– टोइंग वैन कर्मचारियों की सरेआम गुंडागर्दी पर अंकुश लगाकर ठेका रद्द करने की मांग अमित दुबे
नागपूर :- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर श्रमजीवी पत्रकार संघ नागपुर शहर/ग्रामीण की और से जिल्हाध्यक्ष अमित दुबे के नेतृत्व मे शिष्टमंडल ने तहसील थाने अंर्तगत टोइंग वैन कर्मचारियों द्वारा आम जनता के साथ की गई गुंडागर्दी की रोकथाम हेतु कडा विरोध जताते हुवे पोलिस आयुक्त रविंद्र सिंघल को ज्ञापन सौंपा है जिल्हाध्यक्ष अमित दुबे ने पोलिस आयुक्त को बताया की गांधीबाग नंगा पुतला चौक यहां नो पार्किंग की कार्यवाही करने के लिए टोइंग वैन के तीन कर्मचारी उतरे जिन्होंने ट्रैफिक पोलिस के सामने कुछ निर्दोष युवकों से गुंडागर्दी, गालीगलोच, अभद्र व्यवहार करते हुवे इंसानियत को शर्मशार कर बुरी तरह मारपीट की जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया जिसको लेकर जनता में काफी रोष पनप रहा है अवैध पार्किंग में खड़ी की गई दो पहिया, चार पहिया वाहनों को टोइंग वैन के माध्यम से उठाकर ले जाया जाता है टोइंग वैन के कर्मचारीयो की टी शर्ट पर ऑन ट्रैफिक ड्यूटी लिखा ऐसा लिखा होने से वे खुद को अब पोलिस वाला समझने लगे है जबकि ये लोग एक कांट्रेक्ट के माध्यम से ठेका पद्धति के तहत रोजगार पर कार्य करते है आए दिन नागपुर वासियों से वाहनों को छोड़ने के नाम पे अवैध वसूली करना मानो इनके लिए आम बात हो गई है जिसका शिकार गांधीबाग ,सदर, सीताबर्डी के व्यापारी रोज होते है घटना वाले दिन युवक पार्किग में खड़ी गाडी में बैठा था बावजूद टोइंग वैन के गुंडे प्रवृति के लोग उसके वाहन को पिकअप गाडी में जबरदस्ती करते हुवे डालने की कोशिश कर रहे थे उनके वाहन को गिराया विरोध करने पर गंदी गंदी गालियां देते हुवे धक्कामुकी कर नीचे गिरा गिरा कर मारपीट की मानो उन कर्मचारियो को कानून का कोई डर ही नहीं या यू कहे तो प्रशासन की और से उन्हे गुंडागर्दी, बदमाशी करने का खुलेआम, अप्रत्यक्ष रूप से लाइसेंस प्राप्त हो चुका है यह जो अप्रिय घटना हुई तब वहा पहले से ही एक ट्रैफिक पोलिस कर्मचारी वहा तैनात था उसने इस बात का जरा सा भी विरोध क्यों नही किया बल्कि सब कुछ नजर अंदाज करते हुवे अनदेखा कीया जाना सोचनीय है अगर वो चाहता तो उन्हे डाटडपेट कर शांत कर सकता था और यह सब होता ही नही था की जनता के साथ ऐसा करना अनुचित है इस प्रकरण को लेकर नागपुरियन में काफी रोष पनप रहा है क्या एक निर्दोष साधारण व्यक्ति का जन्म सार्वजनिक चौराहे पर गुंडे बदमाशो से मार खाने के लिया हुवा है यह सवाल अब हर एक नागरिक के दिलो दिमांग में चल रहा है वे खुद को खुद के शहर में अब असुरक्षित समझ रहे है एक सर्वसामान्य व्यक्ति को नौकरी मिलने से पहले अनेको वेरीफिकेशन कराने पडते है तब जाकर उन्हें नौकरी मिलती है और यदि वेरिफिकेशन में जरा सी भी त्रुटि होने पर उन्हें अपात्र घोषित कर दीया जाता है उसके बिलकुल विपरीत यह जो टोइंग वैन कर्मचारी होते है इनका पोलिस विभाग की और से वेरिफिकेशन क्यू नही होता या जनता को डराने के लिए पोलिस को ऐसे गुंडे बदमाशो का सहारा लेना पडता है क्या पोलिस खुद को अब असहाय समझने लगी है प्राप्त जानकारीनुसार जनता से इस तरह की अवैध वसूली करते हुवे यह कर्मचारी दिन के रोज हजार रूपए बैंको में जमा करने का खुलासा हुवा है जरा सोचिए दिन के हजार रूपए बैंक में जमा करते है तो इसके ऊपर इनके जेब में कितना अतरिक्त धन जमा होता होंगा नो पार्किंग के नाम पर शहर में खुलेआम गुंडागर्दी निजी ठेकेदारो को नो पार्किंग झोंन से वाहन उठाकर पेनाल्टी लगाने का लाइसेंस मिला है जिसमे दो पहिया वाहनों से 760 रू.वसूले जाते हैं जिसमे 500 रू. पोलिस कोष में और 260 रू. ठेकेदार को मिलते है इसके अलावा चार पहिया वाहन का 1020 रु. का जुर्माना जिसमे ठेकेदार को सीधा 500 रु. मिलते है सिर्फ ठेकेदार को मुनाफा हो इस उद्देश से मनमानी गुंडागर्दी कर आम जनता का खुल कर अपमान तिरस्कार करना ये कहा का न्याय है इसलिए टोइंग वैन कर्मचारियों पे सार्वजनिक तौर पे झगड़ा फसाद, दहशत फैलाने को लेकर गुनाह दर्ज कर उनका ठेका रद्द करने की मांग अमित दुबे ने पोलिस आयुक्त से की है जिसमे प्रकरण की गंभीरता को ध्यानपूर्वक देखते हुवे पोलिस आयुक्त ने ज्ञापन में सौंपी गई समस्त मांगो पर तुरंत संज्ञान लेते हुवे कार्यवाही का आदेश दिया।
इस अवसर पर राहुल शेंडे, प्रतिक गाडवे, अमित तिवारी, किशोर मोरोलिया, प्रदीप शर्मा, राहुल भिडे उपस्थित थे।