– ADHIKSHA RIGHTS FOUNDATION ने नागपुर जिला प्राथमिक शिक्षणाधिकारी रोहिणी कुंभार से की शिकायत,लेकिन कानों पर जूं तक नहीं रेंगा,RTE प्रवेशों में धांधली के सबूत पेश किये
नागपुर :- खासकर प्राथमिक शिक्षण क्षेत्र में सक्रीय ADHIKSHA RIGHTS FOUNDATION जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक पालक/विद्यार्थी के मध्य सराहनीय कार्य कर रही हैं.समय पड़ने पर जरूरतमंदों के हित में शिक्षणाधिकारी और जिला प्रशासन का ध्यानाकर्षण करवाने में कोई कोताही नहीं बरतती।तो दूसरी ओर प्राथमिक शिक्षणाधिकारी कार्यालय शिक्षण क्षेत्र में काफी निष्क्रिय है,नतीजा शिक्षण क्षेत्र में भ्रष्टाचार अपनी जेड मजबूत करते जा रहा हैं.
उदहारण के तौर पर नागपुर जिला प्राथमिक शिक्षणाधिकारी रोहिणी कुंभार को उक्त संस्था ने BLOOSOM SCHOOL प्रबंधन लॉटरी में लगे नंबर के पालक से ऊपरी पैसे की मांग की जब नहीं दिया तो प्रवेश रद्द कर देने की धमकी दी गई,इसके खिलाफ सबुत सह उनकी धांधली प्रकाश में लाते हुए जाँच सह नियमानुसार कार्रवाई की मांग की लेकिन समाचार लिखे जाने तक मामला ठन्डे बस्ते में पड़ी आराम फरमा रही हैं.सारे प्रकरण में सिर्फ़ दो ही पालको को राहत दी गयी और पालको का कहना है की जैसे की भीक दी जा रही है।
मालूम हो कि ADHIKSHA RIGHTS FOUNDATION के प्रमुख ने प्राथमिक शिक्षणाधिकारी को निवेदन देते हुए जानकारी दी कि RTE अंतर्गत आवेदनों की लॉटरी निकालने के बाद RTE की अहम् समिति BRC, URC-1, URC-2 नामक समिति चयनित आवेदनों से संलग्न कागजातों सह अंकित जानकारी की जाँच कार्यालय/समिति हॉल में किये जाने के कारण फर्जी कागजात पेश करने वालों को RTE योजना का लाभ मिल रहा हैं.
प्रकरण 1- 23NG039949 मानवी राजेश बुवाडे फ्लैट नंबर 413, विंग सी, कस्तूरी गार्डन, गोटलपंजरी में रहते हैं लेकिन इस पते पर बोमचेर याने जिनका मकान है वे रहते हैं.इस सन्दर्भ में सबूत के तौर पर वीडियो भी दिखाए गए.इस मामले की जाँच की मांग ADHIKSHA RIGHTS FOUNDATION ने करते हुए आवेदन/प्रवेश रद्द करने की भी मांग की.अभी तक इस पर कोई भी प्रतिक्रिया शिक्षण विभाग और शिक्षण अधिकारी द्वारा नहीं कीगयी है
प्रकरण 2- 23NG022129 मोहम्मद बसीर मोहम्मद रेयान ने 2 आवेदन सुपुर्द किये,दूसरा आवेदन का क्रमांक – 23NG012290 हैं,जिसका प्रतीक्षा सूची में 42वें नंबर पर दिख रहा है। इस संगीन मामले पर ध्यान ही नहीं दिया गया अर्थात आज तक कोई जांच हुई है। अभी तक इस पर कोई भी प्रतिक्रिया शिक्षण विभाग और शिक्षण अधिकारी द्वारा नहीं कीगयी है
प्रकरण 3- 23NG001234 मोहित तारेंद्र पवार के पास 2 अलग-अलग राज्यों महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का जाति प्रमाण पत्र है।इसका सबूत पेश किये जाने के बाद आज तक इसके आवेदन को तरजीह दी जा रही हैं और आवेदन में फर्जीवाडा हुआ है यह जानते हुए भी और सभी साक्ष्य म जो प्रस्तुत किये गए उनको देखने के बाद भी आवेदन निरस्त नहीं किया गया है
प्रकरण 4- 23NG004731 अनुज शरद देवदानी RTE आवेदन में दर्शाए हुआ आवासीय पते पर नहीं रहते और इस बात की बारीकी से जाँच नहीं कि गई थी। यह प्रकरण बाद में वेरिफिकेशन कमिटी क सामने लाया गया तब कही जा कर कमिटी ने इस प्रवेश को निरस्त किया.
ऐसे अनेको फर्जी प्रवेश RTE के तहत दिये गए है,पर सम्बंधित अधिकारी उन सब विषयों का संज्ञान लेने से कतरा रहे है जिस से निस्पक्ष और निस्वार्थ प्रवेश प्रणाली पर सन्देह होना स्वाभविक ही लगता है।अनेको ऐसे फ़र्ज़ी दस्तावेज पर प्रवेश के मामले शिक्षण अधिकारी के नज़र के नीचे हो रहे है पर अगर सिर्फ एक मुद्दे पर ही संज्ञान लिया जा रहा है तोह इस से यह बात स्पष्ट हो जाती है की शिक्षण विभाग के कर्मी इस फर्जीवाड़े में लिप्त है और नियमो का बहाना बताते हुए खुद नियमो की धज्जियाँ उड़ा रहे है, येही नहीं गरीबो के कल्याण के लिए बनाई गई सरकारी नीतियों को मनचाहे तरीको से निजी स्वार्थ के लिए तोड़ मरोड़ के साधन संपन्न लोगो तो आबंटित कर रहे है. यह सरकारी राजस्व के साथ साथ गरीबो और ज़रूरतमंद के हक्क का भी शोषण है .
ADHIKSHA RIGHTS FOUNDATION के सर्वेसर्वा ने उक्त सभी प्रकरणों की सूक्ष्मता से जाँच कर दोषियों पर कड़क कार्रवाई की मांग दोहराई, अन्यथा उक्त प्रकरण को लेकर शिक्षा का बाज़ारीकरण रोकने के लिए न्यायालय के दर गुहार लगाई जाएगी शीघ्र ही अगर कार्यवाई नही की गई तो संस्था उप मुख्य मन्त्री जी को भी ज्ञापन सौपेगी ।,इससे होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी प्राथमिक शिक्षणाधिकारी की होगी।