नागपुर – वेकोलि की खदानों मे घटिया और निकृष्ठ दर्जे का कोयला आपूर्ती से बिजली केन्द्र मे उत्पादन पर असर तो पड ही रहा है वल्कि घटिया कोयले के उपयोग की वजह से प्रदूषण का नागरिकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड रहा है l हालही वेकोलि की गोंडेगांव ओपन कास्ट कोयला खदान से ट्रक टिप्परों के माध्यम से कोराडी की तापीय बिजली परियोजना को कोयला आपूर्ती किया जा रहा है,उसमे काफी मात्रा मे घटिया और निकृष्ठ दर्जे का कोयला पाया गया है, यानी प्रत्येक टिप्परों मे 30 से 40 % प्रतिशत सैलपत्थर मिश्रित कोयला पाया गया है । जबकि असली कोयला डुमरी रेलवे यार्ड के नाम पर खदानों से आपूर्ती किया जा रहा हैlजो नागपूर जवलपुर मार्ग पर स्थित डुमरी चोंक से अवैध कोयला टालों मे टिप्परों को खाली करवा दिया जा रहा है,जबकि टिप्परों मे लदे सेल पत्थर मिश्रित कोयला डुमरी यार्ड मे उतारा जा रहा है.यह काला कारोबार अधिकांशतः रात के समय पर होता चला आ रहा है।
इससे सरकार को करोडों रुपये की छपत लग रही हैं, वल्कि प्रदूषण को बढावा मिल रहा हैl इस प्रकरण मे वेकोलि के सब एरिया मैनेजर ,सुरक्षा अधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय महाप्रबंधक तक की सांठगांठ होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता हैlबिजली केन्द्र के मैन गेट पर तैनात सुरक्षा पहरेदार भी इस गंभीर समस्या से अनभिज्ञ नजर आ रहे है।
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