असाध्य रोगों का अब नागपुर में जड़ से इलाज संभव

– जेनेटिक, एपीजेनेटिक उपचार पद्धति से बढी उम्मीद की नई किरण

नागपुर :- शहर को मध्य भारत का मेडिकल हब कहां जाता है। और अब तो नागपुर में लाईलाज, असाध्य, दुर्लभ बीमारियों का भी जेनेटिक-एपीजेनेटीक उपचार पद्धति द्वारा जड़ से इलाज हो रहा है। यहां एक ऐसा जेनेटिक हीलिंग सेंटर है, जहां नागपुर, विदर्भ और महाराष्ट्र ही नहीं देश के विभिन्न राज्यों और विदेशी मरीजों का भी उपचार होता है। जेनेटीक एपीजेनेटीक जैसे नयी पद्धति से असाध्य रोगो का उपचार करने वाला यह शायद विश्व का एकमात्र हेल्थ केयर हीलिंग सेंटर है।

नागपुर के नंदनवन में डॉ. रवी वैरागडे के एडव्हांस्ड हेल्थ हीलिंग ट्रीटमेंट सेंटर, आरोग्यम360 मे यह उपचार होता है.इस बारे में डॉक्टर रवी वैरागडे ने बताया कि, उनकी उपचार पद्धति से अनेक लोगों की असाध्य बीमारियां रिव्हर्स या खत्म हो चुकी है। उनके सेंटर में आने वाले मरीज रोते हुए आते हैं लेकिन लौटते समय मुस्कुराते हुए जाते हैं। पॉच-दस साल या इससे अधिक सालो से चल रही असाध्य बीमारी भी मात्र 5 दिनों में कम होना शुरू होती है। काफी मरीज को तो मात्र 5 दिनो मे पँथॉलॉजी रिपोर्ट्स और सीटी स्किन मे भी बदलाव देखने को मिलता है यह इस इलाज की सबसे अचंभित करने वाली बात है।जेनेटीक ईलाज असाध्य बीमारी (क्रॉनिक डिसीजेस) का अंतिम उपाय माना जाता है। पूरी दुनिया ने जेनेटीक (Genetic) और जीनॉमीक(Genomic) पद्धति से ईलाज की कोशिश की जा रही है। ऐसे मे देश के केंद्रबिंदु नागपुर मे एेसे उपचार पद्धति का होना देश के मरीजो के लिए अत्यंत हर्ष की बात है।

इंसान का दिमाग व्यक्ति से कुछ भी करा सकता है। यहा तक की जेनेटीक्स को भी प्रभावित कर सकता है ये न्युरोजीनोमिक्स, सायकोजीनोमिक्स और सायकोन्युरोईम्युनॉलॉजी द्वारा साबित हो चुका है। इन अद्भुत सायंसेस और जेनेटीक होमीयोपँथी के संयोग द्वारा उम्मीद खोये हुए मरीजों को नई आशा की किरण मिले यह डॉ.रवी वैरागडे के एडव्हांस्ड हेल्थ टीम का प्रयास है।

करीब-करीब सभी असाध्य बीमारियां जैसे कैंसर, डायबिटीज, किडनी-लीवर फेल, जेनेटीक जैसी दुर्धर बीमारियों का उपचार डॉ. रवी वैरागडे के एडव्हांस्ड हेल्थ सेंटर मे किया जाता हैं।

हाल ही में पुणे निवासी एक 7 वर्षीय बालक अविराज एक अत्यंत गंभीर बीमारी से पीड़ित है। यह बीमारी अपने अंतिम चरम पर थी और उसे असहनीय दर्द होता था। परंतु वह डॉक्टर रवी वैरागडे के जेनेटिक उपचार से उसे पहले ही दिन आराम हुआ और वह अब स्वस्थ महसूस कर रहा है। उसका पुणे में अनेक वर्षों से उपचार जारी था परंतु उसे आराम नहीं हुआ था।

डॉक्टर रवी वैरागडे ने बताया कि अब तक 4 लाख से अधिक लोगों का उपचार किया है। उनके मरीज देश-विदेश में फैले हुए हैं। मुंबई, पूणे, अहमदाबाद, सूरत ,हैदराबाद ,चेन्नई ,दिल्ली ,आसाम ,राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के अलावा सिंगापुर थाईलैंड आदि देशों में उनके मरीज है। बाहर के मरीजों का ऑनलाइन पद्धति से उपचार किया जाता है। सेमिनार के माध्यम से जेनेटिक उपचार के लिए जनजागृति की जा रही है। उनकी सात डॉक्टर्स और हेल्थ काऊंसेलिंग की टीम है। एडव्हांस्ड हेल्थ का प्रमुख कॉर्पोरेट क्लिनीक मुंबई और नागपुर मे है और आरोग्यम360 हीलिंग सेंटर नागपुर मे स्थित है। यहा ऑनलाइन टेली कंसल्टेशन द्वारा देश और दुनिया के किसी भी जगह के मरीज का घर बैठे इलाज किया जाता है।

नागपुर सेंटर में करीब 42 लोगों की रहने की व्यवस्था है। यहां स्वास्थ्य से संबंधित सभी सुविधा मरीजों को मुहैया की जाती है। जिसमें मरीजों के लिए हीलिंग सेशन, हल्के व्यायाम के लिए मीनी जीम, मनोरंजन के साधन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, मरीजों के रिश्तेदारों के लिए लाइब्रेरी, और ईलाज से संबंधित संपूर्ण इकोसिस्टम जैसी सुविधा यहां है।

यह एडव्हांस्ड हेल्थ क्लीनिक नागपुर का नहीं तो विश्व का जेनेटिक उपचार का क्लीनिक है ऐसा कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

दरअसल बीमारी की असली वजह (रूट कॉस ट्रीटमेंट) इसकी खोज रूट कॉल एनालीसीस(Root Cause Analysis) पद्धति से की जाती है और उसके बाद ईलाज की दिशा तय की जाती है, ऐसा डॉक्टर रवी वैरागडे ने बताया। उनके पास छोटे से लेकर बड़े तक छोटे बच्चे से लेकर उम्र दराज लोगों का उपचार होता है। उन्होंने कहा कि हम मरीज का पूरा अंदरूनी सिस्टम बदलने के लिए माइंड ट्रांसप्लांट, सायकोन्युरोईम्युनॉलॉजी ईत्यादी तरीके की इस्तेमाल करते है। अंदरुनी सिस्टम सही होने से शरीर अंदर से स्वस्थ होने लगता है और बीमारी भी ठीक होने की और बढती है। उन्होंने अपने काम की शुरुआत नागपुर में ही की थी। लेकिन बाद में मुंबई में भी काम शुरू किया था। आज मुंबई में भी उनका एक सेंटर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि इस उपचार पद्धति में काफी कम खर्च आता है।

डॉक्टर रवी वैरागडे को बेस्ट इनोवेशन इन ग्लोबल हेल्थ अवार्ड, इंडिया मोस्ट ट्रस्टेड हेल्थ केयर ब्रैंड -2023 व ज्ञान गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

डॉ. रवि वैरागडे ने पत्रकार परिषद में बताया की सिर्फ दवाईयों से नहीं जड़ से इलाज करने की भी जरूरत होती है, पत्रकार परिषद में डॉ. मीनल वैरागड़े और डॉ.दीपाली भी उपस्थित थी.

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