– दादर में हिंदू राष्ट्र-जागृति आंदोलन में मांग
– उरण की यशश्री शिंदे की निर्मम हत्या करनेवाले ‘लव जिहादी’ को सार्वजनिक रूप से फांसी दो
नागपुर :- महाराष्ट्र सरकार ने ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना’ शुरू की है, लेकिन वर्तमान में ‘लव जिहाद’ के खतरे के कारण हिंदू युवतियां और महिलाएं अभी भी असुरक्षित हैं और उनकी निर्मम हत्याएं जारी हैं। ‘लाडली बहन’ योजना से पहले ‘बहनों को सुरक्षा दें !’, बहनों की सुरक्षा के लिए राज्य में तत्काल ‘लव जिहाद’ विरोधी कानून बनाया जाए, ऐसी मांग मुंबई के दादर पूर्व रेलवे स्टेशन के पास 30 जुलाई को ‘हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति’ की ओर से आयोजित ‘हिंदू राष्ट्र-जागृति आंदोलन’ में की गई।
उरण की यशश्री शिंदे (उम्र 22) की अत्यंत क्रूरता से और मानवता को शर्मसार करने वाली हत्या की गई है। यशश्री की हत्या करनेवाले नराधम आरोपी को तत्काल सार्वजनिक रूप से फांसी दी जाए, यह मांग भी इस मौके पर की गई। ‘हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति’ द्वारा आयोजित इस आंदोलन में वज्र दल, मनसे, मानव सेवा प्रतिष्ठान, श्रीराम मित्र मंडळ (धारावी), हिंदु जनजागृती समितिकी रणरागिणी शाखा, सनातन संस्था आदी हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधि तथा भाजपकी महिला आघाडीके प्रतिनिधि, महिलाएं, युवतियां और धर्मप्रेमी हिंदू सहभागी हुए। इस अवसर पर आंदोलन में सहभागी लोगों ने हाथों में जागरूकता फैलानेवाले फलक लिए और नारे लगाए। इस दौरान सरकार को दिए जानेवाले ज्ञापन पर लोगों के हस्ताक्षर भी किए गए।
महाराष्ट्र में वर्ष 2019 से 2021 के 3 वर्षों के दौरान 1 लाख युवतियां गायब हो चुकी हैं। इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं और लड़कियों के गायब होने के पीछे कोई षडयंत्र तो नहीं है ना ! ‘लव जिहाद’ का मामला तो नहीं है ना !, इसकी भी जांच के लिए गृह मंत्रालय को एक विशेष समिति बनानी चाहिए, ऐसी मांग भी इस आंदोलन में की गई। उरण-पनवेल मार्ग पर एन.आई. हाई स्कूल के सामने रहनेवाली यशश्री शिंदे का शव उरण कोटनाका पेट्रोल पंप के पास एक अज्ञात स्थान पर स्तन कटे और गुप्तांग पर वार किए हुए मिला है। इस घटना से न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि पूरे देश में आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। इस घटना ने पूरे देश को ‘श्रद्धा वालकर प्रकरण’ की याद दिला दी है। नवी मुंबई की विवाहित महिला की शीळ डायघर इलाके में हत्या की घटना के बाद अब उरण की यह घटना बेहद चौंकानेवाली और हिंदू युवतियों में दहशत निर्माण करनेवाली है। यह पहली घटना नहीं है, अपितु ‘श्रद्धा वालकर, रूपाली चंदनशिवे, सोनम शुक्ला’ जैसी कई हिंदू लड़कियों को जानबूझकर निशाना बनाया गया है। हिंदू महिलाओंसमेत जनता में ‘लव जिहाद’ मामलों के प्रति रोष व्यक्त किया जा रहा है और इन घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार कब ठोस कदम उठाएगी, यह सवाल इस आंदोलन के माध्यम से उठाया गया।
राज्य में प्रतिदिन महिलाओं और लड़कियों पर बढ़ते अत्याचारों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरह पर ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’ जैसी पुलिस की विशेष शाखा स्थापित की जानी चाहिए, मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के प्रेम संबंधों की शिकायतें ‘लव जिहाद’ के रूप में दाखिल की जाएं, और इन मामलों में अगर कोई धर्मांध और कट्टरपंथी जिहादी संगठन, जिहादी नेता, विदेशी शक्तियां शामिल पाई जाती हैं, तो उनकी जड़ें उखाड़ फेंकी जाएं। उनके खिलाफ भी तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए, यह मांगें भी इस आंदोलनमें की गयी।