नागपुर :- राज्य में पहली बार किसी महिला अधिकारी को पुलिस विभाग का मुखिया नियुक्त किया गया है. मंगलवार को गृह विभाग ने 1988 बैच की आईपीएस अफसर रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) को राज्य की कानून व्यवस्था की कमान सौंप दी.
वहीं डीजी रजनीश सेठ को एमपीएससी का चीफ नियुक्त किया गया. नागपुर जिले (Nagpur District) में भी रश्मि शुक्ला का रौब रहा है. वे डैशिंग महिला अधिकारी के तौर पर जानी जाती हैं. वर्ष 1996 में उन्हें नागपुर ग्रामीण अधीक्षक नियुक्त किया गया. उन्होंने बी.एन. राऊत से पदभार लिया था.
जिले का कार्यभार संभालते ही उन्होंने भर्ती को लेकर अनियमितता उजागर की थी. जिसके बाद सरकार को नागपुर जिले की भर्ती रद्द करनी पड़ी और उनके कार्यकाल में दोबारा भर्ती हुई. पेट्रोल में मिलावटखोरी के बड़े रैकेट को भी उन्होंने उजागर किया था. यह पहला केस था जब लोगों को पेट्रोल की मिलावटखोरी का पता चला था.
इस प्रकरण में उनपर काफी दबाव बनाया गया लेकिन शुक्ला के आगे किसी की नहीं चली. 1999 में उन्हें प्रतिनियुक्ति पर नागपुर स्थित दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र में निदेशक बनाया गया. एससीजेडसीसी में काम करने वाली वे पहली आईपीएस अधिकारी थीं. 4 वर्ष के कार्यकाल के बाद उन्हें वर्ष 2003 में उन्हें बतौर डीसीपी नागपुर भेजा गया था. जोन 3 की कमान संभालते हुए उन्होंने कई बड़े अपराधियों को नाकों तले चने चबवाए. उनके उनके द्वारा एक दहेजलोभी परिवार की सरेआम धुलाई का किस्सा भी लोग अब तक याद करते हैं.
मेयो अस्पताल चौक के समीप स्थित देवानी धर्मशाला शादी के दौरान ही एक परिवार दहेज के लिए अड़ गया. लड़की वाले पैर पकड़ते रहे लेकिन लड़के वाले अड़े रहे. जब शुक्ला इसका पता चला तो वे कार्यक्रम स्थल पर पहुंची. सभी मेहमानों के सामने दहेजलोभियों को डंडे लगाए और सारे बारातियों को लॉकअप में डाल दिया. 2005 में डीआईजी प्रमोशन पर उनकी पोस्टिंग बायकला जेल में हुई. शुक्ला के रौबदार कार्यकाल के ऐसे कई किस्से हैं जो आज भी नागपुरवासी भूले नहीं है. लगभग 9 वर्ष लगातार उन्होंने नागपुर में काम किया है. यह कहा जा सकता है कि वे नागपुर ग्रामीण और शहर की रग-रग से वाकिफ है.
संजय कुमार नागपुर मैट की जिम्मेदारी
मुंबई उच्च न्यायालय की फटकार के बाद राज्य सरकार ने महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (मैट) के रिक्त पदों पर नियुक्ति की है. नागपुर खंडपीठ में पूर्व डीजी संजय कुमार की नियुक्ति की गई है जबकि औरंगाबाद खंडपीठ में पूर्व आईपीएस अफसर विनय कोरगांवकर की नियुक्ति की गई