– विधानसभा चुनाव लड़ रहे एक उम्मीदवार ने बढ़-चढ़ कर चुनावी घोषणा की थी लेकिन……
नागपुर :- RSS का मुख्यालय अर्थात मध्य नागपुर इस नागपुर शहर का कई दशकों से बड़ा व्यापारिक इलाका है,यहाँ आसपास के जिलों से भी ग्राहक रूपी दुकानदार भी खरीदी के लिए आते हैं.
जाहिर सी बात है कि यहाँ ‘ब्लैक एंड वाइट’ अर्थात कच्चे में धंधा ज्यादा होता रहा हैं फिर कोई भी व्यवसाय क्यों न हो.इस व्यवसाय व्यवहार को समझने वाले गैर व्यवसायी सफेदपोश/गैर सफेदपोश इसका भरपूर फायदा उठा रहे है.इन्हीं पर संबंधित विभागों से कार्रवाई का धौंस दिखाकर अपना मनमाना उल्लू सीधा कर रहे हैं,फिर जायज व्यवसाय हो या फिर नाजायज अर्थात गैरकानूनी व्यवसाय क्यों न हो.
क्यूंकि व्यवसायी गैरकानूनी कृत कर फलफूल रहे इसलिए उनसे ‘खंडणी वसूली’ का क्रम से वे काफी परेशान हैं.संभवतः इसलिए इस इस विधानसभा चुनाव में ‘उस उम्मीदवार ने चुनाव जीत कर आने पर मध्य नागपुर का व्यापार ‘खंडणी मुक्त’ करवाने का वादा किया था लेकिन वे सफल नहीं हो पाए.
# मध्य नागपुर में चर्चा है कि आजतक मध्य नागपुर का जिन जिन ने भी प्रतिनिधित्व किया,किसी ने मध्य नागपुर का उत्थान नहीं किया,सभी ने खुद का और खुद के भविष्य का भविष्य संवारा।जिसका क्रम आजतक समाचार लिखने तक जारी हैं.
# इस क्षेत्र के खंडणी वसुलीबाज’ कोई भी त्यौहार/चुनाव/छोटा बड़ा कार्यक्रम हो ‘एक नंबर और दो नंबर’ का व्यवसाय करने वालों को धर दबोचते हैं,जबरन वसूली करते है क्यूंकि व्यापारी तपका नरम होता है,अपने व्यवसाय का हिट देखने वाला होता है इसलिए उन ग़ैरकृतकर्ताओं का विरोध चाह कर भी नहीं करता हैं इसलिए ‘खंडणी वसूली में लिप्त चुनिंदा सफेदपोश/गैर सफेदपोशो का हौसला दिनोदिन बढ़ते जा रहा हैं.
# शहर के बढ़ते-फैलते विस्तार स्वरुप से मध्य नागपुर का जमीनी भाव और वहां के व्यवसाय का दर आसमान छू रहा है.इसलिए कुछ सफेदपोश खासकर चुनाव लड़ने वाले या लड़ने के इच्छुक इस क्षेत्र में खुद का दबदबा बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी एक कर रहे हैं.इसलिए पुराने किरायेदार हटवाने और जमीन खाली करवाने और नई – नई व्यवसायिक ईमारत खड़ी करने /करवाने वालों को सहयोग करने के एवज में सरकारी तंत्र का धौंस दिखाकर ‘खंडणी वसूली’ आम बात हो गई हैं.
# पिछले विधानसभा चुनाव के बनस्पत इस चुनाव में चुनावी चंदा के नाम पर कई गुणा अधिक चुनावी चंदा जबरन वसूली की गई है,देने वाले कौन हो सकते है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.इस चुनाव में लड़ने वाले का चुनावी खर्च दर्शाए गए से कई गुणा अधिक था,अर्थात चुनाव जीत हार के बाद भी उम्मीदवारों पर कोई फर्क नहीं पड़ा.पहले-दूसरे नंबर के उम्मीदवारों को बेहिसाब चंदा इन्हीं व्यापारी इलाकों से मिली !
# इसी मध्य नागपुर में नशे का बड़ा कारोबार फलफूल रहा,यह सर्वत्र चर्चित है,इसके सेवनकर्ता अधिकांश युवा वर्ग है.उम्मीदवारों ने इन्हें संरक्षण देने का आश्वासन देकर इनसे मत संग्रह किया यह उल्लेखनीय हैं.अर्थात उम्मीदवारों को भविष्य में ‘उड़ता मोमिनपुरा या उड़ता मध्य नागपुर’ बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान करना है.
# स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके-बेमौके स्थानीय क्षेत्रों में व्यापर ठेकेदारी करने वालों से खंडणी वसूली/कमीशन/पार्टनरशिप करके ही दम लेते हैं.15 वर्ष पूर्ण कमीशन तक सिमित था मामला,लेकिन पिछले 15 वर्षों से प्रत्येक सरकारी/गैर सरकारी कामों में पर्टनरशीप कर रहे है,साझेदारी नहीं करने वालों को बेदम सताया जाता हैं.एक विशेष जनप्रतिनिधि का एक दर्जन से अधिक अघोषित व्यवसाय है और मध्य नागपुर में कर रहे बड़े बड़े कामों में PARTNERSHIP हैं.(अगले अंक में पढ़िए कौन कौन से व्यवसाय में लिप्त है और कौन कौन कर रहा उसका संचालन )
# पिछले कुछ दिनों से इन्हीं मध्य नागपुर के व्यापारियों से ‘मुख्यमंत्री के प्रथम आगमन’ पर स्वागत/सत्कार/विज्ञापन/भोजन-मिठाई दान के नाम पर उगाही शुरू है,इसके साथ ही 16 दिसंबर से शीत सत्र में आने वाले नेताओं के स्वागत सत्कार सेवा पर खर्च होने वाली राशि इन्हीं व्यापारियों से वसूली जा रही है,इस क्रम में तमाम पक्ष के मध्य नागपुर के तथाकथित नेताओं का समावेश हैं.
भगवान ही बचाए RSS का गढ़ अर्थात मध्य नागपुर और यहाँ के तमाम व्यापारियों को इन खंडणी बाजसफेदपोशों से !