दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने 10 करोड़ लोगों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय अभियान “संगठन से समृद्धि” लॉन्‍च किया

नई दिल्ली :- ग्रामीण विकास मंत्रालय के दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने आज “संगठन से समृद्धि- किसी ग्रामीण महिला को पीछे नहीं छोड़ना” अभियान लॉन्‍च किया। यह अभियान आजादी का अमृत महोत्‍सव समावेशी विकास के अंतर्गत लॉन्‍च किया गया है और इसका उद्देश्‍य पात्र ग्रामीण परिवारों की 10 करोड़ महिलाओं को एकत्रित करना है। यह विशेष अभियान 30 जून, 2023 तक चलेगा और इसका उद्देश्‍य स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के अंतर्गत सभी कमजोर और सीमांत ग्रामीण परिवारों को लाना है, ताकि वे ऐसे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदान किए जा रहे लाभों को प्राप्त कर सकें।

इस अभियान का प्राथमिक उद्देश्‍य सुविधा वंचित ग्रामीण समुदायों को एकत्रित करना है जो डीएवाई-एनआरएलएम कार्यक्रमों के लाभों से अनभिज्ञ हैं। यह अभियान 1.1 लाख एसएचजी बनाने की आशा के साथ सभी राज्‍यों में चलाया जाएगा। अभियान के माध्‍यम से ग्राम संगठनों की सामान्‍य बैठकें आयोजित करके तथा एसएचजी चैम्पियनों द्वारा अनुभव साझा करने जैसे कदमों से छुटे हुए परिवारों को एसएचजी में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, सामूहिक संसाधन व्‍यक्ति अभियान आयोजित किया जाएगा, पीएमएवाई-जी लाभार्थी परिवारों से पात्र महिलाओं को जुटाया जाएगा, नए एसएचजी सदस्‍यों को प्रशिक्षित किया जाएगा, निष्क्रिय एसएचजी को पुनर्जीवित किया जाएगा, एसएचजी बैंक खाते खोले जाएंगे तथा अन्‍य हितधारकों द्वारा संवर्धित एसएचजी का सामान्‍य डाटाबेस बनाया जाएगा।

इस अवसर पर गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत की समूची जनसंख्‍या में ग्रामीण आबादी का हिस्सा 65 प्रतिशत है। इसलिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इन क्षेत्रों की महिलाओं को देश को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाने के लिए हर संभव अवसर प्रदान किए जाएं। उन्‍होंने कहा कि जब सभी 10 करोड़ एसएचजी सदस्य लखपति दीदियां बन जाएंगी, तब इसका देश की सकल घरेलू उत्पाद पर स्वतः काफी प्रभाव पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि इसी विजन के साथ डीएवाई-एनआरएलएम प्रारंभ किया गया था ताकि प्रत्येक ग्रामीण परिवार की कम से कम एक महिला सदस्य स्वयं सहायता समूह में शामिल हो सके और अपनी आजीविका में सुधार के लिए कार्यक्रम के अंतर्गत दिए गए अवसरों और वित्तीय सहायता का लाभ उठा सके। उन्‍होंने कहा कि मुझे प्रसन्‍नता है कि स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाए जाने के अवसर पर हम एसएचजी आंदोलन में पहले से शामिल 9 करोड़ महिलाओं में अतिरिक्‍त एक करोड़ महिलाओं को शामिल करने लिए “संगठन से समृद्धि” अभियान लॉन्‍च कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि फिर भी, हमें 10 करोड़ की संख्‍या पर नहीं रुकना चाहिए। आइए, हम इससे आगे बढ़ें और यह सुनिश्चित करें कि देश भर की सभी ग्रामीण महिलाएं एसएचजी आंदोलन में शामिल हों। मैं अपने सभी एसएचजी सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे अपने-अपने गांवों में छूटी हुई महिलाओं तक पहुंच बनाएं और उन्हें वर्तमान एसएचजी में शामिल होने या अपना स्वयं का एसएचजी बनाने के लिए प्रेरित करें।

इस कार्यक्रम में विभिन्‍न राज्यों से एसएचजी महिलाओं ने भाग लिया और बिहार, त्रिपुरा, तेलंगाना, महाराष्ट्र तथा हरियाणा की महिलाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे डीएवाई-एनआरएलएम एसएचजी आंदोलन ने उन्‍हें आजीविका के अवसर पैदा करके गरीबी से बाहर निकलने में मदद की, जिससे उन्‍हें आर्थिक स्‍वतंत्रता मिली और उनका सामाजिक सशक्तिकरण हुआ।

Contact us for news or articles - dineshdamahe86@gmail.com

NewsToday24x7

Next Post

डॉ मनसुख मांडविया ने जी-20 देशों और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों के साथ गोवा के पणजी में जन औषधि केन्द्र का भ्रमण किया

Tue Apr 18 , 2023
अनेक प्रतिनिधियों ने इस योजना को अपने देश में लागू करने में रुचि दिखाई नई दिल्ली :-जी-20 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिभागी 17 से 19 अप्रैल, 2023 तक गोवा में आयोजित जी-20 स्वास्थ्य संचालन समूह (एचडब्ल्यूजी) की दूसरी बैठक में शामिल हुए। एचडब्ल्यूजी की बैठक के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं […]

You May Like

Latest News

The Latest News

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com