नागपुर :- हृदय रोग के भयावह साये में जी रहे व्यक्तियों को भय से उबारने और इस व्याधि के साये से गुजर चुके व्यक्तियों के लिए मनोरंजक शैली में मराठी और हिन्दी भाषा में रचित पुस्तक ‘बायपास-बायचांस” का विमोचन हाल ही में केंद्रिय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के हाथों उनके निवास पर किया गया। इस पुस्तक के मूल लेखक डॉ. पुष्पहास बल्लाल हैं जो खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए), नागपुर में सह-आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गडकरी के निजी व कार्यालयीन सहयोगी अतुल मंडलेकर, पुस्तक के हिन्दी अनुवादक डॉ. विजय कुमार शर्मा, संयोजक मी टू वी फाऊँडेशन चेतन मारवाह, भाजपा उद्योग आघाड़ी प्रमुख गिरधारी मंत्री, मुद्रक व शब्द संयोजन गुरूप्रसाद असोसिएट्स संजय लष्करे, संपादन सहयोगी दिलीप जायसवाल, नागपुर एफडीए के सहआयुक्त विराज पौनिकर, औषधि निरीक्षक नितिन भांडारकर, औषधि निर्माता डॉ महेंद्र क्षीरसागर, एनडीसीडीए अध्यक्ष फा.राजीव उखरे, सचिव फा.संजय खोब्रागडे और विशेष रूप से उनके कई क्लासमेट्स भी उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सामाजिक कल्याण के उद्देश्य से पुस्तक के लेखन के लिए डॉ. बल्लाल की प्रशंसा करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
इस पुस्तक की रचना के पार्श्व में घटित घटनाक्रम के संबंध में बता दें कि डॉ. बल्लाल को अपने मधुमेह के नियमित परीक्षण के दौरान अकस्मात ही बायपास सर्जरी करवाना पड़ा। रोजाना मार्निंग वॉक सहित खानपान में अत्यंत सावधानी बरतने वाले डॉ. बल्लाल ने बायपास सर्जरी की प्रक्रिया से लेकर सर्जरी पश्चात पुनर्वास तक की तथाकथा का मनोरंजक शैली में वर्णन करते हुए कई महत्वपूर्ण टिप्स समाज को दिए हैं। जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। डॉ. बल्लाल ने कोरोना काल में एफडीए की ओर से उत्कृष्ट सेवाएँ दीं हैं और उन्हें दो बार विभाग की ओर से उत्कृष्ट अधिकारी का खिताब भी प्राप्त हो चुका है। इससे पूर्व डॉ. बल्लाल ने मराठी भाषा में दो पुस्तकें लिखीं हैं, इनमें से उनके अमरावती से नागपुर प्रवास की तथाकथा बताने वाली यष्टि नामक पुस्तक बहुत सराही गई है।