देवेंद्र चाहेंगे तो गडकरी की हैट्रिक मुमकिन,वर्ना अहंकार ले डूबेगा

– श्याम कुमार बर्वे जितेगा तो खनिज सम्पदा दोहन में गैंगवार बढ़ेगा !

नागपुर :- आगामी शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होने जा रहा है,जिसमें विदर्भ के 5 महत्वपूर्ण सीटों का समावेश हैं.गुरुवार क़त्ल की रात किस करवट लेगी,यह देवेंद्र फडणवीस के निर्णय पर निर्भर हैं,क्यूंकि देवेंद्र को वक़्त पर निर्णय लेने के लिए जाना जाता है,जो कि आश्चर्यजनक होती आई है.

दूसरी ओर रेत माफिया असामाजिक तत्व कांग्रेस उम्मीदवार रामटेक से चुनाव जीता तो जिले में खनिज सम्पदा का अवैध दोहन के चक्कर में गैंगवार शुरू हो जाएगा,जिससे सबसे ज्यादा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की सरदर्दी बढ़ेगी।

भाजपा कोर कमिटी के सदस्यों से जुड़े सूत्रों की माने तो पूर्वी विदर्भ में आगामी शुक्रवार को लोकसभा चुनाव हेतु मतदान होने जा रही हैं.इस क्रम में पूर्वी विदर्भ के 5 सीटों का समावेश है,सभी के सभी 5 सीट महाराष्ट्र के तथाकथित नेताओं की नाक का सवाल हैं.

चंद्रपुर गढ़चिरोली

इस चुनावी क्षेत्र में भाजपा के ओबीसी नेता,राज्य के मंत्री सुधीर मुंगटीवार बनाम पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की लाज बचाने वाले दिवंगत सांसद बालू धानोरकर की पत्नी विधायिका प्रतिभा धानोरकर के मध्य सीधी भिड़ंत हैं. फडणवीस चाहते है कि उन्हें विदर्भ में लगातार सीधी टक्कर देने वाला लोकसभा चला जाए तो राज्य में एक कांटा और काम हो जाएगा।लेकिन विडम्बना यह है कि मुंगटीवार के बड़बोलेपन उनकी ही राह में रोड़ा अटका रही है,दूसरी ओर दिवंगत बालू धानोरकर को लोकसभा पहुँचाने में अहम् भूमिका निभाने वाले कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार पिछले चुनाव के हिसाब से उतने सक्रीय नहीं नज़र आ रहे इसलिए इस चुनाव में मुंगटीवार समर्थक बनाम धानोरकर समर्थकों के मध्य उनके उनके नेताओं की जीत हार निर्भर हैं.

वर्धा 

इस चुनावी क्षेत्र में एनसीपी के अमर काले बनाम बीजेपी के पहलवान रामदास तडस के मध्य सीधी भिड़ंत हैं.अमर काले के लिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार,पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते और अनिल देशमुख अपनी प्रतिष्ठा दाव पर लगाए हुए हैं तो दूसरी ओर तडस के लिए जिले की भाजपाई भिड़े हुए है,तडस ने इस चुनाव में बाजी मारी तो उनकी भी लगातार तीसरी बार जितने की हैट्रिक हो जाएगी।इस चुनाव की महत्वपूर्ण कड़ी है दत्ता मेघे परिवार और जिले के पूर्व पालकमंत्री सुनील केदार दोनों का रुख तय करेगा कि कौन इस दफे लोकसभा की सीढ़ी चढ़ेगा।

गोंदिया-भंडारा

इस लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने पुनः सुनील मेंढे और कांग्रेस की ओर से प्रशांत पडोळे को उम्मीदवार बनाया हैं.इस क्षेत्र में चरण वाघमारे निर्दलीय रूप से मैदान में डटे हुए हैं.इस क्षेत्र में एनसीपी अजित गुट के नेता प्रफुल पटेल बनाम नाना पटोले की नाक की लड़ाई चरम पर हैं.

रामटेक 

इस क्षेत्र से शिवसेना शिंदे गुट से पूर्व कोंग्रेसी विधायक राजू पारवे बनाम कांग्रेस के सबसे विवादास्पद उम्मीदवार बबलू उर्फ़ श्यामकुमार बर्वे का सामना हैं.यह भिड़ंत शिंदे सेना बनाम कांग्रेस की नहीं बल्कि देवेंद्र फडणवीस बनाम सुनील केदार के मध्य राजनैतिक लड़ाई हैं.इनमें से जिसका उम्मीदवार जीतेगा,सत्ता भले ही किसी की भी हो,जिले में राज उसी का होगा। निःसंदेह बर्वे खनिज सम्पदा का दोहन करने वाला बड़ा माफिया है तो दूसरी और इसी सम्पदा पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का सालों से वर्चस्व हैं.जब से देवेंद्र फडणवीस राज्य में उपमुख्यमंत्री बने उन्होंने रेत माफिया के खिलाफ एक भी ठोस कार्रवाई नहीं की,पिछले दिनों मोदी की सभा में उन्होंने बर्वे के करतूतें गिनवाई लेकिन आजतक उस पर कोई कार्रवाई न होना दाल में काला नज़र आ रहा हैं.ऐसा प्रतीत हो रहा है कि फडणवीस के इशारे पर ही कांग्रेस ने बर्वे को उम्मीदवारी दी ताकि आसानी से भाजपा उम्मीदवार पारवे की राह आसान हो जाये,इसी लिए भी उनके आका को शायद सशर्त जमानत समझौते के तहत दी गई ? वर्ना सही मायने में बर्वे रेत माफिया होता,राज्य के राजस्व का नुकसान किया होता तो अब तक फडणवीस जैसा नेता उसे सलाखों के पीछे पहुंचा चूका होता ?

नागपुर शहर 

यह लोकसभा क्षेत्र पर सम्पूर्ण देश की नज़र लगी हुई है,स्वयंभू राष्ट्रीय भाजपा नेता नितिन गडकरी बनाम भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस समर्थक कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे के मध्य सीधी चुनावी भिड़ंत हैं.यह चुनाव पक्ष निहाय नहीं बल्कि शुगर लॉबी बनाम बिल्डर लॉबी है.या चुनाव अपर क्लास बनाम ओबीसी है,यह चुनाव गडकरी बनाम मोदी है.यह चुनाव अहंकार बनाम आम हैं.यह चुनाव पक्ष बनाम विभीषण हैं.इसलिए इस चुनाव में देवेंद्र फडणवीस की भूमिका काफी अहम् है,जिसके पक्ष में वे सक्रिय रहेंगे वे ही इस बार संसद पहुंचेगा।आम जनता आतुर है गडकरी की हैट्रिक देखने में तो दूसरी ओर उसके अहंकार का हिसाब चुकता करने के लिए.गडकरी की हैट्रिक हुई तो मोदी-शाह की अगले 5 वर्ष की राह आसान नहीं होगी और गडकरी घर बैठे तो कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे मोदी-शाह की ओर से चौतरफा पुरस्कृत किये जायेंगे।

उल्लेखनीय यह हैं कि उक्त 5 लोकसभा क्षेत्र में आज की हालातों के मद्देनज़र और क़त्ल की रात को होने वाली बदलाव चुनावी परिणाम एकतरफा नहीं होगी।एनसीपी शरद,शिवसेना शिंदे और कांग्रेस ने खाता खोला तो भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता हैं.भाजपा को अभी से नागपुर,वर्धा और चंद्रपुर खोने का डर सत्ता रहा है,यह वहम भी हो सकता हैं.

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