नागपुर :- मेयो हॉस्पिटल चौक से सुनील होटल तक बनने वाले पुराना भंडारा डीपी रोड के चौड़ाईकरण के लिए जिन बाधित प्रापर्टी का अधिग्रहण किया गया है. उसका कब्जा पत्र लेकर मनपा द्वारा प्रापर्टीधारकों को मुआवजा के चेक देना शुरू कर दिया गया है लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें प्रापर्टीधारक का चेक मनपा के संबंधित अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने के कारण वापस आ गया.
मामला इंद्रजीत हरिकेशप्रसाद वायपेयी का है. उनकी रोड चौड़ाईकरण में प्रापर्टी बाधित हुई जिसके लिए 43 लाख रुपये के लगभग मुआवजा तय किया गया. जानकारी के अनुसार मनपा के संबंधित विभाग की ओर से उन्हें 3 चेक दिये गए. 2 चेक तो क्लीयर हो गया लेकिन तीसरा 10,43,854 रुपये का चेक बाउंस हो गया. बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उक्त चेक को प्रापर्टीधारक ने यूनियन बैंक में जमा किया था. बैंक ने संबंधित अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने का कारण बताते हुए उन्हें चेक बाउंस होने की सूचना दी.
इधर मध्य नागपुर विकास आघाड़ी के अध्यक्ष भूषण दड़वे ने सवाल उठाया है कि पुराना भंडारा रोड को दशकों से लटकाया जा रहा था. पिछले वर्ष भूमिपूजन किया गया और केवल 200 मीटर निर्माण कार्य किया गया. बाधित प्रापर्टी के अधिग्रहण के लिए निधि नहीं होने कारण देकर भी इस रोड को वर्षों लटकाया गया.
अब राज्य सरकार ने अधिग्रहण के मुआवजा के लिए करोड़ों रुपये मनपा प्रशासन को दिये हैं. बावजूद इसके चेक बाउंस हो रहे हैं. सवाल यह है कि करोड़ों रुपये आने के बाद भी ऐसा क्यों हो रहा है. क्या जानबूझकर निर्माण निर्माण कार्य लटकाने का प्रयास किया जा रहा है. जब तक प्रापर्टी अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ने वाला है.