संगीत के बटोही – तबला वादक डॉ. प्रशांत गायकवाड

इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड्स, गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड (लगातार 324 घंटे -14 दिन तबला बजाने का वल्र्ड रिकॉर्ड), किंग्स बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड और राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित तबला वादन के लब्धप्रतिष्ठित कलाकार और प्रखर राष्ट्रवादी डॉ प्रशांत गायकवाड ने अपनी संगीत यात्रा में एक बटोही के रूप में धुन की कल कल बहती गंगा को अपने भीतर उतारा है। वादन और संगीत इनकी रक्त बाहनियों में रक्त की तरह दौड़ रहा है। तान और धुन के साथ जुगलबंदी ऐसी की देश के राष्ट्रपति से भी सराहना मिली। नागपुर विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडल प्राप्त गायकवाड ने भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी जो, देवको पडित, कथक गुरु राजेंद्र गंगानी , पद्मश्री प्रताप पवार , पाश्वं गायिका दिलराज कौर, जैसे अनगिनत सम्मानित कलाकारों के साथ तबले पर संगत की है और देश विदेश में भारत का परचम लहराया है। डॉ. दर्शनी प्रिय ने स्वदेश के लिए बातचीत की।

प्रश्नः आपको भारतीय कला एवं संस्कृति के वरिष्ठतम प्रसारको और संगीत पथिक के रूप में जाना जाता रहा है। अपनी इस यात्रा के बारे में कुछ बताएं?

उत्तर- भारतीय संगीत कला भारत में ही नहीं अपितु संपूर्ण मानव जगत के कल्याण के लिए कार्य करती है। और मानव का शारीरिक और आत्मिक उत्थान करती है। मेरा मानना है कि किसी भी देश को उसकी सांस्कृतिक कला विरासत के जरिए ही सर्वोच्च माना जाना चाहिए। भारतीय संगीत को हमेशा भगवान को पाने की सर्वोच्च 64 विधाओं में से एक कलाश्रेष्ठ माना गया है। बचपन से ही घर में आध्यात्मिक और देश-प्रेम से ओत प्रोत वातावरण होने के चलते मुझे हमेशा समाज के उत्थान के लिए कार्य करने कि प्रेरणा मिलती रही। इसे मैंने मैंने तबला वादन के जरिये पूरा किया। मैं मानता हूँ संगीत अगर जिस्म है तो जान है, तबला और संगीत अगर रूह है तो इनाम है तबला। मेरी माता जी धार्मिक प्रवर्ति की थी घर में कीर्तन और प्रवचन का माहौल था। गायकवाड ब्रदर्स नाम से हमारी एक दुकान 200 साल पुरानी है। भारत के सभी बड़े संगीतकार हमारे यहाँ पिताजी से सलाह लेने आते थे। ऐसे में संगीत के प्रति रुझान वही से पनपा।

प्रश्न : तबला वादन की शुरूआत कैसे हुई और कितना संघर्ष झेलना पड़ा?

उत्तर : आज प्रत्येक युवा नौकरी की लालसा में दौड़ रहा है। ऐसे में संगीत सभी को शांत एवं संयमी रखकर जन-जन का मनोरंजन भी कर रहा है। मैं बच्चों को निःशुल्क तबला वादन की शिक्षा देकर उन्हें ढोल, नगाड़ा, बैंजो और ढोलकी आदि सीखाकर उन्हें रोजगार के साधन उपलब्ध करवा रहा हूं जिससे वे अपने घर को सुचारू रूप से चला सके और अपना भविष्य भी संवार सकें। संगीत में संत है और संग माने साथी (संगठन)। जिस प्रकार सामान उठाने वाले एक लय में जोर लगाकर जोर लगाके हाइसा बोलकर बड़े से बड़े बोझ को पहाड़ी पर चढ़ा देते हैं उसी प्रकार संगीत के जरिए आज के युवा, जो वायु की तरह है उसकी ऊर्जा को देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा सकता है।

प्रश्न: तबला वादन के प्रति विश्व रिकॉर्ड बनाकर आपने इसे अद्यतन बनाए रखने का करिश्मा कैसे कर दिखाया ?

उत्तर- ऐसा नहीं है कि भारतीय वाद्य यंत्रों की लोकप्रियता घटी है। पाश्चात्य संगीत में लय हैं जिससे पैर हिलते हैं पर भारतीय संगीत में ताल है जो मर्यादा को प्रदर्शित करता है। भारतीय संगीत से गर्दन एवं पैर दोनों हिलते हैं जो अत्यधिक अनुभव देता है। जो त्रिकालाबाधित है, सत्य है, सनातन है। जिसके जरिए अनु रेणू ब्रह्मा का संचालन होता है। गुरु को श्रद्धांजलि स्वरूप 324 घंटे तबला बजाकर मैंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। तबला का कोष कितना समृद्ध है। रियाज, मनन, चिंतन द्वारा इसके जरिये आने वाली पीढ़ियां के लिए आदर्श प्रस्तुत किया जा सकता है। मेरा मानना है कि लक्ष्य के प्रति अगर आपने सच्ची निष्ठा है तो आप अपने लक्ष्य को पाकर ही रहेंगे।

प्रश्नः भविष्य की योजनाएं और संगीत प्रेमियों के नाम कोई संदेश देना चाहेंगे?

उत्तर – कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो दिल से उछल कर देखो यारो। संगीत ही मेरा पहला और आखिरी प्यार है। जिस तरह तबला- गायन, वादन तथा नर्तन को मयांदा में (ताल के) रखना है उसी प्रकार मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जैसा जीवन जी कर अपने देशवासियों को विश्व के सर्वोच्च आसन पर विश्व गुरु के रूप में स्थापित करना ही मेरा लक्ष्य है।

प्रश्न: आप ज्योतिष शास्त्र में भी महारथ रखते हैं। कुछ बड़ी भविष्यवाणियों के बारे में बताएं?

उत्तर – जिस प्रकार संगीत में लय होती है उसी प्रकार ज्योतिष में भी तीन उत्तरलय होती है- मंडूक, मर्कट और सिंहावलोकन जिसके जरिए ग्रहों को चाल को ध्यान में रखकर भविष्यवाणी की जाती है। प्रत्येक मानव जाति तथा ब्रह्माण्ड के हर जीव पर ग्रहों का प्रभाव रहता है। साल 2019 में बीजेपी 352 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत के साथ आएगी इसकी सटीक भविष्यवाणी मैंने की थी जो सही साबित हुई। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उद्धव ठाकरे देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ मैंने कई गणमान्य की भविष्यवाणी की जो सटीक साबित हुई। भारत भविष्य में सारी दुनिया के लिए कला, संस्कृति, नीति विज्ञान, आचरण और विश्व बंधुता के द्वारा एक आदर्श बनकर गुरु समान पूजा जाएगा तथा एक बार पुनः वह अपने वैभवशाली परंपरा को विश्व में सत्य सनातन धर्म को स्थापित करेगा ये मेरी अगली भविष्यवाणी है।

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