मुंबई – सरकार को व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए : दीपेनअग्रवाल, अध्यक्ष कैमिट
चैंबर ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र इंडस्ट्री एंड ट्रेड (कैमिट) ने दंगों के मामलों में व्यापारियों की सुरक्षा और मुआवजे को सुनिश्चित करने के लिए सरकार को प्रतिवेदन दियाहै।
दीपेनअग्रवाल, अध्यक्ष- कैमिटने कहा कि व्यापारी हर अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। वे दूसरे सबसे बड़े रोजगार जनरेटर हैं; वे सरकार को कर संग्राहकों की नि:शुल्क सेवाएं प्रदान करते हैंऔर सरकारी एजेंसियों द्वारा उनकी सुरक्षा और सुरक्षा के लिए कुछ नहींकिया जाता है। किसी भी तरह के प्रदर्शन करने वालों के लिए व्यापारीकीदुकानें और प्रतिष्ठान सॉफ्टटारगेट बन गए हैं। बंद का आह्वान विपक्ष द्वारा किया जाता है या सत्ताधारी दल, श्रमिक संघों द्वारा, चाहे राजनीतिक, धार्मिक या अन्य किसी भी प्रकृति के विरोधमेंयह देखा गया है कि व्यापारियों की दुकानों में तोड़फोड़ की जाती है। प्रदर्शनकारी हमारे सदस्यों के प्रतिष्ठानों पर अपना गुस्सा निकालते हैं और कानून लागू करने वाली एजेंसियां मूकदर्शक बनी रहती हैं।
अग्रवाल ने आगे कहा कि हाल ही में अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में आयोजित विरोध प्रदर्शन में विरोध मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने ड्यूटी स्टाफ के साथ मारपीट की और दुकानों में रखे सामान सहित प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया। उद्धवठाकरे, मुख्यमंत्री, दिलीप वलसे-पाटिल, गृह मंत्री और देवेंद्र फडणवीस, एलओपी को भेजे गए अपने अभ्यावेदन में राज्य के व्यापारिक समुदाय की ओर से कैमिटने कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियों के अभावग्रस्त रवैये और रक्षा करने में उनकी विफलता का कड़ा विरोध किया। उन्होंने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों को संवेदनशील बनाने के लिए कहा।
दीपेनअग्रवाल ने व्यापारियों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे पहले से ही विमुद्रीकरण, जीएसटी के बेतरतीब कार्यान्वयन का सामना कर रहे हैं और कोविड महामारी के कारण बार-बार होने वाले लॉक-डाउन के झटकों से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। वर्तमान नुकसानउनके ताबूत पर अंतिमकील ठोकने जैसा है।