सैकड़ों संपत्तिधारकों पर 1000 करोड़ से अधिक रूपए का संपत्ति कर बकाया

– निष्क्रिय मनपा प्रशासक,विवादास्पद विभाग प्रमुख का बकायादारों को संरक्षण 

नागपुर :- राज्य के उपराजधानी की विवादास्पद महानगरपालिका का मुख्य आय का स्त्रोत संपत्ति कर होना चाहिए लेकिन निकम्मा प्रशासन,मनपा प्रशासक,निष्क्रिय या क्षमता से अधिक कार्य का जिम्मेदारी संभालने वाले तथाकथित विभाग प्रमुख ( जो वर्षो से इसी विभाग की जिम्मेदारी राजनैतिक वरदहस्त से संभाल रहे है ) और इसके पूर्व के मनपा आयुक्त सह समिति प्रमुखों से सदा विवादों में रही हैं,कभी संपत्ति कर वसूली कर इसे अपना प्रमुख आय का स्त्रोत बनाने की रत्तीभर कोशिश नहीं की.उलट कुछ चुनिंदा संपत्तिधारकों को रियायत देने के लिए कई दफे OTS योजना लाई गई इसके बावजूद शहर के TOP के 5 दर्जन विवादास्पद दिग्गजों पर 200 करोड़ से अधिक का संपत्ति कर बकाया हैं.इसका मुख्य वजह भी मनपा प्रशासन ही है,क्यूंकि मनपा में वर्त्तमान और पूर्व कई अधिकारी/कर्मी उक्त बकायेदारों के लिए ‘विभीषण’ की भूमिका निभा रही हैं.उल्लेखनीय यह है कि विभाग प्रमुख चुनिंदा DEFAULTER संपत्ति कर बकायादारों को जिनसे विभाग प्रमुख डरते है या मानते है,उनका ही केस सेटेलमेंट कर रफादफा करते हैं.

याद रहे कि एक चर्चित RTI कार्यकर्ता संजय अग्रवाल को RTI के तहत दी गई जानकारी के अनुसार शहर के सैकड़ों संपत्तिधारकों पर 1000 करोड़ से अधिक रूपए का संपत्ति कर बकाया हैं.यह बकाया राशि प्रत्येक वर्ष करोड़ों में बढ़ती ही जा रही है,

एक ही परिसर के कुछ बकाया कर दाता वर्षो से बकाया कर भरने के साथ ही साथ नियमति कर भर रहे है और उसी परिसर के बकायादार जो अबतक एक फूटी कौड़ी भी नहीं भरे ,उन्हें पिछले 6 साल का कर भरने का अवसर भी दिया जा रहा है,ीासे अवसर के बाद भी सैकड़ों बकायादारों ने अभी तक कर भरने की शुरुआत तक नहीं की,उन्हें विभाग प्रमुख और मनपा प्रशासक सिरे से नज़रअंदाज कर रहे हैं !

संजय अग्रवाल का कहना है कि मनपा बड़े बकाएदारों पर कार्यवाही से बचती है उन पर अरबों का बकाया है। सारी कार्यवाही और सकती सामान्य जनता पर होती है। एक तरफ मनपा के पास विकास कार्यों के लिए हमेशा ही पैसों की तंगी रहती है। वहीं बड़े लोग मौज काट रहे है। टैक्स विभाग अगर ठीक से कार्यवाही करे तो चालू वर्ष में ही पूरी वसूली हो सकती है।

एमओडीआई फाउंडेशन ने मनपा प्रशासक से गुजारिश की है कि संपत्ति कर,जल कर और बिजली शुल्क का संयुक्त संकलन प्रणाली होना चाहिए,जिससे बकायेदारों में डर बना रहे कि कोई एक शुल्क अदा न करने पर अन्य 2 व्यवस्था से महरूम होना पड़ सकता हैं.

– शहर में कुल सपत्तियाँ 679359 

– वर्ष 2023-24 तक संपत्ति कर बकाया 878 करोड़ 

– अभी तक कुल बकाया संपत्तिकर 1045 

 

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