केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के अमरावती स्थित आईआईएमसी के पश्चिम क्षेत्रीय केंद्र को नागपुर स्थानांतरित करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखा है। आईआईएमसी का अमरावती केंद्र 11 सालों से उपेक्षा का शिकार है। उसका न खुद का परिसर है, न पर्याप्त् विद्यार्थी और न ही विशेषज्ञ शिक्षक।
अमरावती केंद्र की शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी, लेकिन आज तक इसका अपेक्षित विकास नहीं हो सका है। यहां अंग्रेजी पत्रकारिता के डिप्लोमा कोर्स के साथ हुई थी। छह साल बाद 2017 में मराठी पत्रकारिता का कोर्स शुरू हुआ। अंग्रेजी व मराठी पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए 17-17 सीटें थी, लेकिन इस साल पहली बार मराठी की 16 व अंग्रेजी की 13 सीटें भर सकी हैं। इससे पूर्व के वर्षों में काफी कम सीटें भर पाईं।
गडकरी ने पत्र में लिखा है कि भारतीय जनसंचार संस्थान आईआईएमसी के दिल्ली मुख्यालय समेत अन्य चार परिसरों (कोट्टायम, ढेंकनाल, जम्मू व आईजोल) का निर्माण और विकास लगभग हो चुका है। दिल्ली स्थित मुख्यालय परिसर के विस्तार की संभावना नहीं है। वहीं, अमरावती परिसर फिलहाल संत गाडगे बाबा विद्यापीठ परिसर में अस्थाई रूप से और सीमित स्थान व सीमित विद्यार्थियों व स्टाफ के साथ चल रहा है।
गडकरी ने केंद्रीय मंत्री ठाकुर से आग्रह किया कि अमरावती केंद्र को अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिल रहा है। इसलिए इसे नागपुर, जो कि मेरा संसदीय क्षेत्र होने के साथ ही मीडिया का बड़ा केंद्र है, में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। नागपुर में इसका स्थानांतरण होने पर वह इसके विकास में पूरा सहयोग करेंगे। महाराष्ट्र सरकार से जमीन दिलवाने से लेकर हर तरह की मदद की जाएगी।
गडकरी ने अपने पत्र के साथ पत्रकार प्रदीप देशपांडे द्वारा उन्हें भेजा गया ज्ञापन भी केंद्रीय मंत्री ठाकुर को प्रेषित किया है।