– वेकोलि खदान के पूर्व उप क्षेत्रीय प्रबंधक गौतम कुमार बासुटकर की जगह उसकी जिम्मेदारी आंबेकर की दी गई.अम्बेकर भी बासुटकर की भांति खुलेआम मनमानी कर रहा हैं.
वणी नार्थ :- वणी नार्थ अंतर्गत किसी माफिया ने 365 क्यूबिक मीटर OB उठाने के लिए घोंसा खदान प्रबंधन से अनुमति ली थी.इसके लिए बाकायदा शुल्क अदा किया गया था.खदान प्रबंधक ने OB उठाने वाले ठेकेदार को OB बहार ले जाने की खुली छूट दे रखी हैं,ठेकेदार ने अब तक तय OB उठकर बहार बेच चूका हैं ?
नियम यह कहता है कि खदान अंतर्गत काटा घर और चेक पोस्ट में आवाजाही करने वाली ट्रक की वाहन क्रमांक दर्ज होनी चाहिए। इससे ट्रक द्वारा किया जा रहा OB की मात्रा का पता चलता हैं. इन गौण खनिज पर लगने वाली रॉयल्टी का अंदाजा भी लगाया जा सकता हैं.
नियमानुसार गौण खनिज पर लगने वाली रॉयल्टी की वसूली जिला खनन अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए।इससे अवैध तस्करी की रोकथाम हो सकती हैं.सब कुछ नियमानुसार हुआ तो सरकारी राजस्व को चुना लगने या रॉयल्टी चोरी से बचाया जा सकता हैं.
घोंसा वेकोलि खदान के पूर्व उप क्षेत्रीय प्रबंधक गौतम कुमार बासुटकर की जगह उसकी जिम्मेदारी आंबेकर की दी गई.अम्बेकर भी बासुटकर की भांति खुलेआम मनमानी कर रहा हैं.बासुटकर की अंधाधुन मनमानी को CBI ने रंगेहाथ पकड़ा था फिर उसे वेकोलि ने निलंबित कर दिया था उसकी जगह आम्बेकर को जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
जल्द ही आम्बेकर के खिलाफ एमओडीआई फाउंडेशन CVO,CVC,CBI में लिखित शिकायत दर्ज करवाएगा।इससे होने वाली नुकसान के जिम्मेदार वेकोलि प्रबंधन की होगी।