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नागपूर :- पार्ट टाइम जॉब के नाम पर लाइक व शेयर का टॉस्क देकर लोगों को धोखाधड़ी करने के मामले बढ़ रहे हैं साइबर पुलिस अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए काफी प्रयास कर रही है साइबर पुलिस ने अब तक लगभग सवा तीन करोड़ की रकम साइबर अपराधियों के कब्जे से कब्जे में जाने से बचाई है। टास्क के बहाने अधिक मुनाफा दिलाने का लालच दिखाकर अपराधियों ने एक अभियंता सहित अब तक 21 लोगों से धोखाधड़ी की इस धोखाधड़ी का आंकड़ा तीन करोड़ 68 लाख के करीब है धोखाधड़ी होते ही शिकायतकर्ता सीधे साइबर पुलिस स्टेशन में पहुंचे पुलिस ने मामला दर्ज कर आवश्यक उपाय बैंक से संपर्क कर तीन करोड़ 28 लाख रुपए रोके।
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साइबर अपराधी सीकर की खोज के लिए 3 तरीके का उपयोग करते हैं पहले पद्धत में ट्रस्ट बिल्डिंग विश्वास हासिल करना कहा जाता है सोशल मीडिया पर पोटेंजा पीलिंग भेजकर अपराधी शिकार ढूंढता है यूट्यूब अथवा सोशल मीडिया पर फिल्म लाइक करने पर पैसे दिलाने का लालच दिखाता है लाइक करने के बाद जो है जितने लाइक हुए उसके अनुसार साइबर अपराधी नागरिकों के बैंक खाते में पैसे जमा कर विश्वास हासिल करते हैं इसके बाद दूसरी पद्धति ट्रैप है। लाइक में निवेश करने पर अधिक लाभ देने का लालच साइबर अपराधी देते हैं इसलिए नागरिक साइबर अपराधी ने दिए बैंक खाते में निवेश की रकम जमा करते हैं अपराधी निवेश करता को अधिकाधिक पैसे जमा करने के लिए विवश करता है।
तीसरी पद्धति ट्रेजरी विश्वासघात। निवेश करता हूं को अधिकारिक राशि वसूलने के बाद साइबर अपराधी उसका संपर्क नंबर बंद कर निवेश करता का विश्वासघात करता है नागरिकों ने किसी भी लालच का शिकार ना हो सोशल मीडिया पर i-link ना खोलें धोखाधड़ी होने पर तुरंत साइबर पुलिस में शिकायत करने का आवाहन पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने किया है।