MBA-CET परीक्षा में धांधली

– हजारों छात्रों का नुकसान,व्यापम घोटाले से बड़ा घोटाला हो सकता हैं

नागपुर :- 25 मार्च 2023 को हजारों विद्यार्थी G.H RAISONI POLYTECHNIC COLLEGE Nagpur में परिक्षा देने गए। कई छात्र वर्धा, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर और विदर्भ के अन्य जिलों से आए थे। MBACET परीक्षा महाराष्ट्र सरकार ने टेंडर के तौर पर “EDUQUITY” कंपनी को सौंपा था।

कुछ विद्यार्थियों को सुबह 9 बजे से 11:30 बजे (slot 1) का समय दिया गया था तो बाकियों को दोपहर 2 बजे से 04:30 बजे (slot 2) का समय दिया गया था। विद्यार्थी सुबह से ही कतार में खड़े थे। उनका एनरोलमेंट नहीं हुआ था। स्लॉट 1 के विद्यार्थीयो की परीक्षा शाम को 5 बजे तक चली और हजारों छात्र अपने बारी का इंतजार कर रहे थे।

कॉलेज प्रशासन से कई बार पूछने पर भी कोई जवाब नही मिला। CET CELL के नंबर पर कॉल लगाया जा रहा था लेकिन कोई जवाब नही मिला।

यश गौरखेड़े, जो एक युवा समाजसेवक हैं वो सारे छात्र की मदद के लिए कॉलेज प्रशासन से बात कर रहे थे लेकिन कोई जवाब नही मिला।

MIDC पुलिस को बुलाया गया और उनसे शिकायत की गई। 

शाम के 7 बज रहे थे, सैकड़ों विद्यार्थी अपनी परीक्षा देने के लिए बाहर इंतजार कर रहे थे और अब तक उनका बॉइमेट्रिक रजिस्ट्रेशन नही हुआ था। एक विद्यार्थी जो सुबह से कतार में खड़ा था और अपने नंबर का इंतजार कर रहा था वह बेहोश होकर गिर गया। फिर भी कॉलेज प्रशासन और CET cell की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। छात्र को परिजनों के साथ अपने घर भेज दिया गया।

कुछ विद्यार्थियो ने एक इंविजिलेटर को परीक्षा और उसके समय को फेर बदल करते हुए पकड़ा। वह अपने आप को विद्यार्थी बता रहा था लेकिन हजारों छात्रों को गुस्से में देख उसने सच कहा “मैं कंपनी के तरफ से आया हु और सर्वर रूम में काम कर रहा हु, मेरा काम परीक्षा देखना हैं।” सारे विद्यार्थियो ने और साथ साथ पुलिस के कुछ सिपाहियो ने उसको रंगे हाथों पकड़ा। मौकाए वारदात में MIDC पुलिस के निरीक्षक श्री भीमा नरके मौजूद थे पर कोई सख्त कारवाही नही की गई।

CET सेल के अफसरों से बात करने के बाद उन्होंने तुरंत एक notification निकाला और यश गौरखेड़े के Whatsapp number पर भेजा (कॉपी लगाई गई हैं)।

रात के 09 बज गए थे और अभी तक सैकड़ों विद्यार्थी जो बाहर गांव से आए थे वह बिना परीक्षा दिए वापस चले गए।

रात के 11:30 बज रहे थे और सारे विद्यार्थि अभी भी परिक्षा दे रहे थे। कई विद्यार्थियो ने बताया की उनके कंप्यूटर के साथ छेड़छाड़ हुई हैं और बोहोत बच्चो के पास मोबाइल फोन था। जो परीक्षा 2 बजे बाकी सेंटर में हुई वो GH RAISONI में रात को 12 बजे तक चली और पहले से ही question paper लीक हुआ हैं।

लाखों विद्यार्थी जो MBA में प्रवेश लेना चाहते हैं उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं। कई विद्यार्थियो ने बताया कि उनका attendence sheet पर साइन नहीं लिया गया और बायोमेट्रिक भी नही हुआ।

पेपर 2:30 घंटो का था लेकिन पेपर 6 घंटा दिया गया। कॉलेज प्रशासन विद्यार्थियो को जल्दी पेपर खतम करने को कह रहे थे और ऐसा नहीं करने पर सर्वर रूम मे जाकर उनके टाइमर के साथ खिलवाड़ करने लगे।

जो इंविजिलेटर परीक्षा के दौरान मौजूद थे वह GH RAISONI POLYTECHNIC COLLEGE के ही छात्र हैं और उनकी नियुक्ति 500 रूपए रोजी से हुई हैं ऐसा एक इंविजिलेटर ने खुद बताया।

MBA CET परीक्षा में धांधली हुई हैं इसकी सूचना पुलिस को लिखित में दी गई लेकिन कोई कारवाही नही हुई। रात में 12:00 बजे कुछ छात्रा बाहर रोड पर खड़ी थी, उनसे पूछने पर उन्होंने बताया की वह बटीबोरी की रहने वाली हैं। यश गौरखेड़े द्वारा कॉलेज प्रशासन को चेतावनी दी गई की “ये बच्चे इतने रात में घर कैसे जायेंगे? तो कॉलेज प्रशासन से कहा ये हमारी जिमेदारी नही हैं।” यश ने MIDC POLICE के निरीक्षक  भीमा नरके को कॉल कर लड़कियों को उनके घर छोड़ने का अनुरोध किया और साथ साथ में ये भी बताया की कॉलेज प्रशासन ने अपने हाथ खड़े कर दिए।

पुलिस निरीक्षक भीमा नरके ने अपने अधिकारों से बात करके सारे बच्चों को उनके घर सही सलामत छोड़ा।

उक्त घटना सिर्फ GH RAISONI POLYTECHNIC COLLEGE में नही हुई, ये घटना 26 मार्च 2023 को प्रियदर्शिनी कॉलेज में कुछ छात्र के साथ भी हुआ। कई छात्र को परीक्षा देने से रोका गया।

उल्लेखनीय यह है कि महाराष्ट्र में लाखों विद्यार्थियो ने MBA CET परीक्षा दी और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं।

आपको बता दें, “EDUQUITY” को केंद्र सरकार ने अपात्र घोषित किया था।

हमारी जानकारी के अनुसार EDU-QUITY कमीशन पर काम करती है और इनको राजस्थान शिक्षक भर्ती परीक्षा का जिम्मा दिया था गया था लेकिन उन्होंने साई एजुकेयर को कमीशन पर ये काम दिया था। वर्क ऑर्डर में रखी गई शर्तों को किया दरकिनार बेंगलुरू की कंपनी एडुक्विटी को PEB (Professional Examination Board) ने ऑनलाइन परीक्षा कराने का काम सशर्त सौंपा है। पीईबी ने एजेंसी को परीक्षा के लिए एग्जाम सेंटर से बुकिंग लेकर परीक्षा कराने तक का काम खुद ही करने की शर्त रखी है, लेकिन एडुक्विटी ने वर्क ऑर्डर की शर्तों को दरकिनार कर काम राजस्थान के जयपुर से संचालित साईं एजुकेयर को दे दिया। अब परीक्षाओं के लिए एग्जाम सेंटर बुक करने से लेकर परीक्षा कराने तक का काम साईं एजुकेयर कर रही है। दोनों कंपनियां बीते पांच महीने से लगातार काम कर रही हैं। इसके बावजूद PEB चेयरमैन और परीक्षा नियंत्रक ने मामले में एग्जाम सेंटर बुकिंग और एग्जाम प्रोसेस की जांच नहीं कराई है। भास्कर ने पड़ताल की कि आखिर पर्चा बाहर कैसे आया? इसका सीधा जवाब तो नहीं मिला, लेकिन ये जरूर पता चला कि जिस एडुक्विटी कंपनी को एग्जाम कराने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है, उसने कमीशन लेकर साईं एजुकेयर को अपना काम दे दिया। यानी हमारे 9.36 लाख नौजवानों के भविष्य पर कमीशन का धंधा चल रहा है। इतना ही नहीं, जिस कंपनी को एग्जाम का कांट्रैक्ट मिला है, उसे तो केंद्र सरकार ने इस काम के योग्य भी नहीं माना है।

जानिए, क्या है मैकेनिज्म और कैसे हुई सेंधमारी ?

ऑनलाइन एग्जाम के लिए 3 लाख प्रश्नों का प्रश्न बैंक सर्वर में सेव किया गया।

दो शिफ्ट में पेपर हुए। ऑटोमेटेड सिस्टम से रेंडमली 100 प्रश्न सिलेक्ट होते हैं।

ह्यूमन इंटरवेंस बचाने के लिए एग्जाम के 30 मिनट पहले ये प्रश्न एग्जाम सेंटर तक पहुंचाए जाते हैं, ताकि किसी भी स्तर पर लीकेज की गुंजाइश न रहे।

अब बात करते हैं सुरक्षा की एग्जाम सेंटर की सुरक्षा के लिए 50 छात्रों पर दो सीसीटीवी से निगरानी होती है। यहां किसी को कुछ भी ले जाने की इजाजत नहीं होती। न छात्रों को, न परीक्षकों को।

फिर भी स्क्रीन का फोटो बाहर आया,इससे साफ है कि कोई न कोई एग्जाम सेंटर में मोबाइल फोन लेकर गया। उसने कम्प्यूटर स्क्रीन से पर्चा बाहर भेजा। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि बाहर से कोई व्यक्ति उन प्रश्नों के सही उत्तर बता दे। हालांकि, पीईबी का कहना है कि अभी इसकी जांच की जा रही है। ये कैसे हुआ ये जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।

Times of India की रिपोर्ट 25 अक्टूबर 2020

Technical service providers responsible for glitches during ongoing final year university exams may be blacklisted from academic activities in the state. The higher and technical education department has decided to set up a fact-finding committee to look into glitches reported across state universities, including Mumbai University. Based on the committee report, stringent action will be taken against service providers responsible. The four-member fact-finding committee will include directors of higher and technical education and technical experts, higher education minister Uday Samant told the media on Saturday. “The committee will investigate if the firms were responsible for the online exam fiasco, which added to student stress. It will start work from November 10 and submit a report in a month. If the firms are at fault, they will be blacklisted, not just by the university affected, but there will be a blanket ban on them for academic activities in all state universities,” Samant said.

हमारी रिसर्च के दौरान 2019 का एक केस सामने आया। बंगलोर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का ये केस हैं जहा Eduquity Carrier Technologies Private Limited की एक महिला अफसर के ऊपर U/Sec.63 of Copyright Act and Sec.381 of IPC की धारा लगाई गई थीं। जांच में पता चला की EDUQUITY ने विद्यार्थियो की जानकारी और परीक्षा के पेपर लीक किए।

लिंक

https://indiankanoon.org/doc/31095072/?type=print

25 November 2022 Pune mirror की रिपोर्ट में ये साफ लिखा है की EDUQUITY जैसे निजी कंपनी के खिलाफ एक मामला सामने आया जहा पर Eduspark नमक कंपनी ने विद्यार्थियो के पेपर के साथ धंदली की हैं। महाराष्ट्र राज्य सीईटी सेल ने मुंबई स्थित एडुस्पार्क इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को एक अनुबंध दिया जिसने प्रक्रिया को पुणे स्थित सिंथेसिस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को सब-टेंडर कर दिया, जिसने प्रक्रिया को आगे एक अज्ञात पार्टी को सब-टेंडर कर दिया। कुछ सीनेट मेंबर द्वारा आरोप लगाया कि स्टेट सीईटी सेल को सबटेंडिंग प्रक्रिया के बारे में पता था लेकिन उसने टेंडर आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन जारी करने की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के एक पूर्व सीनेट मेंबर ने देवेंद्र फडणवीस से इसकी शिकायत भी की थी लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ।

GH RAISONI POLYTECHNIC COLLEGE NAGPUR में जो धांधली हुई ये पूरे महाराष्ट्र में हुआ है। ये घोटाला व्यापम घोटाला से भी बड़ा हो सकता हैं। इसमें सिर्फ कंपनी ही नही बल्कि सारे कॉलेज के प्रशासन भी मिले हुए हैं। ऑनलाइन परीक्षा के बहाने आने वाले पीढ़ी का भविष्य धोखे में हैं। भारत में ये घोटाले पहली बार नहीं हुए हैं। कुछ साल पहले मध्य प्रदेश में घोटाले देखने मिले कभी पेपर लीक की घटनाएं सामने आई हैं। लेकिन सरकार निजीकरण के नाम पर घोटाले को बढ़ावा दे रही हैं।

हमारी मांग है की MBA CET जैसे सारे सरकारी परीक्षाएं घोटाले की शिकार हैं। ये सारी कंपनियों को आजीवन प्रतिबंध लगाया जाए और MBA CET की परीक्षा को फिर से पारदर्शी तरीके से लिया जाए क्योंकि लाखो बच्चे जो साल भर से मेहनत कर रहे है उनको न एडमिशन मिलता है और न ही नौकरी। सत्ता में बैठे राजनैतिक दल ये चाहते है की उनके अपने लोग सरकार में आए और चुनाव के दौरान उनको जितने में मदद करे।

परीक्षायो में घोटाला पूरे देश को अंदर से खोखला करते जा रहा हैं और सारे युवाओं और परिवार को इनके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

MBA CET परीक्षा की धांधली में EDUQUITY जैसे कंपनिया, घोटाले में मौजूद सारे लोग और GH RAISONI POLYTECHNIC जैसे कॉलेज प्रशासन के ऊपर कड़ी कारवाही करने की मांग करते हैं और आने वाली सारी परीक्षाएं OFFLINE ली जाए इसकी मांग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री  एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से करते हैं।

MBA CET की परीक्षा फिर से पारदर्शी तरीके से लिया जाए ये सारे विद्यार्थियो की मांग हैं और इसकी जांच सीबीआई और को सौंपा जाए।

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