कन्हान मे बेरोजगारी का संकट 

– कन्हान उद्योग नगर, रेगिस्तान बना : 50 हजार परिवारों का आश्रय स्थल था,. यह नगर, विंडबना !

कन्हान :- नागपूर जिले मे कन्हान नगर महाराष्ट्र राज्य, संपूर्ण भारत देश मे नही विश्व स्तर पर इस नगर का नाम था. वैभव ,था. उद्योग के नाम से अंकित था. इस परिक्षेत्र में कोयला खदाने, खंडेलवाल फेरो अलाॅयज, खंडेलवाल ट्यूब मिल, बुक बाॅण्ड, विदर्भ पेपर मिल तेजाब कंपनी, इंडियन हॖयॖम पाईप जैसे विशाल उद्योग कार्यरत थे.इन उद्योगों मे मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार,उडीसा ,बंगाल , एवं महाराष्ट्र , विदर्भ के कर्मचारी कार्यरत थे. लगभग पचास हजार से ज्यादा परिवारों की यह आश्रय स्थली थी. आज यह नगर गमगीन, शोक मग्न, अपरिचित, चिंताग्रस्त, तणावग्रस्त, रोजगार विहिन, बेरोजगारी, भुखमरी, से है व्याप्त नजर आने लगा है. जो चिंतनीय हैं.देेेश के केंद्र एवं राज्य सरकार के विरुद्ध एक महाजन आंदोलन उभर कर आ रहा है. रोजगार दो या सत्ता त्यागो. कुछ ही महीनो के अतैराल मे राज्य एंव केंद्र सरकार को अपनी सत्ता को छोडकर पलायन करना पडेगा. जिसमे दो राय नही.

केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार में बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है। शिक्षा का अभाव, रोजगार के अवसरों की कमी और प्रदर्शन संबंधी समस्याएं कुछ ऐसे कारक हैं जो बेरोज़गारी का कारण बनती हैं। इस समस्या को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार को प्रभावी कदम उठाने की ज़रूरत है। विकासशील देशों के सामने आने वाली मुख्य समस्याओं में से एक बेरोजगारी है।यह केवल देश के आर्थिक विकास में खड़ी प्रमुख बाधाओं में से ही एक नहीं बल्कि व्यक्तिगत और पूरे समाज पर भी एक साथ कई तरह के नकारात्मक प्रभाव डालती है,बेरोजगारी समाज के लिए एक अभिशाप है। इससे न केवल व्यक्तियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि बेरोजगारी पूरे समाज को भी प्रभावित करती है। कई कारक हैं जो बेरोजगारी का कारण बनते हैं। देश के धीमे आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप लोगों को रोजगार के कम अवसर प्राप्त होते हैं जिससे बेरोजगारी बढ़ती है।लोगों के लिए रोज़गार के अधिक अवसर बनाने के लिए सरकार को औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए।

बेरोजगार रहने वाले लोगों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में एवं शहरी भागोमें रोजगार के अवसर पैदा किए जाने चाहिए।देश में बेरोजगारी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। हालाँकि सरकार ने रोजगार सृजन के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं पर अभी तक वांछनीय प्रगति हासिल नहीं हो पाई है। नीति निर्माताओं और नागरिकों को अधिक नौकरियों के निर्माण के साथ ही रोजगार के लिए सही कौशल प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए।

एक उपयुक्त नौकरी खोजने में असमर्थ बेरोजगार आमतौर पर अपराध का रास्ता लेता है क्योंकि यह पैसा बनाने का एक आसान तरीका है। चोरी, डकैती और अन्य भयंकर अपराधों के तेजी से बढ़ते मामलों के मुख्य कारणों में से एक बेरोजगारी है।

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