नागपुर :- “विदर्भ अन-एडेड इंजिनियरिंग कॉलेजेस मॅनेजमेन्टस असोसिएशन” द्वारा कल दिनांक १ मार्च, २०२४ को मेघे ग्रुप ऑफ इंन्स्टीट्युशन्स, अत्रे ले आऊट, नागपुर में आयोजित बैठक में असोसिएशन ने अभियांत्रिकी, तंत्रनिकेतन (Polytechnic), फार्मसी, एम.बी.ए., आर्कीटेक्चर, इत्यादि महाविद्यालयों से संबांधित समस्याओं को लेकर आयोजित सभा में महाराष्ट्र राज्य के उच्च व तंत्रशिक्षण मंत्री चंद्रकांत पाटील से चर्चा की जिसमें अधिकांश महाविद्यालयों के संस्था चालक, संचालक, प्राचार्य, कृत्यादि बड़ी तादात में उपस्थित थे।
अभियांत्रिकी (Engineering) महाविद्यालयों की प्रमुख मांगो में शिक्षक व गैरशिक्षक कर्मचारियों को ७ वा वेतन आयोग लागू करने के लिए केन्द्र व राज्य शासन द्वारा जारी किए गये शासकीय आदेश (GR) को अमल में लाने में हो रही आर्थिक अडचन व दिक्कतों से अवगत कराया। माननीय मंत्री श्री चंद्रकांत पाटील ने आश्वासन दिया कि सन ०१/०१/२०१६ से सन २०२४ तक सभी महाविद्यालयों के शिक्षक, गैरशिक्षक कर्मचारियों का ७ वा वेतन आयोग का बकाया राज्य शासन द्वारा जल्द ही इस रक्कम की पुर्तता आने वाले २ से ३ वर्षों में शुल्क नियामक प्राधिकरण (Fee Regulation Authority (FRA)) के माध्यम से शिक्षण शुल्क (Tution Fee) में बढ़ोतरी कर जल्द ही राहत दी जाएगी। राज्य शासन को इस के लिए लगभग १२०० करोड का प्रावधान करना पड़ेगा।
शिष्यवृत्ती रक्कम को वितरित करने में हमेशा अत्याधिक विलंब के चलते कर्मचारियों के वेतन में ६ से ८ महीने अधिकांश महाविद्यालयों में भुगतान नहीं होने, भविष्य निधी (P.F.), टी.डी.एस. (TDS), इत्यादि समय पर जमा नही कर पाने पर मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि राज्य शासन जल्द ही एक प्रस्ताव अमल में ला रही है, जिसके चलते सभी अभियांत्रिकी, तंत्रनिकेतन, फार्मसी, वैद्यकिय, आर्किटेक्चर, एम.बी.ए., एग्रीकल्चर इत्यादि महाविद्यालयों को शिष्यवृत्ती रक्कम मिलने में होने वाले विलंब को दूर करने राष्ट्रीयकृत बैंकों से “बिल डिस्काऊटींग फेसिलिटी (Bill Discounting Facility) शुरु करने जा रही। संबंचित महाविद्यालय अपने विद्यार्थीयो के शिष्यवृत्ती की कुल रक्कम को अपने जिल्हे के समाज कल्याण कार्यालय से स्वीकृत / अधिकृत (Certified) कर अपने बैंक में जाकर बिना विलंब रक्क्म प्राप्त कर सकेंगे। शासन इस रक्कम का भुगतान संबंधित बैंक को करेगी। इस रक्कम पर लगने वाला बैंक का ब्याज बहुत ही कम दर में होगा तथा ब्याज का आधा रक्कम राज्य शासन वहन करेगा तथा आधा रक्कम (50%: 50%) संबंधित महाविद्यालय को वहन करना पड़ेगा। मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि राज्य शासन शिष्यवृत्ती की रक्कम को राष्ट्रीयकृ त बैंको से “बिल डिस्काऊटींग फॅसिलिटी (Bill Discounting Facility) की सुविधा का लाभ महाविद्यालयों को उपलब्ध कराने हेतु संप्रभु गांरटी (Sovereign Guarantee) देगी। किसी भी महाविद्यालय को बैंक में कोई भी संपत्ती (Property) सलग्न (Mortgage) करने की जरूरत नही रहेगी। यह प्रस्ताव अंतिम चरण में राज्य शासन के वित विभाग (Finance Department) की मंजुरी हेतू प्रलंबित है। मंजुरी प्राप्त होते ही “बिल डिस्काऊटींग फेसिलिटी (Bill Discounting Facility) लागु कर दी जाएगी। महाविद्यालयों को शिष्यवृत्ती रक्कम विलंब से प्राप्त होने की हमेशा की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। किसी भी महाविद्यालय में कर्मचारियों को विलंब से वेतन मिलने की शिकायत ही खत्म हो जाएगी।
चंद्रकांत पाटील ने कहा कि शैक्षणिक सत्र २०२३-२४ (चालु वर्ष) के शिक्षण शुल्क शिष्यवृत्ती (Tution Fee Scholarship) की रक्कम सभी महाविद्यालयों को ३१ मार्च, २०२४ के अंत तक प्राप्त हो जाएगी। इसका प्रावधान कर राज्य कोष (State Treasury) में यह रक्क्म सरकार ने पहले ही जमा कर दीया है।
विदर्भ अन-एडेड इंजिनियरिंग कॉलेजेंस मॅनेजमेन्टस असोसिएशन की ओर से महासचिव श्री अविनाश दोरसटवार तथा जुगल माहेश्वरी ने मंत्री चंद्रकांत पाटील का शॉल श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। मेघे ग्रुप ऑफ इंस्ट्युिशन के कोषाध्यक्ष तथा आमदार समीर मेघे ने राज्य बीजेपी के अध्यक्ष व पुर्व मंत्री तथा आमदार चन्द्रशेखर बावनकुले का शॉल व श्रीफल तथा पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
असोसिएशन के पदाधिकारियों में प्रमुख रुप से उपस्थितों में आमदार समीर मेघे, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपूर विद्यापीठ के संस्थापक मंडळ के सदस्य अजय अग्रवाल, अविनाश दोरसटवार, प्रसन्ना तिकडे, जुगल माहेश्वरी, नवनीत सिंग तुली, प्रदीप नगरारे, नितीन ताटीया, सुरेश बंग, प्रमोद पांपटवार, डॉ. सुरेंद्र गोले, राजेश पांडे, उदय टेकाडे, नितिन पुगलिया, प्रशांत वासाडे, प्रा. अविनाश बदर, डॉ. रवी पारनकर, अजय खडगी, डॉ. अंकुश मानकर, डॉ. वी. जी. अरजपुरे, डॉ. प्रल्हाद हडके, डॉ. श्रीकृष्ण ढाले, अमोल देशमुख, डॉ. विनोद गौरटीवार, डॉ. यु. पी. वाघे, डॉ. बी. एस. एंचवार, डॉ. ए. बी. पाटील, डॉ. ए. आर. दहीकर, डा. सोहेल परवेज इत्यादी प्रमुख रुप से उपस्थित थे।
प्रमुख महाविद्यालयो में यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग (YCCE), रामदेव बाबा कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग अँड मॅनेजमेंट, जे डी कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग अँड मॅनेजमेंट, जी. एच. रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग, जी. एच. रायसोनी इंस्टिट्युट ऑफ इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी, सेंट विन्सेंट पलोटी कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग, झुलेलाल इंस्टिट्युट ऑफ टेक्नॉलॉजी, के डी के कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी, विदर्भ इंस्टिट्युट ऑफ टेक्नॉलॉजी, सुर्योदय कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी, नागपुर इंस्टिट्युट ऑफ टेक्नॉलॉजी (NIT), गुरुनानक कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी, श्रीमती राधिकाताई पांडव इंजिनिअरिंग कॉलेज, विलासराव देशमुख कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग, अंजुमन कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग, श्रीसाई कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी, चंद्रपुर, कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग, आर्वी, नागार्जुना कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी, राजीव गांधी कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी, चंद्रपुर, प्रियदर्शनी कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग, नागपूर, मनोहरभाई पटेल इंस्टिट्युट ऑफ इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी, भंडारा, जगदंबा इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी, यवतमाळ, तुलसीराम गायकवाड पाटील कॉलेज ऑफ इंजिनिअरिंग अँड टेक्नॉलॉजी इत्यादी के प्राचार्य उपस्थित थे।