– सुनवाई की तारीख देकर नगर भू-मापन अधिकारी गायब
नागपूर :-पिछले एक साल से शहर के मौजा पूनापूर के नगर भूमापन क्रमांक 150 के तीन संपत्ति धारकों ( सुशीला चौधरी और खेमराज चौधरी, खेमराज चौधरी और विनोद डागा ) ने अपनी-अपनी संपत्ति के म्यूटेशन के लिए नगर भू-मापन क्रमांक 2 में सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ दिनांक 14 फरवरी 2022 और 21 फरवरी 2022 को आवेदन किया था.
7 महीने बाद भी संपत्ति का म्यूटेशन नहीं होने पर आवेदकों ने सामाजिक कार्यकर्ता राजेश पौनीकर से इस मामले की शिकायत की.
पौनीकर ने इस मामले में सिटी सर्वे विभाग से जानकारी हासिल करने के लिए दिनांक 26 सितम्बर 2022 को सूचना के अधिकार में आवेदन किया. इस आवेदन पर मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने त्रुटी पत्र जारी करने के दो महीने बाद केवल विनोद डागा को ही त्रुटी पत्र भेजा जबकि आज 12 महीने बाद भी अन्य दो आवेदकों को विभाग ने त्रुटी पत्र भेजा ही नहीं.इसी आवेदन पर विभाग ने अन्य दोनों आवेदकों के भी जारी किये हुए त्रुटी पत्र दिये जो कि आवेदकों को आज तक नहीं मिले.
तीनों आवेदनों के त्रुटी पत्र पर विभाग ने अलग-अलग त्रुटी दर्शायी हैं जबकि तीनों आवेदनों के दस्तावेज एक समान हैं.
विभाग ने दर्शायी त्रुटीयों की पूर्तता करते हुए पौनीकर ने दिनांक 31 अक्तूबर 2022 को फिर से दस्तावेज कार्यालय में जमा करके रिसिव्ड काॅपी ली.
दस्तावेजों के देने के 2 महीने बाद भी विभाग द्वारा म्यूटेशन नहीं करने पर राजेश पौनीकर ने फिर दिनांक 5 जनवरी 2023 को सूचना के अधिकार में दिये गये दस्तावेजों के बाद विभाग ने कौनसी कार्यवाही की इसके अहवाल की सत्यप्रती मांगने विभाग ने यह मुद्दा प्रश्नार्थक बताकर जानकारी देने से इन्कार कर दिया और दूसरे मुद्दे में तीनों आवेदनों पर विभाग ने पोस्ट से भेजे त्रुटी पत्र के जावक रजिस्टर की सत्यप्रती मांगी.जिसके जवाब में विभाग ने केवल विनोद डागा के ही पत्र की अधूरी जानकारी दी.बाकि दोनों की जानकारी नहीं दी.
विभाग के लापरवाह अधिकारियों की हरकतों को देखकर राजेश पौनीकर ने 23 जनवरी 2023 को सूचना के अधिकार में सिटी सर्वे में प्रथम अपील की. जिसकी सुनवाई दिनांक 16 फरवरी 2023 को दोपहर 12.15 बजे रखी गयी थी.
पौनीकर के सुनवाई के समय पर कार्यालय पर पहुंचने पर जन सूचना अधिकारी प्रवीण प्रयागी ने नगर भू मापन अधिकारी सतीश हनमंत पवार छुट्टी पर होने से सुनवाई स्थगित करने की जानकारी दी और इसकी सूचना पत्र के द्वारा पहले ही भेजने की जानकारी दी.जबकि ऐसा कोई पत्र पौनीकर को मिला ही नहीं.
पौनीकर ने भेजे गए पत्र की एक जेरोक्स प्रती मांगने पर इस पर अगली सुनवाई दिनांक 2 मार्च 2023 को आयोजित करने का उल्लेख तो था लेकिन सुनवाई का समय ही गायब था.
अभी तक देश के न्यायालयों में आम जनता को बरसों तक केवल तारीख पर तारीख देने की परंपरा शुरू हैं ऐसे में अब सूचना के अधिकार में भी सूचना अधिकारीयों और सूचना आयोगों में आम जनता को केवल तारीख पर तारीख देने की नयी परंपरा शुरू हो गयी हैं.
सिटी सर्वे विभाग के अधिकारियों द्वारा सुनवाई की तारीख देकर खुद ही सुनवाई से गायब रहना चिंता का विषय हैं.
हाल ही में बांबे उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने म्यूटेशन में हो रही देरी और अनियमितता के मामलों पर संज्ञान लेते हुए बुधवार को उप निबंधक कार्यालय और सिटी सर्वे विभाग के सभी अधिकारीयों को बुलाकर उनको जमकर लताड़ लगायी.
राजस्व विभाग में हर महीने में एक न एक अधिकारी, पटवारी एसीबी के हत्थे चढ़ने के बावजूद भी इन विभागों में भ्रष्टाचार और अधिकारीयों की लापरवाही पूरी तरह से समाप्त नहीं हो रही हैं.
भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारीयों को नौकरी से पूरी तरह बर्खास्त नहीं करने और कठोर सजा नहीं देने से इनकी हिम्मत दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही हैं.ऐसे में आम जनता को समय पर इंसाफ मिलने की कहीं कोई गुंजाइश बचती ही नहीं हैं.
राजेश पौनीकर, प्रतिनिधी
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