– मनपा की कार्रवाई नोटिस पर नौ वर्ष से राज्य सरकार की स्थगिती
नागपुर :- नागपुर मनपा और यातायात पुलिस ने किसी गरीब व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की, जो अपने परिवार का भरण- पोषण करने के लिए हाथठेला शुरू कर देता है. जुर्माने के साथ- साथ वे गरीबों का हाथठेला भी जब्त कर लेते हैं. लेकिन लगभग दो दशकों से, बजाजनगर चौक से काचीपुरा चौक तक पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय (पीडीकेवी) के परिसर का उपयोग सत्तारूढ़ दल के नेताओं, बड़े होटल व्यवसायियों द्वारा सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है. राज्य सरकार मनपा द्वारा जारी नोटिस को नौ साल तक स्थगित कर इस अनियमितता को बढ़ावा देने का काम कर रही है. इस संबंध में शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विधायक विकास ठाकरे ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल रोक हटाने और इन सभी अवैध व्यापारिक प्रतिष्ठानों को हटाने की मांग की है.
बजाजनगर चौक और काचीपुरा चौक के बीच पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय की करोड़ों रुपये की जमीन पर शहर के प्रभावशाली होटल व्यवसायियों, व्यापारियों, सत्तारूढ़ दल के नेताओं द्वारा लगभग 67 प्रतिष्ठान स्थापित किए गए हैं. यहां रेस्तरां, लॉन, शोरूम और गैरेज शुरू हैं. पिछले दो दशकों से हो रहे इस अतिक्रमण का मुद्दा विधायक ठाकरे ने 2०15 में नागपुर मनपा आम बैठक में उठाया था और नगर पालिका को कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया था. इसके बाद इन सभी प्रतिष्ठानों को मनपा की ओर से महाराष्ट्र क्षेत्रीय एवं नगर नियोजन अधिनियम (एमआरटीपी) के तहत कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया गया था. लेकिन राज्य सरकार ने इस अवैध कारोबार पर रोक लगा रखी है और गरीबों के लिए इतनी तत्परता कभी नहीं दिखायी. साथ ही यह रोक नौ साल बाद भी जारी है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
रेस्तरां जैसे प्रतिष्ठानों में आग लगने की घटना का सबसे अधिक खतरा होता है, इसलिए अग्निशमन विभाग से एनओसी प्राप्त करना और रेस्तरां में अग्निशामक यंत्र लगाना अनिवार्य है. लेकिन यहां ऐसा कोई उपाय नहीं किया गया है. हालांकि एमआरटीपी का नोटिस निलंबित है, अग्निशमन विभाग स्वतंत्र रूप से यहां कार्रवाई कर सकता है. हालांकि, ठाकरे ने सीधे तौर पर यह भी आरोप लगाया है कि आर्थिक लेन- देन के कारण अग्निशमन विभाग यहां कार्रवाई नहीं कर रहा है.
राज्य सरकार ने कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा के लिए यह जमीन पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय को आवंटित की थी. हालांकि, पीडीकेवी ने अतिक्रमण रोकने और अतिक्रमण के बाद उसे हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. इसके अलावा एक लॉन पर अतिक्रमण के मामले में कोर्ट ने कृषि विश्वविद्यालय को उस लॉन का तत्काल अधिग्रहण करने का आदेश दिया था. इस समय, कृषि विश्वविद्यालय से अन्य अतिक्रमणकारियों को अदालत में ले जाने और परिसर के कब्जे के संबंध में कार्रवाई करने की भी अपेक्षा की गई थी. लेकिन खास बात यह है कि कृषि विश्वविद्यालय ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इसलिए, ठाकरे ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर यह भी आरोप लगाया है कि अतिक्रमणकारियों को वित्तीय लाभ मिल रहा है.
यातायात नियम केवल आम लोगों के लिए हैं
यदि वाहन पार्किंग के स्थान पर लगी सफेद लाइन से एक इंच भी बाहर, जो कि शहर में कुछ स्थानों पर है, वाहन खड़ा किया जाता है तो ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करती है और वाहन जब्त कर जुर्माना वसूलती है. लेकिन जब इस स्थान पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में दोपहिया और चारपहिया वाहन सडक़ पर पार्क किये जाते हैं तो ट्रैफिक पुलिस धृतराष्ट्र बनती है. तो यहां सवाल उठता है कि नियम केवल आम नागरिकों के लिए ही क्यों हैं?