बाघ के डर से खेती करना छोड दे क्या ?

– बाघों के आतंक के सवाल पर किसानों का जवाब

– अब बाघ की चौगान की ओर आगेकुच

– कल 20 नवंबर को चौगान इलाके में पगमार्क देखे गए

– फसल का मौसम और बाघ का प्रवेश एक साथ

रामटेक :-  रबी सीजन में किसानों की कृषि गतिविधियों और उसी समय क्षेत्र में वाघो के प्रवेश के कारण किसानों और नागरिकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। बाघ के हमले में नहाबी में एक किसान की मौत से क्षेत्र में दहशत व डर का माहौल है। ऐसे में क्षेत्र के किसान बाघ के डर से खेती का काम छोड़कर घर बैठे रहने या परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी देख खेत की फसल को ठिकाने लगाने की कश्मकश में खुद को पा चुके हैं. लेकिन आज 21 नवंबर को मांद्री क्षेत्र के किसानों से बाघों के आतंक के बारे में पूछा गया तो ‘ क्या अब बाघों के डर से खेती करना छोड़ दे ? ‘ ऐसा सवाल उन्होने उठाया है।

नहाबी के 65 वर्षीय किसान नंदू लक्ष्मण सलैया को हाल ही में 5 नवंबर को एक बाघ ने मार डाला था। सिर्फ एक शिकारही नहीं, बल्कि उसका भक्षण किया। इस रोमांचकारी घटना से क्षेत्र में बाघों का भय व्याप्त हो गया तथा क्षेत्र के किसानों व नागरिकों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है. खास बात यह है कि ठीक इस समय जब रबी सीजन में किसानों का काम चल रहा होता है तो किसानों के सामने एक तरफ खाई और दूसरी तरफ कुआं ऐसी स्थिती निर्माण हो गयी है। एक दुविधा खड़ी हो गई है। इसके अलावा, वर्तमान स्थिति में खेत मे धान और पराटी की फसलें इंसानों जितनी बड़ी हैं, आमतौर पर छिपे हुए बाघ इसमे दिख नही पाते। इससे किसानों के साथ ही बाघ को ढूंढ़ने और जंगल में खदेडने के लिए आयी हुई सीआरपीएफ की टीम तथा वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को काफी परेशानी व बाधा उत्पन्न हो रही है l बहरहाल, आज 21 नवंबर को बाघ आतंक को लेकर मांद्री खेत परीसर के किसानों की राय लेने का प्रतिनिधी ने प्रयास किया तो ‘ क्या बाघों के डर से हम खेती करना बंद कर दे ? ‘ ऐसा क्रुद्ध करने वाला प्रश्न ही उन्होने उलटा प्रतिनिधी के सामने खडा किया । यह देखकर किसान अपनी जान जोखिम में डालकर खेती कर रहे है तथा किसानों पर अपने और अपने परिवार के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है यह चित्र दिखाई दिया।

इलाके में एक नहीं बल्कि चार बाघ का विचरण

नहाबी शेतशिवार में जब एक बाघ द्वारा एक किसान को मारकर खा जाने की रोमांचकारी घटना हुई, तो इस बात की चर्चा और भय था कि क्षेत्र में केवल एक ही बाघ है। रामटेक वन विभाग के आरएफओ अनिल भगत ने बताया कि झुंड में एक बाघ, एक बाघिन और दो शावक हैं.

अब चौगान खेत परीसर के तरफ बाघ का मोर्चा – आरएफओ भगत

आरएफओ अनिल भगत से जब बाघ की स्थिति तथा लोकेशन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कल २० नवंबर को रामटेक- मुसेवाडी रोड स्थित चौगान शेत शिवार में बाघ के पगमार्क देखे गए थे । उन्होंने यह भी कहा कि वह यहां ‘मीटिंग’ के लिए रुके हुए हैं. ‘ और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बाघ, बाघिन की मिटींग के बाद वह सब यहां से चले जाएंगे। आरएफओ भगत ने सलाह दी है कि किसानों के साथ-साथ नागरिकों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।

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