विकास बनाम टिकास : क्या FRIENDLY CONTEST हैं या और कुछ ?

– पक्ष निहाय कट्टर समर्थक और मतदाता संभ्रम में 

नागपुर :- नागपुर लोकसभा चुनाव में सीधी भिड़ंत कांग्रेस और भाजपा की ही है,दोनों ओर से कुछेक वोट कटुआ खड़े किये गए है,वह भी PAID.

गर्मागर्म चर्चा है कि भाजपा उम्मीदवार नितिन गडकरी की जीत की हैट्रिक ‘मोदी-शाह’ पर निर्भर हैं.पिछले लोस चुनाव में उन्हें घर बैठाने की भरसक कोशिश की गई,क्यूंकि भाजपा उम्मीदवार अमूमन लगभग सर्व पक्षों में अपनी पैठ रखता है,इसलिए उसके मनमाफिक विपक्षी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जा सके.इसका दूसरा बड़ा फायदा यह भी होता है कि जीत की मार्जिन बड़ी हो जाती हैं.

भाजपा उम्मीदवार को विकास के एवज में वोट नहीं मिलता,उन्हें वोट सोची समझी रणनीति के तहत मिलती हैं.वे विपक्षी पार्टियों को सफलतापूर्वक संभालते हैं.इसके अलावा सामाजिक,शैक्षणिक,धार्मिक,सांस्कृतिक,खेल आदि संगठनों का सहारा लेते हैं,इससे ही उनकी वोट की मार्जिन बढ़ती हैं.जबकि पक्ष के हिसाब से उनकी वोट सिमित हैं.

बड़ा सवाल यह है कि इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार ने कितने डमी उम्मीदवार खड़े किये ?

क्या भाजपा में अंतर्गत गुटबाजी कायम हैं ?

एक इंटरव्यू में भाजपा उम्मीदवार ने कांग्रेस उम्मीदवार को अपना दोस्त बतलाया,और उनके खिलाफ कुछ भी बोलने के लिए माना कर गए.क्या इसे जीत का मार्ग प्रसस्त समझा जाए ?

अगर इनके विपक्ष में और कोई उम्मीदवार होता तो इन्हें दिक्कत आ सकती थी !

इस हिसाब से उक्त चुनावी भिड़ंत FRIENDLY समझा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होंगी।

दूसरी ओर भाजपा में ही गडकरी विरोधी खेमे में चर्चा है कि गडकरी की जीत रोकने के लिए एक सोची समझी रणनीति के तहत गडकरी विरोधी गुट ने विकास को खड़ा करवाया। विकास के खड़ा होने से केदार गुट के सभी गडकरी का समर्थन करेंगे,यह तय हैं ?

पुत्र मोह में सभी गडकरी के समक्ष नतमस्तक

कांग्रेस के तथाकथित स्थानीय दिग्गज नेताओं को अपनी राजनैतिक भविष्य और अपने अपने पुत्रों के राजनैतिक भविष्य की चिंता सता रही हैं,पुत्रों को कम से कम विधानसभा तक पहुँचाने के लिए विपक्ष का सहयोग की इन्हें नितांत आवश्यकता हैं,इसलिए उक्त तथाकथित चारों-पांचों नेता अप्रत्यक्ष रूप से गडकरी का हैट्रिक बनाने में सहयोग कर रहे हैं.

गडकरी की जीत पक्की 

यह भी कड़वा सत्य है कि कांग्रेस उम्मीदवार को गडकरी विरोधियों कितना भी साथ मिला तो भी जीत गडकरी की ही है,क्यूंकि उनकी सफल चुनावी मैनेजमेंट है न कि शहर का विकास के भरोसे,विकास के नाम में मेट्रो रेल मनोरंजन तक सिमित,सीमेंट सड़क से आर्थिक,पर्यावरण सह शहर का तापमान का नुकसान,इथेन ऑइल बस गायब,गन्ने से उन्नत बनाने का फार्मूला फेल,24 घंटे पानी कही नहीं,मिहान-सेज़-MIDC में उद्योग नदारत फिर कैसा और कौन सा विकास…. ONLY टिकास !

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