कोल्हापुर :- वक्फ कानून द्वारा केवल मुसलमानों की ही नहीं, अपितु अन्य धर्मियों की धार्मिक संपत्ति हडपने का अधिकार है, यह एक बार पुनः सिद्ध हुआ है । छत्रपति शाहू महाराज द्वारा मुसलमान तथा अन्य समाज के विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए कोल्हापुर में स्थापित ‘द मोहामेडन एज्युकेशन सोसायटी’ की करोडों रुपयों की संपत्ति हडपने की प्रक्रिया वक्फ बोर्ड ने प्रारंभ की है । इसलिए समाज में क्रोध की लहर फैल गई है । इस प्रकार वक्फ बोर्ड ने देश की लाखों एकड भूमि हडप ली है । इसलिए छत्रपति शाहू महाराज ने दी हुई करोडों रुपयों की भूमि लैंड जिहाद द्वारा हडपनेवाला ‘वक्फ’ का काला कानून निरस्त किया जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ समन्वयक सुनील घनवट ने की है ।
वे कोल्हापुर में समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे । इस अवसर पर भ्रष्टाचारविरोधी जनजागृति समिति के प्रांत उपाध्यक्ष आनंदराव पवळ, हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष मनोहर सोरप, हिन्दू एकता आंदोलन के जिलाध्यक्ष दीपक देसाई, बजरंग दल के जिला संयोजक पराग फडणीस, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के कोल्हापुर शहर कार्यवाह आशिष लोखंडे, हिन्दू जनजागृति समिति के किरण दुसे एवं शिवानंद स्वामी उपस्थित थे ।
आशिष लोखंडे ने कहा, आज ‘द मोहामेडन एज्युकेशन सोसायटी’ पर दावा बतानेवाला वक्फ बोर्ड कल विशालगढ पर स्थित दरगाह पर अपना दावा बताएगा एवं संपूर्ण विशालगढ हमारा है, यह कहने में भी पीछे नहीं हटेगा । दीपक देसाई ने कहा, यह मूल स्थान छत्रपति शाहू महाराज का होने के कारण वर्तमान शाहू महाराज इस प्रकरण में ध्यान दें, ऐसी हमारी विनति है । वक्फ बोर्ड यह सोसायटी नियंत्रण में ले, इसकी अपेक्षा यह संपूर्ण ट्रस्ट वे ही अपने नियंत्रण में लें, ऐसा हमें लगता है ।
सुनील घनवट ने आगे कहा, शाहू महाराज ने उक्त भूमि मुसलमानों सहित अन्य समाज के विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति के लिए आय का साधन मिलने हेतु दी थी । वह केवल मुसलमानों अथवा धार्मिक प्रयोजन के लिए नहीं दी गई थी । ऐसा होते हुए वक्फ कानून का दुरुपयोग कर उनकी भूमि हडपकर पिछडे समाज के विद्यार्थियों पर अन्याय किया जा रहा है । महाराष्ट्र और कोल्हापुर जिले में भी वक्फ बोर्ड ने हिन्दुओं की भूमि हडपना प्रारंभ किया है । इसी प्रकार तमिलनाडु का एक संपूर्ण गांव एवं उस गांव में स्थित 1500 वर्ष प्राचीन श्रीचंद्रशेखर स्वामी का मंदिर भी वक्फ बोर्ड ने हडप लिया है तथा उसे वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित किया है । जो धर्म ही 1400 वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया है, वह 1500 वर्ष प्राचीन हिन्दू मंदिर का मालिक कैसे हो सकता है ? वक्फ कानून के कारण गुजरात का द्वारका द्वीप, सूरत महानगरपालिका, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क, ज्ञानवापी, मथुरा आदि अनेक स्थानों को वक्फ की संपत्ति घोषित किया जा रहा है । यह रुकना चाहिए ।
वर्ष 2009 में वक्फ बोर्ड के पास 4 लाख एकड भूमि थी । वर्ष 2023 में 8 लाख एकड भूमि कैसे आ गई ? इतनी बडी मात्रा में वक्फ बोर्ड भूमि अधिग्रहित कर रहा था, तब क्या सरकारी तंत्र सो रहे थे ? ऐसे प्रश्न उपस्थित करते हुए इस संबंध में केंद्रीय स्तर पर जांच होनी चाहिए तथा ‘वक्फ बोर्ड’ की संपूर्ण जांचकर अवैधानिक रूप से हडपी गई भूमि संबंधितों को लौटानी चाहिए । इसमें दोषियों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए, ऐसी मांगे भी इस अवसर पर की गईं ।