सक्षम प्राधिकारी व सहाय्यक कामगार आयुक्त के समक्ष पांच साल सुनवायी चली
करीब 57 बार सुनवायी की तारीख पे तारीख लगी
नागपूर :- आज नागपुर महानगर पालिका के २४० मलद कन्हान वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में कार्यरत ठेका कामगारों के खुशियों का ठिकाना ही नहीं रहा क्योंकि जब उन्हें पता चला कि किमान वेतन अधिनियम के अंतर्गत नियुक्त प्राधिकारी तथा सहाय्यक उ. सु. लोया ने प्लांट में काम कर रहे 50 कामगारों के पक्ष में फैसला सुनाया है और कंपनी को आदेश दिया की एक महीने के भीतर कामगारों को एक करोड़ आठ लाख चौबीस हजार पांच सो अट्ठावीस रूपए अदा करे. साथ में एक पट दंड भी देने का आदेश सक्षम प्राधिकारी लाया ने दिया. कामगारों की ओर से यूनियन के अध्यक्ष भाई जम्मू आनंद ने स्वयं पैरवी की और वही वियोलिया कंपनी की ओर से अधिवक्ता दांडेकर एवं महानगर पालिका की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शरद भट्टड़ ने किया.
महाराष्ट्र सरकार ने 24 फरवरी 2015 को किमान वेतन अधिनियम के तहत राज्य के तमाम महानगरपालिकाओं एवं नगर परिषदों को स्वतंत्र स्थापना के रूप में स्वीकृति दी और साथ में किमान वेतन भी जाहिर किया. लेकिन नागपुर महानगर पालिका द्वारा संचालित 240 मलद कन्हान वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में कार्यरत ठेका कामगारों को कंपनी द्वारा उक्त किमान वेतन लागू नहीं किया गया. ज्ञात रहे की वर्ष 2008 में महानगरपालिका और फ्रांस की एक बहुत बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी जो पानी के क्षेत्र में कार्यरत है जिसका नाम वियोलिया वॉटर है इसकी भारतीय कंपनी वियोलिया वॉटर इंडिया लिमिटेड के साथ पंद्रह वर्षो के लिए देख्भाल एवं दुरुस्ती का करार किया गया.
राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किमान वेतन हेतु यूनियन के माध्यम से कई निवेदन, आंदोलन एवं सरकारी यंत्रणा का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई लेकिन जब सारी कोशिशें असफल हुई तब नागपुर महानगरपालिका ठेकेदार कामगार संघटना के माध्यम से किमान वेतन अधिनियम के तहत नियुक्त सक्षम प्राधिकारी के समक्ष याचिका दायर की. याचिका दायर करने के बाद 5 वर्ष लगातार इस मुद्दे पर जिरह चलती रही.
करीब 57 बार तारीखे लगी. इस पूरे के सुनवाई के दरम्यान कई उतार-चढ़ाव समय-समय पर आते रहे लेकिन यूनियन की ओर से सूचना के अधिकार के मातहत जो जानकारियां हासिल की गई उन जानकारियों के आधार पर समक्ष प्राधिकारी के समक्ष कामगारों की भूमिका को मजबूती के साथ पेश करने में मदद मिली तथा कामगार के प्रतिनिधि भाई जामु आनंद जो कहना चाहते थे तथा साबित करने में सफलता मिली.
सारी सुनवाई एवं सारे पक्षों के जिरह के बाद सक्षम प्राधिकारी ने 12 पन्नों का फैसला सुनाया और फ्रांस की भारतीय कंपनी मेसर्स वियोलिया वाटर लिमिटेड आदेश दिया की 30 दिनों के भीतर कामगारों को १.८ करोड़ रूपए एक पट दंड सही अदा करें. आदेश मिलने के बाद कामगरों ने भाई आनंद के नेतृत्व में लोया का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किये. लोया का स्वागत के समय शिवा बावने (सचिव), संतोष शिरभाते, महफूज अनवर , मोहममद अहफ़ाज़, रितेश पाटिल, दिनेश उके उपस्तिथ थे. भाई आनंद ने अपेक्षा की की दुनिया की जानेमानी फ्रांस की कंपनी देश के कानूनों का सम्मान करेगी एवं सक्षम प्राधिकारी के आदेश को बड़े मन से स्वीकार करेगी.