– हर साल बस्तियों के जलमग्न होने की घटनाओं से भी नहीं लिया जा रहा सबक
नागपुर :-हर साल केंद्र सरकार और राज्य सरकार से शहर के विकास के लिए मिलने वाले हजारों करोड़ रुपये के फंड से नागपुर सुधार प्रन्यास और नागपुर महानगर पालिका द्वारा पानी की तरह रुपया बहाने के बावजूद एक ही मुसलाधार बारिश में मनपा,नागपुर सुधार प्रन्यास और सार्वजनिक बांधकाम विभाग के द्वारा ईमानदारी से किये गये विकास कार्यों की पोल चुटकी में खुल जाती हैं.
बारिश के पानी की शासन प्रशासन द्वारा योजनाबद्ध तरीके से निकासी व्यवस्था नहीं करने से शहर भर में जगह-जगह जल भराव की समस्या खड़ी हो जाती हैं.
एक तरफ जल जमाव से करोड़ों रुपये खर्च करके बनायी गयी नव नवेली सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे बन जाते हैं वहीं दूसरी ओर सड़कों पर जमा पानी लोगों के मकानों,दुकानों,अपार्टमेंटों में घुस जाता हैं.कहाँ सड़क और कहाँ गटर का चेंबर हैं,ढूंढना मुश्किल हो जाता हैं.
शासन प्रशासन की गल्तियों का खामियाजा हर साल आम जनता को ही उठाना पड़ता हैं.आर्थिक नुकसान के साथ-साथ बारीश के कारण होनेवाली आकस्मिक दुर्घटनाओं में मौतें भी आम आदमी का पीछा नहीं छोड़ती.
कुछ महीने पहले से करोड़ों रूपये खर्च करके 18वें जी 20 शिखर सम्मेलन के बहाने “बदसूरत संतरा नगरी” को ब्यूटी पार्लर की तरह चमकाने की जी तोड़ कोशिश की जा रही हैं.जो कि पहली बारिश में ही शासन प्रशासन और लोकसेवकों को आईना दिखाने वाली हैं.
शहर भर में गंदी,बदरंगी दीवारों को सौंदर्यीकरण के नाम पर रंग बिरंगी पेंटिंग्स बनाकर चमकाया जा रहा हैं.फूटपाथों का,दीवारों की दुरूस्ती,पेड़ों की रास्तों पर झूलती हुई टहनीयों को काटने-छांटने काम का कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं.
विकास और सौंदर्यीकरण की इसी कड़ी में वर्धा रोड रहाटे काॅलोनी चौक से अजनी चौक तक जेल रोड की सड़कों के दोनों बाजू में बारिश के पानी की निकासी के लिए नई पाईप लाईन बिछाने का काम शुरू हैं.यह पाईप केवल एक फीट छेद (व्यास) वाले हैं.इस एक फीट व्यास वाले पाईप से मुसलाधार बारिश के पानी की तेजी से निकासी वाकई हास्यास्पद और शर्मनाक लगती हैं.
इस कार्य को अंजाम देने वाले इंजीनियर और ठेकेदार भी वाकई प्रशंसा के हकदार हैं.
डाॅ बाबासाहब आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय विमानतल पर हर साल हर बारिश में सड़क के चार-पांच फीट उपर पानी जमा रहता हैं.ऐसा ही हाल शहर की अनेक बस्तियों का भी हैं.
बस्तियों में कई जगहों पर एक से डेढ़ फीट व्यास के पाईप बिछाने से और बहते हुए पानी के साथ-साथ कूड़ा करकट, घांस,पत्ते,पेड़ों की टहनियों,प्लास्टिक की पन्नीयों,टायर,कपड़े जैसी चीजों के बहने से ये एक फीट व्यास वाले पाईप हमेशा जाम हो जाते हैं और पानी की निकासी रुक जाती हैं.
यही से जल जमाव की समस्या खड़ी हो जाती हैं.कृत्रिम रूप से निर्मित और शासन प्रशासन की घोर लापरवाही का परिणाम आम जनता और अग्निशमन विभाग को ही हर बार झेलना पड़ता हैं.
दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा हर साल मंडराने से बारहों महीने देश में भीषण गर्मी का प्रकोप शुरू होने से देश भर में हर साल भयंकर बारिश की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं.
जगह-जगह बाढ़ और भूस्खलन का भी खतरा बढ़ता जा रहा हैं.ऐसे में बारिश के पानी की निकासी के लिए हर जगह बिछाये गये एक-डेढ़ फीट के पाईप किसी भी काम के नहीं हैं.
हर साल भारी बारिश से जल जमाव की समस्या से बचने के लिए शहर की हर बस्तियों में ढाई-तीन फीट व्यास वाली पाईप लाईन बिछाने की जरूरत हैं.इसके साथ ही गटर,सीवर लाईन के छोटे चेंबरों को बड़ा बनाने की भी जरूरत हैं.
ठंडी का मौसम खत्म होने के बाद अभी तीन-चार महीने भीषण गर्मी पड़ने वाली हैं.इन तीन-चार महीने के समय में शासन प्रशासन ने स्वयं संज्ञान लेकर हर साल आम जनता को बरसात के दिनों में बाढ़ जैसे हालात से निजात दिलाने के लिए शहर में बारिश के पानी की उचित निकासी के लिए बिछायी गयी एक डेढ़ फीट व्यास वाली पुरानी पाईप लाईन निकाल कर ढाई-तीन फीट व्यास वाली पाईप लाईन शीघ्र बिछाने और गटर के छोटे चेंबर दुरूस्त करके बड़े चेंबर बनाने की मांग जनलोकपाल संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश पौनीकर,दीपक साने,मनोज सोनी,प्रल्हाद समर्थ,ज्ञानेश्वर गोखे,रविकांत वाघ, संजय शर्मा,अजय शाहू आदि सदस्यों ने शासन प्रशासन से की हैं.
प्रतिनिधि,राजेश पौनीकर
(अध्यक्ष- जनलोकपाल संघर्ष समिति,नागपुर)