28 जुलाई नक्सल सप्ताह के मौके पर गढ़चिरौली पुलिस को बड़ी सफलता

–  कुल 08 लक्ष ईनामी 02 जहाल नक्सलीयोंने किया आत्मसमर्पण 

गडचिरोली :- 28 जुलाई से 03 अगस्त के बीच नक्सली नक्सल शहिद सप्ताह मनाते हैं। इस सप्ताह में नक्सलीयों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सुरक्षा बलों पर हमला करना, मुखबीर होने के संदेह में निरपराध लोंगो की हत्या करना, सड़क बंद करना, बंद का आवाहान करना, धमकाना, जनता से पैसा वसुलना, ठेकेदारोेंसे खण्डणी वसुलना, आदि हिंसक गतिविधीयां करते हैं। सरकार द्वारा घोषित आत्मसमर्पण योजना के तहेत तथा विभिन्न मुठभेड़ो में नक्सलीयों का कीया गया खात्मा एवं हिंसा के जीवन को तंग आकर वरिष्ठ माओवादीयों सहित कई जहाल माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उसीके चलते आत्मसमर्पीत माओवादीयों का गढ़चिरौली पुलिस बल द्वारा पुनर्वास योजना के तहेत माओवादी बडी मात्र में आत्मसमर्पण कर रहें हैं। हाल ही में कुल 08 लक्ष रु. इनामी माओवादी नाम 1) अडमा जोगा मडावी उमर 26 साल, रा. जिलोरगडा, पोस्टे पामेड, ता. ऊसुर, जि. बिजापुर (छ.ग.), 2) टुगे कारु वड्डे ,उमर 35 साल, रा. कवंडे, पोस्टे बेद्रे, ता. बैरामगड, जि. बिजापुर (छ.ग.) इन्होने पुलिस अधीक्षक गढ़चिरौली नीलोत्पल इनके सामने आत्मसमर्पण किया हैं।

आत्मसमर्पीत सदस्य के बारे में जानकारी

नाम अडमा जोगा मडावी

माओवादी की कार्य अवधी

1. अडमा जोगा मडावी माहे जुलै 2014 में पामेड एलजीएसमें सदस्य पद पर भरती होकर 2021 तक कार्यरत था।

2. माह- जानेवारी 2021 को झेान अॅक्शन टीम में तबादला होकर कार्यरत था। माह जुन 2023 को दलम छोडकर घर वापस आ गया।

कार्यकाल में दर्ज अपराध 

मुठभेड़- 08, खुन -05, आगजनी-01, अन्य- 02

श्व् मुठभेड़ – 08

1. वर्ष 2016 में मौजा बोटेतोंग वन परिसर के मुठभेड़ में शामील था।

2. वर्ष 2017 में मौजा बुरकापाल वन परिसर के मुठभेड़ में शामील था। इस मुठभेंड में सीआरपीएफ के 25 जवान शहिद हुए।

3. वर्ष 2017 में मौजा चिन्ना बोडकेल वन परिसर के मुठभेड़ में शामील था। इस मुठभेंड में पुलिस के 02 जवान शहिद और 05 जवान जखमी हुए।

4. वर्ष 2018 में मौजा मुरडोंडा रोडपर एमपीव्ही वाहन को बॉम्ब ब्लास्टींग से उडानें में शामील था। इस ब्लास्टींग में पुलिस के 02 जवान शहिद और 05 जवान जखमी हुए

5. वर्ष 2018 में मौजा झारापल्ली वन परिसर के मुठभेड़ में शामील था। इस मुठभेंड में पुलिस के 03 जवान शहिद और 07 जवान जखमी हुए

6. वर्ष 2018 में मौजा कोंडास्वाल वन परिसर के मुठभेड़ में शामील था। इस मुठभेंड में पुलिस के 01 जवान शहिद हुए।

7. वर्ष 2020 में मौजा एर्रान वन परिसर के मुठभेड़ में शामील था। इस मुठभेंड में पुलिस के 02 जवान शहिद और 07 जवान जखमी हुए।

8. वर्ष 2020 में मौजा मिनपा वन परिसर के मुठभेड़ में शामील था। इस मुठभेंड में पुलिस के 17 जवान शहिद और 20 जवान जखमी हुए।

खुन – 05

1) वर्ष 2018 में मौजा झारा (कुतुल एरीया) गाव के 01 निरपराध इसम की हत्या की हैं ।

2) वर्ष 2020 में मौजा गुमगुडेम गाव के रहेनेवाले 01 इसम की हत्या की हैं।

3) वर्ष 2020 में मौजा गोंडभटुम गाव के रहेनेवाले 01 इसम की हत्या की हैं ।

4) वर्ष 2020 में मौजा कोमाट गाव के रहेनेवाले 01 इसम की हत्या की हैं ।

5) वर्ष 2023 में मौजा झारा (नेलनार) गाव के रहेनेवाले 01 इसम की हत्या की हैं ।

कुल 05 लोगो की हत्या की हैं।

आगजनी – 1

1) वर्ष 2015 में पामेड तेलगंणा के सड़क निर्माण कार्य के दौरान माओवादीयों द्वारा की गई आगजणी मे शामील था।

अन्य – 2

1) वर्ष 2022 में झोरी के सड़क निर्माण कार्य के दौरान माओवादीयों द्वारा की गई आगजणी मे

शामील था। इस आगजनी में 02(01 ट्रक और 01 टेम्पो) वाहनों को जलाया।

2) वर्ष 2023 में ओरच्छा – धानोरा (छ.ग.) के सड़क निर्माण कार्य के दौरान माओवादीयों द्वारा की गई आगजणी मे शामील था।

आत्मसमर्पीत होणे कि वजह

1. दलम के वरीष्ठ कॅडर माओवादियों का कहना है कि, आंदोलन एवं लोगो के लिए पैसा इकठ्ठा करना पड़ता हैं। पर इकठ्ठा किया गया पैसा खुद के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं। लोगो के विकास कार्य के लिए कभी इस्तेमाल किया नही जाता।

2. वरिष्ठ माओवादि नेता केवल अपने फायदे के लिए गरिब आदिवासी युवाओं का इस्तेमाल करते हैं।

3. दलम में रहते हुए शादी होने के बावजुद भी वैवाहिक जीवन नहि जी सकतें।

4. पुलिस बल द्वारा चलाए जाने वाले नक्सल विरोधी अभियान के कारण जंगल में रहना मुश्कील हो गया हैं।

5. मुखबीर होने का बहाना बताकर हमारे ही भाई-बहानो कों मारने को कहते हैं।

6. नक्सल दलम में रहते दिन-रात भटकना पडता हैं। स्वास्थ की समस्या बढ़ती हैं, फिर भी स्वास्थ समस्याओं पर ठिक से ध्यान नहीं दिया जाता हैं।

2) नाम टुगे कारु वड्डे 

माओवादी की कार्य अवधी

1) वर्ष 2012 में जनमिलीशीया में सदस्य के पद पर भरती होकर वर्ष 2014 तक कार्यरत था।

2) वर्ष 2014 में घर वापस आकर घर में रहकर माओवादीयों कें लिए काम करता था।

कार्यकाल में दर्ज अपराध 

खुन -06, आगजनी-01

1) वर्ष 2020 में मौजा नंगुर गाव के 01 और मौजा कवंडे (छ.ग.) के 01 कुल 02 निरपराध इसमों की हत्या की हैं।

2) वर्ष 2021 में मौजा झारामराका (छ.ग.) गाव के रहेनेवाले 01 निरपराध इसम की हत्या की हैं।

3) वर्ष 2021 में मौजा परकेली (छ.ग.) गाव के रहेनेवाले 01 निरपराध इसम की हत्या की हैं ।

4) वर्ष 2021 में मौजा कवंडे (छ.ग.) गाव के रहेनेवाले 01 निरपराध इसम की हत्या की हैं ।

5) वर्ष 2022 में मौजा नगंुर (छ.ग.) गाव के रहेनेवाले 01 निरपराध इसम की हत्या की हैं ।

कुल 06 निरपराध लोगों की हत्या की हैं।

 आगजनी – 1

1) वर्ष 2022 में मौजा इरपनार (म.रा.) मंे रास्ते के काम करनेवालें 12 (ट्रॅक्टर,जेसीबी) वाहनों की आगजनी में शामील था।

आत्मसमर्पण करने कि वजह

1. सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कारण लोगों का समर्थन माओवादियों को नही मिल रहा हैं।

2. वरिष्ठ माओवादी एकत्र किए जानेवाले धन का उपयोेेग अपने उत्थान के लिए करते हैं। और कनिष्ठ माओवादीयों को पर्याप्त धन नहीं दिया जाता हैं।

3. छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के माओवादियों को वरिष्ठ पदो पर जाने का अवसर दिया नहीं जाता।

4. महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित आत्मसमर्पण योजना से प्रभावित होकर ।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित पुरस्कार

1) महाराष्ट्र सरकारने नाम अडमा जोगा मडावी इसपर 06 लाख रु. की ईनाम की घोषणा की थी।

2) महाराष्ट्र सरकारने नाम टुगे कारु वड्डे इसपर 02 लाख रु की ईनाम की घोषणा की थी।

आत्मसमर्पण के बाद सरकार की और से मिलनेवाले पुरस्कार 

1) आत्मसमर्पण के बाद पुर्नवास के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से नाम अडमा जोगा मडावी के लिए 04 लाख 50 हजार रु. का इनाम घोषित किया हैं।

2) आत्मसमर्पण के बाद पुर्नवास के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से नाम टुगे कारु वड्डे के लिए 04 लाख रु. का इनाम घोषित किया हैं।

जैसा कि माओवादी कहते है की, उनकी लढ़ाई जनता के लिए हैं। ये लढ़ाई कभी जनता के लिए थी ही नहीं। सप्ताह के नाम पर गरीब आदिवासीयों का शोषण करना, देशविघातक कृत्य करना, अपना वर्चस्व कायम रखना इसी के लिए लढ़ाई हैं। इसलिए गढ़चिरौली पुलिस बल सभी लोगों को आवाहन करता हैं की, वे माओवादियों की झुठी और कपटपुर्ण तथाकथित क्रांती का शिकार न बनें। गढ़चिरौली पुलिस बल द्वारा प्रभावी नक्सल विरोधी अभियान चलाने और सरकार माओवादीयों को आत्मसमर्पण का सुनहरा मौका उपलब्ध कर देने से सन्मानपुर्वक जीवन बिताने के लिए साल 2022 से 2023 में अबतक 12 माओवादीयों ने आत्मसमर्पण किया। विकास कार्य में बाधा पहुंचानेवाले माओवादीयों को मुहतोड़ जवाब देने के लिए पुलिस विभाग सक्षम हैं। हिंसा का मार्ग छोडकर अहिंसा का मार्ग अपनाने के लिए विकास की मुख्यधारा में शामील और लोकतंत्र में सम्मान जनक जिवन जिने के लिए इच्छुक माओवादीयों को गढ़चिरौली पुलिस बल पुरा सहयोग करेगा। इसीलीए राह भटकें हुए माओवादीयों को मुख्यधारा में शामील होकर शांततापुर्ण जीवन बिताने के लिए आत्मसमर्पण करने का आव्हान पुलिस अधीक्षक गढ़चिरौली. नीलोत्पल इन्होने किया हैं।

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