घर बैठ कर रिकॉर्ड मतों से जीत का सपना देखने वाले भाजपा उम्मीदवार के पसीने छूट रहे 

– चाय-पानी का खर्चा देना शुरू किया,समाचार लिखे जाने तक संपादक लॉबी बने पहले लाभार्थी,बारिश में गली-गली भटक रहे,पहली मर्तबा घर से निकले परिवार के सदस्य बदहवास होकर दे रहे भाजपा विरोधी ब्यान 

नागपुर :- पिछले 2 लोकसभा चुनाव जैसे तैसे जितने के बाद अहंकार में डूबे भाजपा उम्मीदवार एक ओर मोदी के नाम का सहारा ले रहे तो दूसरी ओर उनके परिवार के सदस्य समूह समूह में जाकर सिर्फ गडकरी का चेहरा देखकर वोट दो का राग अलाप रहे हैं.

कारण साफ़ है कि मोदी-शाह नहीं चाहते की हैट्रिक बनाकर दिल्ली पहुंचे,इसलिए भाजपा अंतर्गत गडकरी विरोधी लॉबी पूर्ण ताकत के साथ ‘घर बैठाने के लिए’ भिड़ी हैं.पन्ना प्रमुख से लेकर शहर का नेतृत्व करने वाले,प्रदेश पदाधिकारी आदि निष्क्रिय हैं.

पहला कारण पार्टी के आम कार्यकर्ताओं से ज्यादा बाहरी सह व्यापारियों को तरजीह दिए.चुनाव के कुछ माह पहले सार्वजानिक बयानबाजी कर चाय पानी का खर्चा न देने की घोषणा की,यह भी कहा कि न मत मांगेंगे और न ही बैनर पोस्टर लगाएंगे।घर बैठ विकास के नाम पर वोट मांगेंगे ?

जनता सह मतदाता सह पक्ष के कार्यकर्ता कन्फुज

गडकरी का विकास और कांग्रेस का उम्मीदवार विकास को लेकर शहर के मतदाता सह पक्ष के समर्थक,कार्यकर्ता असमंजस में आ गए हैं.अब जनता रूपी मतदाता को समझ नहीं आ रहा कि वे गडकरी द्वारा किये गए व्यवसाय जिसे वे विकास बोल रहे उसके नाम पर वोटिंग करें या फिर गडकरी कांग्रेस उम्मीदवार विकास को वोटिंग करने की मांग कर रहे हैं.

बड़बोले भाजपा उम्मीदवार गली गली भटक रहे

अगर पिछले 10 साल में शहर का कायापलट किया है तो उन्हें गली गली भटक कर खुद के कार्यकर्ताओं द्वारा खुद पर फूल बरसा कर खुद की पीठ थपथपाने की क्या जरुरत पड़ रही हैं.

हलबा,सरकारी कर्मी व हिंदी भाषी निपटाएंगे 

गडकरी का हलबा समाज को लेकर थोथी आश्वासन,सरकारी कर्मियों को कामचोर कह कह कर अधिकांश काम मेट्रो रेल को देने वाले,खुद के पक्ष के सैकड़ो नगरसेवकों के सिफारिश पर डामर रोड निर्माण के भ्रष्टाचार कह कर घटिया सीमेंट सड़क बनवाने वाले और लाखों की संख्या में शहर सह जिले में हिंदी भाषियों खासकर बिहार के नागरिको का इस्तेमाल भीड़ सह मतदाता के रूप में करने वाले गडकरी को यह चुनाव काफी महंगा पड़ने वाला है,यह सब इस दफे घर बैठकर ही दम लेंगे।

उल्लेखनीय यह है कि चाय पानी का खर्चा न बाँटने का दावा करने वाले भाजपा उम्मीदवार ने अभी तक किसी भी मीडिया को पॅकेज नहीं दिया है,गडकरी के कार्यालयीन सूत्रों की माने तो AG ने अबतक सम्पादकों के समूह तक ही पहुँच पाए हैं नतीजा शेष नाराज बतलाये जा रहे,इसलिए दादा सह उनके इर्द गिर्द रहने वाले तथाकथित वरिष्ठ पत्रकार गडकरी के खिलाफ बयानबाजी कर कांग्रेस उम्मीदवार को मजबूत उम्मीदवार बतला रहे,उनकी जीत आसान नहीं होने की बात कह रहे,4-5 लाख से जितने के दावे को थोथी बयानबाजी बोल अपनी नाराजगी पेश कर रहे हैं.

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