– 7 महीने में वन्य प्राणियों को 45 लाख रुपये की दावत
नागपुर :- महानगर संवाददाता, महाराजबाग प्राणी संग्रहालय में वन्य प्राणियों को हर दिन दूध, फल, मटन, मछली, अंडे, घास, शहद सहित अन्य पदार्थ खिलाये जाते हैं. इसके साथ ही मौसम के साथ ही बन्य प्राणियों के आहार में भी बदलाव किया जाता है. पिछले 7 महीने के भीतर वन्य प्राणियों के खाने पर 45 लाख रुपये खर्च किये गये, जबकि कमाई करीब 1 करोड़ रुपये हुई. महाराजबाग चिड़ियाघर में वन्य प्राणी अब भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, यहां हिरण, चीतल, मोर, मगर, नील गाय, तेंदुए, भालू, बंदर, बाप सहित अन्य प्राणी व पक्षी हैं. इन प्राणियों की देखभाल के लिए चिकित्सक से लेकर केयर टेकर तक की टीम मौजूद है. आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार 2019 में महाराजबाग में कुल 82 प्राणी थे. वहीं वर्तमान में इनकी संख्या 74 है. सितंबर में आई बाढ़ में करीब 23 प्राणियों की मौत हो गई थी. इनमें 18 हिरण, 4 चीतल और एक हॉग डियर की मौत हो गई थी. इससे पहले 2019 से लेकर 22 तक कुल 13 प्राणियों की मौत हुई,
टिकट, पार्किंग आय के मुख्य स्रोत
महाराजबाग की मुख्य कमाई का स्त्रोत यहां आने वाले दर्शक और पार्किंग की है. 2019 में कुल आय 1.19.02.750 हुई थी. जबकि कोरोना की वजह से 20-21 में आय करीब। करोड़ हुई थी. वहीं 2022 में कुल आय 1,25.00.000 थी. वहीं 2023 में 1 करोड़ रही, कमाई का आधा हिस्सा वन्य प्राणियों के खाने पर खर्च किया जाता है. वर्ष 2019-20 में 48,93,313 रुपये खर्च किये, वहीं 20-21 में 80.37.676, 21-22 में 81,60,049, 22-23 में 80.96.355 और मार्च 2023 से अक्टूबर तक यानी 7 महीने में 45.63,753 रुपये खुराक पर खर्च किये गये. प्राणियों की संख्या कम होने के बाद भी पिछले 7 महीने में अपेक्षाकृत खाने पर अधिक खर्च किया गया है.