– चंद्रपुर,रामटेक व नागपुर में से 2 पर जीत की प्रबल संभावना…
नागपुर :- लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होने जा रहा हैं। इस पहले चरण में विदर्भ के 5 लोकसभा सीटों पर मतदान होनी हैं.इन 5 सीट में से इस बार 3 सीटों पर जीत का परचम लहरा पाएगी,शेष 2 सीट अन्य के खाते में जाने के आसार दिख रहे हैं.प्रचार-प्रसार के दौरान मिली जानकारी के अनुसार उक्त 5 सीटों में से 2 पर जीत की उम्मीद हैं.इनमें से चंद्रपुर,रामटेक व नागपुर में से कोई 2 लोस सीट कांग्रेस के खाते में जाने के आसार नज़र आ रहे हैं.
याद रहे कि पिछले लोकसभा चुनाव में उक्त 5 सीटों में से भंडारा-गोंदिया,नागपुर,वर्धा भाजपा ने,रामटेक शिवसेना ने और चंद्रपुर कांग्रेस ने जीती थी.कांग्रेस ने रिकॉर्ड बनाते हुए 48 में से मात्र चंद्रपुर ही जीती थी.
इस मर्तबा चर्चा है कि भाजपा की स्थिति डगमग है तो दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस ने कई डमी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा हैं.
इस बार उक्त 5 लोकसभा सीटों में से सबसे रोचक चुनाव नागपुर में होने जा रहा हैं,
नागपुर तथाकथित ‘विकास पुरुष बनाम विकास’.
विकास पुरुष ने खुली घोषणा की थी कि सिर्फ आवेदन भरने जाएंगे,कोई प्रचार-प्रसार नहीं करेंगे,न चाय पानी का खर्चा देंगे लेकिन ‘विकास पुरुष बनाम विकास’ के मध्य सीधी भिड़ंत होने से विकास पुरुष को हर वो वो काम करने पड़ रहे जो पिछले 2 लोस चुनावों में किये थे,इस बार कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रहे हैं क्यूंकि पक्ष के ‘विभीषण’ सक्रीय है,जरा भी ढिलाई की तो पक्ष के ‘विभीषण’ विकास पुरुष को घर बैठा देंगे।
वही दूसरी ओर ‘विकास’ विरोधी कहते फिर रहे है कि नागपुर शहर में नया नेता पैदा न होने पाए इसलिए ‘विकास’ ने चुनाव लड़ने का मन बनाया।’विकास’ की चुनावी बलि लेने के लिए शहर कांग्रेस के तीनों तथाकथित नेता अपने अपने पुत्र मोह में ‘विकास’ के लिए एकजुटता लोकसभा चुनाव पूर्ति तक दिखा रहे,जबकि तीनों ‘विकास’ के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष विरोधियों में से माने जाते हैं.
रामटेक में ‘श्याम बर्वे बनाम राजू पारवे’ नहीं बल्कि ‘केदार बनाम भाजपा-सेना’ की भिड़ंत अर्थात अस्तित्व की लड़ाई हैं.बर्वे ‘डमी’ उम्मीदवार है.इस चुनाव में कांग्रेस हारी तो केदार का राजनैतिक अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
दूसरी ओर चर्चा है कि नागपुर शहर में केदार समर्थक चुनिंदा है लेकिन मजबूत है,शहर में भाजपा को केदार समर्थकों का मदद चाहिए तो रामटेक लोस में भाजपा को केदार के ‘डमी उम्मीदवार’ को मदद करना होगा।यह समीकरण सफल हुआ तो नागपुर जिले में एक भाजपा और एक कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही हैं.दूसरी ओर भाजपा ने अपने संगठन क्षमता का सदुपयोग सह चाय पानी के खर्चे को तरजीह दी तो गडकरी और राजू पारवे विजयी हो सकते हैं.
भंडारा-गोंदिया और वर्धा में से दोनों भाजपा या वर्धा एनसीपी के कोटे में जा सकता हैं.
चंद्रपुर में भाजपा ने सुधीर मुंगटीवार को उम्मीदवारी देकर जुआ खेला है,जीत गए तो कांग्रेस से सीट छीनी और हार गए तो सुधीर मुंगटीवार की राजनैतिक बलि ले ली गई,क्यूंकि मुंगटीवार OBC हैं और जब जब राज्य में भाजपा की मुख्यमंत्री बनाने की बात आती है,तब तब मुंगटीवार भाजपा में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को तगड़ी FIGHT देते हैं.