कोराडी :- संसार सागर मे अनन्य जीवों की तुलना मे मनुष्य जीवन बडा ही सौभाग्यशाली माना गया है।कोराडी के श्री महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान मे आयोजित वैदिक सनातन धर्म सम्मेलन मे गोवर्धनपीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती महाराज के प्रधान शिष्य ऋषिकेश ब्रम्हचारी महाराज ने कहा कि अहार निंद्रा और मैथुन जलचर थलचर नभचर और भूगर्भीय सूक्ष्म से सूक्ष्म जीवों को प्राप्त है। परंतु मनुष्य शरीर की विशेषता बाकि जीवों से श्रेष्ठ है। ब्रम्हचारी ऋषिकेश ने बताया कि पशुओं के भोजन मे कोई गडबडी नहीं है। परंतु मनुष्य के भोजन पान मे अनेकों गडबडी देखा जा सकता है। सर्दी गर्मी और वारिस से बचने के लिए चिडिया तिनका-तिनका चुन चुनकर घोसला बनाती है। परंतु मनुष्य विविध प्रकार के आवास भोजन और अन्य विशिष्ट सुविधा जुटाने मे अपना वहुमूल्य समय नष्ट करना यह मनुष्यता नही पशुता है।
ब्रम्हचारी ऋषिकेश महाराज ने अपने ओजस्वी प्रवचन मे कहा कि 7 करोड की जनसंख्या वाले विश्व मे सर्वत्र जीवों की गणना करना हमारे बस मे नहीं है।है। चौरासी लाख योनियों से भटकता हुआ जीव का मनुष्य शरीर के रुप मे भारत मे जन्म हुआ वह भाग्यशाली है। जिसका वैदिक सनातन मे जन्म हुआ वह मनुष्य परम् सौभाग्यशाली माना गया है।भारतवर्ष मे मनुष्य पर देवों के देव परमात्मा की आशीष कृपा रही है ।भारत भूमि पर मनुष्य जन्म भगवान की कृपा का प्रमाण है।उन्होने बताया कि देव स्थानों मे ढोल नंगाडे बजाकर नाचना गाना मनोरंजन तक सीमित है। मनुष्य के शरीर ने सैकडों छिद्र है ।उन सभी छिद्रों से कफ लार मल मूत्र पशीना निकल रहा होता है। मनुष्य सबसे दुर्लभ पदार्थ अन्न का त्याग करके मांस मदिरा पान मे लगा हुआ है।
महात्माओं के दर्शन दुर्लभ है।मुमुक्षु जो मोक्ष को प्राप्त हो चुके हैं ऐसे दुर्लभ महापुरुष शंकराचार्य की प्राप्ति एवं दर्शन एवं आत्म साक्षात्कार होना सौभाग्य है। भारत संत महात्माओं और सतियों का देश है। उन्होने बताया कि पत्नि पुरुष को पतन से बचाती है। परंतु वर्तमान परिवेश मे लोग अपनी पत्नि को वाईफ कहकर संबोधित करता हैं । वाईफ यानी “वन्डरफुल इंजॉय”? मानो मनुष्य पूरी तरह अध पतन की ओर अग्रसर हो रहा है इसे रोकना होगा।
कार्यक्रम मे संस्थान सचिव दत्तूजी समरितकर, पुजारी रामदास फूलझेले महाराज, ट्रस्टी एवं अधि मुकेश शर्मा, पूर्व सभापति प्रेमलाल पटेल, केशवराव फूलझेले महाराज, रामभाऊ तोडवाल, श्यामभाऊ तोडवाल, आनन्द कुलकर्णी, शरद वांढे सहित अनेक महिलाओं और पुरुष गणमान्यों ने कार्यक्रम मे बढचढकर हिंस्सा लिया।