड़ों, मगर मार्केट में ग्रीन फटाके के नाम पर आम फटाके ज्यादा दामों में बिके। प्रशासन ने ग्रीन फटाकों को चेक करने की कोई कोशिश नहीं की।
प्रशासन ने कह दिया, फटाके फोड़ने का समय रात ८ से १० ही है, मगर फटाके देर रात तक फूटे, प्रशासन ने इसका भी संज्ञान नहीं लिया।
नीरी ग्रीन फटाकों का फॉर्मूला मैन्युफैक्चरर को दे कर हाथ झटक दिया, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड तो हिला ही नहीं। जम के प्रदूषण हुआ और अभी भी हो रहा है। बोझ आम आदमी पर आया, जिसने ज्यादा दाम पर आम फटाकों को ग्रीन फटाके समझ के खरीदा और जम के फोड़ा। इसी सब के बीच नागपुर का सांस अवरुद्ध हो गया।