नागपुर :-जहां भी सत्य है, वहीं शिव का वास है। शिव के साथ सारी विषमता है। वे औघड़ हैं, आशुतोष हैं, देवों में महादेव हैं, रुद्र हैं, गृहस्थ हैं, महायोगी हैं, त्यागी और तपस्वी हैं, पिता है, गुरु हैं, मृत्यु हैं, जीवन हैं। उक्त आशय के उद्गार विद्या नगरी, रेशिमबाग के महात्मा फुले सांस्कृतिक सभागृह में आयोजित शिव महापुराण में चित्रकूट के कथाकार योगेश कृष्ण महाराज ने भक्तों से कहे। शिव पुराण का आयोजन 25 सितंबर तक दोपहर 2 से 5 बजे तक किया गया है। कथा के मुख्य यजमान रमेश राऊत, जयश्री राऊत हैं।
योगेश महाराज ने आगे कहा कि भारतीय होने का अर्थ है शिव को जानना। उनको जाने बिना इस लोक को जानना असंभव है। उनकी आराधना से मोक्ष मिलता है। वे ज्ञान का वेद हैं, वे रामायण के प्रणेता हैं, संगीत के स्वर हैं, ध्यान के उत्स हैं। उनमें नृत्य वास करता है, जीवन को गति मिलती है। वे प्रेमी हैं, ऋषियों के गुरु हैं, देवताओं के रक्षक हैं, असुरों के सहायक हैं और मानवों के आदर्श हैं। सभी से बड़ी संख्या में उपस्थिति की अपील आयोजकों ने की है।