— शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के कल्याण के लिए किया उत्कृष्ट कार्य
— सम्मानित होने वाले पहले भारतीय
— 53 राष्ट्रमंडल देशों का संगठन है कोम्हाड
नागपुर। महाराष्ट्र के जानेमाने बाल विशेषज्ञ डॉक्टर उदय बोधनकर को COMHAD UK के लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2021 से नवाजा गया है। खास बात है कि डॉक्टर उदय बोधनकर शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के कल्याण के लिए उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं, समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए COMHAD यूके के सर्वोच्च प्रतिष्ठित लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित होने वाले वे पहले एशियाई हैं। आपको बता दें डॉ उदय बोधनकर को 2018 से COMHAD UK के कार्यकारी निदेशक के रूप में चुना गया है।
डब्ल्यूएचओ के साथ आधिकारिक संबंध रखने वाला कॉमनवेल्थ एसोसिएशन फॉर हेल्थ एंड डिसएबिलिटी नामक एनजीओ (COMHAD) विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य, विकलांगता निवारण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर दुनियाभर में समर्पित विचारधारा से कार्य कर रहा है, जिसका जरूरतमंदों को खासा लाभ मिल रहा है। सीएफ़ की मुख्य संरक्षक इंग्लैंड की महामहिम महारानी एलिजाबेथ हैं।
डॉक्टर उदय बोधनकर ने बताया कि (COMHAD) संगठन दुनिया भर के 53 राष्ट्रमंडल देशों में स्वास्थ्य विकास, तकनीकी विशेषज्ञता के आदान-प्रदान और स्वास्थ्य में अंतर-देशीय प्रशिक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देने में सक्रिय योगदान दे रहा हैं।
ऑनलाइन बेबिनार में मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल डॉ माधुरी कानिटकर एवीएसएम वीएसएम कुलपति एमयूएचएस की उपस्थिति में यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। प्रो श्रीनाथ रेड्डी निदेशक पीएचएफआई, डॉ नवीन ठाकर आईपीए के वैश्विक अध्यक्ष, डॉ मृदुला फड़के सलाहकार यूनिसेफ, सहित डॉ रमेश मेहता अध्यक्ष बीएपीआईओ यूके, डॉ. प्रवीण डबली, विजय गुप्ते ने डॉक्टर बोधनकर को बधाई दी।
विदेश में डॉक्टर की डिग्री हासिल कर चुके बोधनकर संतरानगरी में सेवा कार्यों से भी जुड़े हैं। रामदास पेठ इलाके में उनका अस्पताल है, जहां बच्चों का इलाज होता है, अस्पताल जाते ही पहले स्क्रीनिंग की जाती है। इसके बाद बच्चे का वजन और कद काठी की जांच होती है। खासबात है कि डॉक्टर बोधनकर के अस्पताल में राजगिरे के लड्डू हमेशा मिलेंगे। जो खासकर बच्चों के लिए रखे जाते हैं। डॉ. उदय बोधनकर को अवार्ड मिलने के बाद दुनियाभर में संतरानगरी की शान और बढ़ गई।
वर्ष 2009 में डॉक्टर बोधनकर को मृत्यु के निकट का अनुभव हुआ। उन्होंने अपने स्वयं के अनुभव और जीवन के बारे में अपने विचारों को
आत्मकथा “तिमारातून उदयाकडे” में वर्णन किया। ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूके और यूएसए सहित भारत और विदेशों से बोधनकर को असंख्य सम्मान प्राप्त हुए हैं।