संदीप कांबळे, विशेष प्रतिनिधी
कामठी – प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा रनाला में मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती (मम्मा) का 57वा स्मृति दिवस मनाया गया| उनके संस्मरण सुनाते हुई सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने कहा कि मम्मा शालीनता, गंभीरता, प्रेम और वात्सल्य की प्रतिमूर्ति थी| मम्मा विद्यालय की प्रथम प्रशासिका थी| जिन्होने काफी कुशलतापूर्वक यज्ञ की स्थापना और पालना में अपना सहयोग दिया|
मम्मा जो की बाल्यकाल से ही प्रभु प्रेमी आत्मा थी| अपने 13 साल की उम्र से ही ब्रह्मकुमारी विद्यालय में अपना जीवन समर्पित किया था और उन्होंने अपनी मातृतुल्य पालना सभी यज्ञवत्सों को दिया| मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती का जीवन एक उदाहरणमूर्त था| उन्होंने अपने जीवन में हमेशा कर्मों पर बहुत ध्यान रखा. वे हमेशा कहती थी कि जो भी हो रहा है वह करनकरावणहार करा रहा है| इसके पश्चात सेवा केंद्र में मम्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई|
इस अवसर पर खेल जगत में बेहतरीन प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली कु. ईशिता राकेश फेंडर को ब्रह्मकुमारी प्रेमलता दीदी और बहनों ने पुष्पगुच्छ और स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया| कु. ईशिता को बचपन से ही आध्यात्म में रुची हैं और संस्कारवान बनकर खेल जगत में और भी प्रगति कर देश का नाम रोशन करे ऐसी शुभ प्रेरणाएं व्यक्त की गई| इससे पूर्व भी ईशिता को उसकी उपलब्धियों के लिए कामठी सेवा केंद्र की ओर से सम्मानित किया गया। इस प्रसंग पर विशाल जनसमुदाय उपस्थित था, जिसमें नारायण अग्रवाल, राजेश आहुजा, नागोराव साबले, घनश्याम चकोले, वसंत ठाकरे, राजू काले, हरिहर गायधने, चंद्रशेखर दोणारकर, गणपत पचारे, विमल साबले, अनिता लिंग्या, महेंद्रभाई, आहुजा मैडम, राकेश फेंडर, हरिश्चंद्र फुलारे आदि का प्रमुख रूप से समावेश था। कार्यक्रम का समापन सभी ने ब्रह्मा भोजन स्वीकार करके किया|
मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती स्मृतिदिन पर ईशिता फेंडर का सम्मान
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