– मंत्री – मंत्रालय को लेकर कलह
नागपुर :- मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली मर्तबा देवेंद्र फडणवीस नागपुर अपने गृहक्षेत्र आज दोपहर आ रहे थे लेकिन राजनैतिक अड़चनों की वजह से उन्हें अपना पहला दौरा बतौर मुख्यमंत्री रद्द किया। क्योंकि 3 पक्ष की सरकार है और भाजपा का गठबंधन सहयोगी अन्य दोनों पक्ष के नेतृत्वकर्ता भाजपा की शर्तों को सहज स्वीकार करने को तैयार नहीं इसलिए उन्हें मनाने , समझाने और उन्हें सत्ता में बने रहने के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस को तगड़ी भूमिका निभानी होगी। उल्लेखनीय यह है कि मुख्यमंत्री को अपने पक्ष से मंत्री बनाने से लेकर अन्य दोनों प्रमुख पक्ष के नेताओं को मंत्री बनाने के अलावा सहयोगी निर्दलीय को पक्ष में लेकर चलना होगा। भाजपा की शर्तों और कार्यशैली के हिसाब से यह आसान नहीं है। सूत्र बतलाते है कि आपसी आपसी तनातनी के कारण गत दिनों शपथ ग्रहण समारोह मात्र 11 मिनट का रखा गया,जिसे संभालने के लिए PM खुद कार्यक्रम में उपस्थित थे,फिर भी मात्र 3 मुख्यमंत्री,और 2 उपमुख्यमंत्री ही शपथ ले पाए।इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य ,अन्य राज्यों से मेहमान बुलाए गए और करोड़ों फूंक दिए गए। अधिवेशन पूर्व दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार में अजीत -एकनाथ अपनी शर्तानुसार मांग कर रहे जिसे सहज भाजपा केंद्रीय नेतृत्व तैयार नहीं,सबसे अहम शिंदे को गृह मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय चाहिए, दोनों मंत्रालय की वजनदारी भाजपा को पता है इसलिए भाजपा दोनों मंत्रालय के अलावा अन्य मंत्रालय देने और उन्हें स्वीकार करने के लिए जिद्दोजहद कर रही है। क्योंकि तीनों को सत्ता भी चाहिए और अपनी मनमाफिक हिस्सेदारी भी इसलिए मसला अबतक अनसुलझा होने के कारण मुख्यमंत्री ने अपना प्रथम आगमन दौरा रद्द किया। अगले 3 दिनों में सारी अड़चनें दूर कर सभी के साथ शीत सत्र के पूर्व 15 दिसंबर की दोपहर 12 बजे नागपुर पहुंचेंगे,इसी दिन शाम मुख्यमंत्री की चाय पार्टी होगी और दूसरे दिन 16 दिसम्बर से अधिवेशन की शुरुआत होगी। शहर में यह भी चर्चा गर्म है कि भाजपा की ओर से नागपुर जिले के किस किस भाजपा विधायक को देर सबेर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। भाजपा के कुल 7 विधायक चुन कर आए। देवेंद्र मुख्यमंत्री बन चुके है,इसके बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले जो फिलहाल फडणवीस खेमे में है उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है,अर्थात कृष्णा खोपडे का नंबर गया। कुनबी समुदाय से मोहन मते,समीर मेघे और आशीष देशमुख में से देर सबेर आशीष देशमुख का नंबर लग सकता है क्योंकि मोहन और समीर के वनस्पत ज्यादा प्रभावी है,नागपुर ग्रामीण में खासकर आगामी जिला परिषद सह अन्य चुनाव में अहम रोल निभाने का मादा रखते है,साथ ही केदार जैसे से निपटने के लिए सक्षम है। यह समीकरण है,इसके बावजूद राजनीति में कुछ भी मुमकिन है,अगर इस बिना पर समीक्षा की जाए तो नागपुर से पहली मर्तबा चुन कर आए प्रवीण दटके का नंबर लग सकता है,फिलहाल वे मनपा, नासूप्र,शहर भाजपा, व्यापारिक इलाका सह उड़ता मध्य नागपुर सम्भल रहे है।